Financial Freedom : A Proven Path to All the Money You Will Ever Need
Grant Sabatie
इंट्रोडक्शन
फाईनेंशियल फ्रीडम यानी इतना पैसा हो कि आपको काम करने की जरूरत ना पड़े. या अगर आप काम करे भी तो अपनी ख़ुशी के लिए करे नाकि मजबूरी में. फाईनेंशियल फ्रीडम में जीने का मतलब है कि 40 की उम्र में या उससे पहले ही काम से रिटायरमेंट लो और फिर जैसे चाहे, वैसे लाइफ जियो. फाईनेंशियल फ्रीडम का मतलब है एक ऐसी लाइफ जहाँ आपको हर महीने सैलेरी पर डिपेंडेंट रहने की जरूरत नहीं होगी.
तो अपनी फ़ैमिली को सपोर्ट करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए? अपने सारे कर्जे उतारने, बच्चों की एजुकेशन और हर महीने के घर–खर्च चलाने के लिए आपको कितने पैसे की जरूरत पड़ेगी ? कोई तो ऐसी टारगेट रकम होगी जो आपके सारे खर्चे पूरे कर दे? तो इस समरी में आप ऐसे तरीकों के बारे में सीखोगे जो आपको ये टारगेट रकम कमाने में हेल्प करेगी.
शायद आपको $1,000,000 की जरूरत हो, लेकिन इतना पैसा कमाना तो मुश्किल लगता है.
तो चलिए, इस समरी को पढ़ते है और जानते है कि इस बुक के ऑथर ग्रांट सबैटियर को फाईनेंशियल फ्रीडम कैसे मिली और हम भी इसे कैसे अचीव कर सकते है.
Money is Freedom
2010 में ग्रांट जब 24 साल के थे तो उनकी लाइफ का बेहद स्ट्रेसफुल टाइम चल रहा था. एक तो वो जॉबलेस थे और ऊपर से अपने पेरेंट्स के घर में रह रहे थे . एक तरह से कहा जाए तो ग्रांट दूसरों पर डिपेंडेंट थे और ये बात उन्हें अंदर ही अंदर खाए जा रही थी. दो महीने बाद एक न्यूज़पेपर एजेंसी में उनकी जॉब लगी, उनके पेरेंट्स ने कहा कि अगर वो चाहे तो उनके पास उस घर में रह सकते है जहाँ ग्रांट का बचपन गुज़रा था, पर शर्त ये थी कि उन्हें तीन महीने के अंदर-अंदर कोई जॉब ढूंढनी होगी.
हर रात डिनर के वक्त ग्रांट के पेरेंट्स यही पूछते “कहीं काम बना क्या?” ग्रांट काम के लिए पिछले कुछ महीनों में कोई 200 जगह अप्लाई चुके थे पर अभी तक एक भी कंपनी से उन्हें कॉल नहीं आया था.
उस दिन सुबह ग्रांट का मन बरिटो खाने का था, तो उन्होंने अपना बैंक अकाउंट चेक किया. उनका सेविंग अकाउंट जिसे ग्रांट ने “Do Not Touch” के नाम से सेव किया था, $0.01 बेलेंस दिखा रहा थे यानी अकाउंट एकदम खाली था. जिसका मतलब है कि ग्रांट के पास बरीटो खरीदने के पैसे भी नहीं थे. बरीटो क्या वो तो guacamole खरीदना भी अफोर्ड नहीं कर सकते थे.
ग्रांट किचन में गए और अपने लिए एक टर्की सैंडविच बनाया. सैंडविच खाने के बाद वो बैकयार्ड में गए. वहां वो घास पर जाकर लेट गए और आसमान की तरफ देखने लगे. ऊपर हवाई ज़हाज़ उड़ते हुए जा रहे थे और नीचे ग्रांट अपनी जिंदगी के बारे में सोच रहे थे .
ग्रांट ने सोचा कि उन्होंने आज तक वही किया जो उन्हें करना चाहिए था यानी खूब दिल लगाकर पढाई की, अच्छे ग्रेड्स से पास हुए फिर एक टॉप यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की. फिर उसके तुरंत बाद उन्हें एक एनालिटिक्स कंपनी में जॉब मिल गई. ग्रांट ने सोचा कि अब उनकी लाइफ सेट हो गई है और वो एक सस्केसफुल आदमी बन गए हैं .
