Bechne Ka Sabse Alag Tareeka Book

Bechne Ka Sabse Alag Tareeka

How to Sell Without Selling (Hindi)
आपके बिज़नेस को एक नया और अनोखा दृष्टिकोण देने वाली बुक।

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The Psychology of Money: Timeless Lessons on Wealth, Greed, and Happiness in Hindi

 The Psychology of Money: Timeless Lessons on Wealth, Greed, and Happiness in Hindi




इंट्रोडक्शन

आप इनमे से क्या चूज़ करना चाहोगे एक खूबसूरत बंगला या $3 बिलियन? फ्रीडम या अच्छी reputation? 

क्या आपको लगता है कि आपने लाइफ में काफी पैसा कमा लिया है? क्या आप जानना चाहते है कि $84.5 बिलियन कैसे कमाया जाए?  

अगर ये सारे सवाल आपके दिमाग में घुमते है तो ये किताब पढ़िए, इसमें आपके हर सवाल का जवाब मिलेगा.  

(दुनिया का ग्रेटेस्ट शो)The Greatest Show on Earth

ऑथर मॉर्गन हौसेल जब कॉलेज में थे तो पैसे कमाने के लिए वेलेट की जॉब किया करते थे. जहाँ वो जॉब करते थे वो Los Angeles का एक आलिशान और मंहगा होटल था. एक बार वहां एक गेस्ट आया जो अक्सर उस होटल में आया करता था, वो लड़का एक टेक्नोलोजी एक्जीक्यूटिव था और काफी तेज़ दिमाग वाला था. सिर्फ 20 साल की उम्र में ही उसने वाई-फाई राऊटर के लिए एक की कॉम्पोनेन्ट डिजाईन करके उसे पेटेंट करवा लिया था. 

उस यंग मिलेनियर ने कई सारी टेक कंपनी स्टार्ट की और बाद में उन्हें बेच दिया. वो काफी सक्सेसफुल था. लेकिन पैसे के मामले में वो थोडा अनलकी था. 

वो लड़का जहाँ भी जाता अपने साथ नोटों की गड्डी रखता था और जो भी उसके साथ बात करता, उसे वो ये पैसे दिखाता था. वो शराब पीकर बड़ी-बड़ी डींगे मारता था. एक दिन उस आदमी ने गाडी़ park करने वाले guard को बुलाया और उसे कुछ नोट देकर पास वाली दुकान में जाने का ऑर्डर दिया. Guard को नोट के बदले दुकान वाले ने कई $1000 सोने के सिक्के दिए. 

तो उस यंग टेक्नीशियन ने उन गोल्ड कोइंस का क्या किया होगा? उसने वो कोइंस समुंद्र में फेंक दिए. उसने अपने दोस्तों को भी बुला लिया और सबने मिलकर वो कोइंस समुंद्र में ऐसे फेंक दिए जैसे कोई तालाब में पत्थर फेंकता है. 

उसके कुछ दिनों बाद एक दिन वो यंग मिलेनियर गलती से होटल के लैंप से टकरा गया. मैनेजर ने उसे कहा कि लैंप की कीमत $500 है तो उस आदमी ने तमाशा खड़ा कर दिया. उसने अपने जेब से पैसे निकाल कर मैनेजर के मुंह पर दे मारे और बोला” ये रहे $5000, अब दोबारा मुझे अपनी शक्ल मत दिखाना” 

शायद आप सोच रहे होंगे कि ये कहानी सच है क्या? शायद आप सोच रहे होंगे कि उस यंग मिलेनियर का क्या हुआ होगा? जी हाँ ये स्टोरी एकदम सच है. इस किताब में आप कुछ ऐसी ही और कहानियां पढ़ेंगें. लेकिन इस कहानी के लास्ट में यंग मिलेनियर का दिवाला निकल जाता है. उसने कुछ ही सालो में जो कुछ कमाया था, सब उड़ा दिया. उसके सारे पैसे खत्म हो गए और उसके यार-दोस्त भी उसे छोडकर चले गए. 

देखा आपने! पैसे से आप सब कुछ खरीद सकते हो पर अच्छा व्यवहार नही खरीद सकते. 

चलिए एक और कहानी सुनते है. Ronald रीड एक जैनिटर यानी दरबान था, वो एक छोटे से गाँव में पैदा हुआ और पला-बढ़ा था. वो अपने परिवार का पहला ऐसा इंसान था जिसने हाई स्कूल तक पढ़ाई की थी और उससे भी मजेदार बात ये थी कि वो रोज़ लोगो से लिफ्ट लेकर स्कूल पहुँचता था. 