उनकी पहली जॉब जहाँ लगी थी वो जगह उनके घर से दो घंटे दूर थी. उस बिल्डिंग में खिड़कियाँ हमेशा बंद रहती थी तो हवा में एक अजीब सी बदबू फैली रहती थी . ग्रांट को खुद का एक छोटा सा केबिन ऑफिस मिला थे जिसकी चौड़ाई मुश्किल से चार फुट थी और छत पर लगी लाईट की रौशनी इतनी तेज़ थी कि ऐसा लगता जैसे आँखे चौंधिया गई हो.
ग्रांट जी-जान से मेहनत कर रहे थे . अपने बॉस को खुश रखने की वो पूरी कोशिश करते . काम इतना ज्यादा होता था कि वो थककर चूर हो जाते थे. घर पहुँचने के बाद उनमें कुछ भी करने की हिम्मत नहीं होती थी . वो टीवी के सामने सोफे पर लेट जाते और वहीँ सो जाते . लेकिन उन्हें नींद ही कहाँ आती, काम के टेंशन में उनकी नींद भी डिस्टर्ब हो जाती थी, सुबह पांच बजे अलार्म बज जाता और फिर से वही रूटीन लाइफ शुरू हो जाती.
ग्रांट ये सोच रहे थे कि आगे की लाइफ कैसी बीतेगी, टीवी या कंप्यूटर के सामने ऐसे ही थककर चूर बैठे-बैठे क्या उनकी सारी जिंदगी यूं ही गुजर जाएगी.
उनके पिता हमेशा कहते” तुम्हें इसकी आदत पड़ जायेगी, यही लाइफ है, वेलकम टू द रियल वर्ल्ड”
और ग्रांट भी खुद को यही यकीन दिलाने की कोशिश करते कि यही उनकी असली जिंदगी है. जितनी देर वो अपनी डेस्क पर बैठे रहते थे उसके बजाय वो हर सेकंड में एक डॉलर की कमाई कर सकते थे जो उन्हें अपनी ड्रीम लाइफ जीने के और करीब ले जा सकता था.
लेकिन असल में वो सिर्फ अपने बिल्स भरने के लिए काम करते थे . उनकी लाइफ उस पे –चेक पर डिपेंडेंट थी जो उन्हें हर महीने मिलती थी और सैलरी से एक चेक महीने की 15 तारीख को उनके अपार्टमेंट के रेंट के लिए जाता था और दूसरा चेक क्रेडिट कार्ड बेलेंस भरने में खर्च हो जाता था.
अब हुआ ये कि ग्रांट पूरे हफ़्ते जी-तोड़ मेहनत करने के बाद वीकेंड को पूरी तरह से एन्जॉय करना चाहते थे जिसमें काफी पैसे खर्च हो जाते थे . वो हर बार खुद से प्रॉमिस करते कि अगले महीने से सेविंग स्टार्ट करेंगे पर सच तो ये था कि ग्रांट एक पैसे की भी सेविंग नहीं कर पा रहे थे.
छह महीने बाद ही उनकी नौकरी भी चली गई. वजह थी कि कंपनी को उनके काम से कोई फायदा नहीं हो रहा था. इन छह महीनो में ग्रांट को एहसास हुआ कि अपनी जिंदगी के 1400 घंटे मेहनत करने के बावजूद वो सिर्फ $15500 कमा पाए थे और उसमे से भी $12000 क्रेडिट कार्ड का क़र्ज़ था.
ग्रांट समझ गए थे कि जिस काम की उनसे उम्मीद की रही है, उस काम ने उन्हें आज तक कुछ नहीं दिया. चाहे वो अपनी लाइफ के 40 साल एक ऑफिस केबिन में बिता दें तो भी इस बात की गारंटी नहीं थी कि उन्हें रिटायरमेंट के बाद आराम की जिंदगी जीने को मिलती.
और वो कैसी लाइफ जी रहे थे ? ग्रांट हरगिज़ नहीं चाहते थे कि वो सारी उम्र डेस्क पर बैठे गुज़ार दे. वो ऐसा कुछ करना चाहते थे जिसमें मजा आये और वो अपनी लाइफ एन्जॉय कर सके.
ग्रांट नहीं चाहते थे कि उन्हें चौबीस घंटे पैसे की टेंशन लगी रहे और ना ही वो किसी ऐसी कंपनी पर डिपेंडेंट रहना चाहते थे जो जब मर्ज़ी आए तो उन्हें नौकरी से निकाल दे. असल में ग्रांट अब अपनी लाइफ और इनकम को अपने कंट्रोल में रखना चाहते थे.
वो एक ऐसी लाइफ चाहते थे जहाँ वो अपनी मर्ज़ी से जो चाहे वो कर सकें . जब मन करे तो दुनिया घूम आये और जब मन चाहे काम करे. यानी पैसे की टेंशन ना हो, और ना ही टाइम की कोई बंदिश हो.
ग्रांट दुनिया को एक्सप्लोर करना चाहते थे. वो अपने बच्चों के साथ खेलना चाहते था, उन्हें बड़े होते देखना चाहते थे. वो उन छोटे-छोटे कीमतों लम्हों को जीना चाहते थे जो आज तक उन्होंने ऑफिस के छोटे से केबिन में बैठे-बैठे मिस कर दिए थे.
ग्रांट किसी 75 साल के बूढ़े की तरह ज़िंदगी में एक दिन पछताना नहीं चाहते थे कि उन्होंने अपनी पूरी लाइफ में कुछ नहीं किया.
और तब ग्रांट ने सोचा कि अगर एक अलग लाइफ जीनी है तो काम भी कुछ अलग करना होगा. तो उस दिन सुबह अपने पेरेंट्स के बैकयार्ड में घास पर लेटे-लेटे उन्होंने अपने लिए कुछ गोल्स बनाये. और ये गोल था $1000,000 की सेविंग करके अपनी फाईनेंशियल फ्रीडम अचीव करना.
ग्रांट ने फाइनेंस और इंवेस्टमेंट की बुक्स पढनी स्टार्ट की. एक्स्ट्रा इनकम के लिए उन्होंने दो ऑनलाइन बिजनेस launch किये और साइड में कई छोटे-मोटे काम भी स्टार्ट किए . उन्होंने मन्थली सैलरी से पहले 25% तक सेविंग की फिर 40% और फिर 80% तक बचाना शुरू किया और उस पैसे को स्टॉक मार्केट में इंवेस्ट किया.
पांच साल बाद 2015 में ग्रांट की सेविंग $1 मिलियन तक पहुँच गई थी. उन्होंने कोई लाटरी नहीं जीती या उन्हें कोई खानदानी पैसा भी नहीं मिला था. उन्होंने बस ये किया कि अपने टाइम की वैल्यू को मैक्सिमाईज़ कर दिया. वो अब एक एंटप्रेन्योर और इंवेस्टर थे और उन्हें काफी अच्छे से अपना पर्सनल फाइनेंस मैनेज करना आता था.
ये वो सारी चीज़े है जो ग्रांट गारंटी से कहते है कि अगर वो कर सकते है तो कोई भी कर सकता है. इस समरी में वो आपको सिखाएंगे कि सिर्फ पांच साल में मिलियनेयर कैसे बना जाता है. चाहे आज आपके अकाउंट में $2.26 पड़े हो पर आप अपनी वर्थ $1 000,000 तक बढ़ा सकते हो. तो चलिए शुरू करते है.
Hack Your 9-5
क्या आप रोज आठ घंटे ड्यूटी की करते है? अगर हाँ तो आप अकेले नहीं हो, कई लोग है जो रोज़ सुबह जल्दी ऑफिस जाते है, अपने दिन भर के टास्क पूरे करते है, फिर अपने कलीग्स के साथ लंच करते है और शाम को छुट्टी होते ही जल्द से जल्द घर पहुँचना चाहते है. लेकिन क्या आपको लगता है आपकी ये 9 टू 5 वाली नौकरी आपको फाईनेंशियल फ्रीडम दे सकती है ?
बेशक आप नौकरी ना भी छोड़ें तो भी कई तरीके है जिससे आप अपनी 9 टू 5 वाली जॉब का फायदा उठा सकते हो. आप short टर्म और लॉन्ग टर्म स्ट्रेटेज़ी अप्लाई करके अपने लिए अपोरच्यूनिटी ढूंढ सकते हो.
short टर्म में आप अपनी मार्केट वैल्यू इनक्रीज कर सकते हो, अपनी सैलरी और बेनिफिट मैक्सीमाईज़ कर सकते हो या तो घर से काम कर सकते हो या फिर एक फ्लेक्सिबल शेड्यूल में काम कर सकते हो.