Ronald एक साधारण जिंदगी जी रहा था. 25 साल उसने एक गैस स्टेशन में गाड़ियाँ रिपेयर करने का काम किया. उसने जे.सी. पन्ने में 20 सालो तक फ्लोर की सफाई का काम किया. 38 साल की उम्र में Ronald ने एक दो बेडरूम का घर खरीदा. उसने वो घर $12000 में खरीदा और अपनी पूरी लाइफ उस घर में गुजारी. 

Ronald की शादी भी हुई पर कोई बच्चा नहीं हुआ. जब वो 50 का हुआ तो उसकी वाइफ चल बसी थी. उसके पड़ोसी का कहना था कि Ronald की मनपसंद hobby लकड़ीयाँ काटना था. 

जिस दिन Ronald ने न्यूज़ हेडलाइन बनाई वो दिन था उसकी मौत का. ये 2014 की बात थी. वो 92 साल का था. Ronald रीड के पास $8 मिलियन थे. उसने $2 मिलियन अपने दो सौतेले बच्चो के लिए छोड़े थे और $6 मिलियन एक लोकल हॉस्पिटल और लाइब्रेरी को दान कर दिए थे. 

अगर आप विकीपीडीया में Ronald रीड के बारे में सर्च करेंगे तो उसमे आपको पता चलेगा कि वो एक चौकीदार, गैस स्टेशन अटेंडेंट, इन्वेस्टर, समाज सेवक और मिलेनियर था. 

लेकिन ये कैसे हुआ? 

इसमें कोई ट्रिक नही है. Ronald ने कोई लाटरी नही जीती थी, और ना ही उसे कोई खानदानी पैसा मिला था. Ronald इतने सालो से पैसा बचा कर ब्ल्यू स्टॉक चिप्स में इन्वेस्ट कर रहा था. बस इतनी सी बात थी. वो एक-एक पैसा सेव करता था यहाँ तक कि उसने कभी इंटरेस्ट भी नही निकाला था. उसने अपनी सीविंग को सालो-साल कंपाउंड किया था और उसकी मौत तक उसके पास $8 मिलियन रकम जमा हो चुकी थी. 

क्या आप कम्पाउंडिंग का कांसेप्ट जानते है? 

इसके बारे में हम बाद में बात करेंगे.लेकिन उससे पहले आपको एक और स्टोरी सुननी चाहिए. 

अब ज़रा एक नजर डालते है उस आदमी पर जो Ronald रीड से बिल्कुल हटकर था. 

रिचर्ड फ्यूस्कॉन मेरिल लिंच में एक एक्जीक्यूटिव था. उसने हार्वर्ड से एमबीए किया था. और वो 40 की उम्र में रिटायर हो गया था. एक बिजनेस मैगजीन की 40 अंडर 40 मोस्ट सक्सेसफुल पीपल लिस्ट में उसका नाम भी शामिल था.

कनेक्टिकट में रिचर्ड का 18,000 स्क्वायर फीट का बंगला था जिसमे दो स्विमिंग पूल, दो लिफ्ट, सात गैराज और 11 बाथरूम थे. इस बंगले की मेंटेनेस का खर्चा ही $90,000 महीना था और इसकी मेंटेनेस में रिचर्ड ने काफी बड़ा उधार लिया था.

लेकिन फिर उसकी किस्मत ने करवट बदली. 

2008 में फाईनेंशियल क्राइसिस आया और रातो-रात रिचर्ड फुटपाथ पर आ गया. उसी साल उसने बैंकरप्सी के लिए फाइल किया. 

इन दोनों यंग मिलेनियर्स Ronald रीड और रिचर्ड की कहानी से हमने क्या सीखा? 

फाईनेंशियल सक्सेस कोई साइंस नही है बल्कि फाईनेंस ही एक ऐसी फील्ड है जहाँ Ronald रीड जैसे लोग भी सक्सेस हो सकते है. एक हम्बल एजुकेशन और एक्सपीरिएंस वाला इंसान सर्जन, आर्किटेक्ट या इंजीनियर नही बन सकता. 

लेकिन फाईनेन्स में Ronald रीड जैसा मामूली आदमी भी काफी बढ़िया अचीवमेंट कर सकता है. 

फाईनेंशियल सक्सेस एक सॉफ्ट स्किल है जिसे कोई भी सीख सकता है. ये एक यूनिक फील्ड है जहाँ आपकी नॉलेज से ज्यादा आप कैसे बिहेव करेंगे ये ज्यादा मायने रखता है. फाईनेन्स की फील्ड पैसे की साईंकोलोजी समझने का तरीका है. आप चाहे जहाँ से भी हो, जैसे भी हो, पैसा आपका दिमाग बड़ा बना देता है, बस आपको हमेशा अलर्ट रहने और ध्यान देने की जरूरत है. 

हर कोई अमीर बन सकता है पर हर कोई हम्बल नही होता. 

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