लॉन्ग टर्म में आप कुछ और नए स्किल्स सीख सकते हो, लोगों के साथ किसी नेटवर्क से जुड़ सकते हो और उनसे कुछ नया सीख सकते हो. अगर आपके पास कई स्किल्स है तो कंपनी से आपको अच्छा-ख़ासा पैसा मिल सकता है.
चलिए इस पर विस्तार से बात करते है, short टर्म के लिए कुछ बेनिफिट है जैसे लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इन्श्योरेसं, ट्रांसपोर्टेशन बेनिफिट , फ्री फ़ोन कॉल और इन्टरनेट वगैरह. इन सारे बेनिफिट के बारे में अच्छे से स्टडी कर ले ताकि आप इनका पूरा फायदा उठा सके.
ब्रैंडन एक 34 साल का वेब डेवलपर है. लेकिन वो अपने लिए रिमोट वर्क ढूंढ लेता है ताकि वो अपने टाइम को कंट्रोल कर सके. उसे फुल टाइम सैलेरी मिलती है जिसमें कुछ बेनिफिट और बोनस भी शामिल है लेकिन वो ऑफिस में बैठता नहीं है. साथ ही ब्रैंडन ट्रांसपोर्टेशन और ऑफिस के कपड़े खरीदने के जो पैसे मिलते है उन्हें भी सेव कर लेता है. उसे ऑफिस नहीं जाना पड़ता तो उसके खर्चे और भी कम हो जाते है.
Drew शिकागो का एक सॉफ्टवेयर सेल्समेन है. उसने अपनी कंपनी के लिए अब तक $2,000,000 के प्रोडक्ट्स बेचे होंगे. अपनी परफॉर्मेंस रिव्यू में Drew कहता है अगर कंपनी उसे $100000 का इन्क्रीमेंट देगी और घर से काम करने की परमिशन देगी तो ही वो कंपनी में रहेगा वर्ना नहीं. असल में Drew Los Angeles जाकर अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहने की प्लानिंग कर रहा था.
Drew एक अच्छा और हाई performing सेल्समैन है जिसने आज तक अपनी कंपनी को करोड़ो का फायदा पहुँचाया है. इसलिए उसके बॉस उसकी डिमांड पूरी करने को तैयार हो गए. अब Drew के पास अपने टाइम पर पूरा कंट्रोल है और उसका वर्क शेड्यूल भी फ्लेक्सिबल हो गया है. वो सुबह उठकर अपने डॉग को घुमाने ले जाता है. फिर घर जाकर कुछ सेल्स कॉल निपटाता है और अभी हाल ही में Drew जापान भी घूमकर आया, इन सबके बावजूद वो अपनी कंपनी के लिए प्रोडक्ट भी बेचता है.
तो ब्रैंडन और Drew की तरह आप भी ख़ुद को अपनी कंपनी के लिए काफी वैल्यूएबल बना सकते हो. आप अपने लिए रिमोट वर्क और एक फ्लेक्सिबल शेड्यूल डिमांड कर सकते हो. आप चाहो तो ऑनलाइन वर्क जैसे वर्चुअल असिस्टेंट या कस्टमर सर्विस एजेंट का काम भी कर सकते हो. अपने लिए आप कुछ साइड के काम ढूंढ सकते हो जैसे ब्लॉग करना, यूट्यूब पर विडियो बनाना या सोशल मिडिया पर एक इन्फ्लुएंसर बनना, जो आपकी एक्स्ट्रा कमाई का जरिया बन सकते हैं.
अब चलिए लॉन्ग टर्म स्ट्रेटेज़ी पर थोड़ा गौर करते है, जो है नए स्किल्स सीखना और ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ नेटवर्किंग के ज़रिए जुड़ना. ग्रांट कहते है कि स्किल्स हमारे फ्यूचर की करंसी है. यानी जितना ज्यादा स्किल्स आपके पास होंगी उतना ही ज्यादा पैसे कमाने के चांस आपको मिलेंगे. जैसे एक्जाम्पल के लिए आप प्रोग्रामर और सेल्समेन दोनों हो सकते है या ग्राफिक डिज़ाइनर के साथ-साथ एनालिस्ट का काम भी कर सकते हो.
लेकिन जो सबसे इम्पोर्टेंट स्किल है वो है बेचना यानी sell करना, जो आपको सीखनी पड़ेगी. सेलिंग एक हाई वैल्यू स्किल मानी जाती है. अगर आपको सेल करना आ गया तो समझो आपको पैसे कमाने आ गया.
बाकी कुछ स्किल्स भी डिमांड में है जैसे branding, मार्केटिंग, कम्यूनिकेटिंग, कोडिंग, डिजाइनिंग या डेटा सिंथसाईंजिंग.
चलिए आपको ग्रांट की स्टोरी सुनाते है. अपने पेरेंट्स के घर पर रहने के बाद उन्हें शिकागो की एक छोटी सी डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी में जॉब मिल गई. यहाँ से उनकी लाइफ का टर्निंग पॉइंट शुरू होता है. ग्रांट ने जानबूझकर छोटी कंपनी में अप्लाई किया था ताकि वो अपने प्लान पर अमल कर सके.
उनकी सैलरी थी साल के $50,000 लेकिन ग्रांट इसके अलावा $300,000 अपने साइड के काम से कमा रहे थे. अगले 11 महीनों तक वो रोज़ सुबह जल्दी ऑफिस पहुँचते और देर तक रुकते ताकि वो सबसे मिल सके. ग्रांट उन सबका काम सीखना चाहते थे.
इस नेटवर्किंग के ज़रिए ग्रांट को वेब डिजाईन, प्रोग्रामिंग और एसईओ, कॉपीराईटिंग, क्रिएटिव डिजाईन और लास्ट में सेलिंग की भी काफ़ी नॉलेज हो चुकी थी.
वैसे उनका असली काम था गूगल एडवरटाईजिंग कैम्पेन चलाना. लेकिन ग्रांट हेड सेल्स एजेंट डेव और जेड के पास जाने लगे जो उन कंपनियों से कांटेक्ट करते थे जिन्हें नई वेबसाईट या मार्केटिंग सर्विस की जरूरत होती थी . दोनों के साथ ग्रांट ज्यादा से ज्यादा टाइम बिताते और उनसे सीखने की कोशिश करते.
उन्होंने ये भी देखा कि ज्यादातर लोग आपको सिखाने में, हेल्प करने और आपके सवालों के जवाब देने को तैयार रहते है, खासकर अगर आप एक ही कंपनी में जॉब करते है तो .
और फिर कुछ महीनों बाद ही डेव और जेड ग्रांट को अपने बिजनेस पिच में साथ रखने लगे. ग्रांट ने अपनी सेकंड पिच में कंपनी के सबसे बड़े क्लाइंट के साथ डील फिक्स कर ली.
और इस तरह ग्रांट सलाह देते है कि हर हफ्ते एक नए इंसान से जरूर मिलो. उसके साथ बात करो, लंच करो, उनसे उनके काम के बारे में सीखो. किसी की स्किल सीखनी हो तो उसके साथ हर मीटिंग में एक घंटे का वक्त दो, इतना काफी होता है. नेटवर्किंग के जरिये आप अपनी स्किल्स बढ़ा सकते हो और अपनी कंपनी के लिए ज्यादा वैल्यूएबल बन सकते हो. उसके बाद आप अपने फुल टाइम जॉब से अपने लिए फ्रीडम, ज्यादा बेनिफिट और एक फ्ल्केसीबल शेड्यूल की डिमांड कर सकते हो.
More Money in Less Time
मैट एक ग्राफिक डिज़ाइनर है और उसकी उम्र 25 साल है. वो अपनी फुल टाइम जॉब से साल के करीब $55,000 कमा लेता है. उसे अपनी कंपनी से कोई शिकायत नहीं है और अपने कलीग्स के साथ भी उसकी अच्छी बनती है. मैट का अभी जॉब छोड़ने का भी कोई ईरादा नहीं है. लेकिन मैट के कलीग्स को ये बात मालूम नहीं है कि मैट अपने साइड के काम से साल के $200,000 से भी ज्यादा कमाता है. वो एक डॉग वाकिंग कंपनी का ओनर और फाउंडर है. उसने ये कंपनी 3 साल पहले अपनी स्टूडेंट लाइफ में ही शुरू कर दी थी.
उन दिनों मैट ने एक दिन स्कूल के मैसेज बोर्ड में जॉब पोस्ट देखी, हर कुत्ते को घुमाने का $5 मिल रहा था. फिर क्या था? मैट हर हफ्ते दस कुत्ते घुमाने लगा लेकिन उसके आस-पडोस से उसे डॉग वाकिंग के इतने ऑफर आने लगे कि उसके लिए अकेले हैंडल करना मुश्किल हो गया.
तब मैट ने अपनी खुद की लिमिटेड लाएबिलिटी कंपनी या LLC खोलने का ईरादा किया. उसने अपने क्लासमेट्स से बात की और उन्हें अपने साथ काम पर रख लिया. आज मैट अपने इसी साइड के काम से उतना कमा लेता है जितना उसे फुल टाइम जॉब से भी नहीं मिलता.
लेकिन मैट ये सारे पैसे खर्च नहीं करता बल्कि वो उन्हें सेव करता है क्योंकि वो अभी भी उस छोटे से अपार्टमेंट में रहता है जहाँ वो कॉलेज के वक़्त में रहता था. वो अपनी अर्निंग का तकरीबन 100% तक इंवेस्ट करता है. अपने इसी साइड काम की वजह से आज 30 की उम्र में ही मैट के सेविंग अकाउंट में $1.5 मिलियन है.
आपको अपनी इनकम स्ट्रीम को डाइवर्सीफाई करना होगा. अपनी फुल टाइम जॉब के अलावा भी आप कई सारे साइड के काम कर सकते हो. आपको अपने एक्स्ट्रा इनकम का 100% सेव करना होगा ताकि आपकी सेविंग जल्द से जल्द $1मिलियन तक पहुँच जाए.
लेकिन आप क्या साइड के काम ढूंढ सकते हो? तो हम बताते है, आप एक डॉग वॉकर बन सकते हो, लॉन के घास काटने वाला यानी लॉन mower बन सकते हो, सर्दियों में बर्फ हटाने का काम कर सकते हो, किसी सुपर मार्केट या स्टोर के लिए डिलीवरमैन बन सकते हो, या प्रोग्रामर, ब्लॉगर या ऑनलाइन सेलर भी बन सकते हो.
ये कुछ साइड के काम या hussle है जो ग्रांट करते थे, जब वो डिजिटल मार्केटिंग फर्म में जॉब कर रहे थे. वो लॉ फर्म के लिए वेबसाईट बनाया करते थे, डोमेन का नाम चेंज किया करते थे, रियल एस्टेट एजेंट और लॉ फर्म के लिए डिजिटल मार्केटिंग कैंपेन चलाया करते थे और उन्होंने सर्च इंजन ऑप्टीमाईजेशन के प्रोजेक्ट भी किये हैं.
इसके अलावा ग्रांट ने कॉन्सर्ट की टिकेट भी बेचीं, पड़ोसी की बिल्ली का ध्यान रखा और हाई एंड ऑफिस चेयर तक बेचीं है. एक बार तो उन्होंने बेबी सिटिंग भी की थी क्योंकि ग्रांट किसी भी काम को छोटा नहीं समझते थे.
अगर आप भी ग्रांट की तरह खूब सारे पैसे कमाने के बारे में सोचते हो तो आपको भी ज्यादा से ज्यादा इंवेस्ट करना चाहिए ताकि आप अपनी फाईनेंशियल फ्रीडम जल्द से जल्द अचीव कर पाएं.
The Fast-Track Investment Strategy
क्या आपने कभी इंवेस्टमेंट करने के बारे में सोचा? क्या आपको इन्वेस्टिंग का कोई आईडिया है? कई लोगों को इन्वेस्टिंग के नाम से ही डर लगता है और लोग कंफ्यूज़ हो जाते है. यही वजह है कि ज़्यादातर लोग इंवेस्ट करने से डरते है या फिर अपने इंवेस्टमेंट पर्पज के लिए किसी फाइनेंशियल एडवाईज़र की हेल्प लेते है.
लेकिन इन्वेस्टिंग करने के लिए ये बिल्कुल जरूरी नहीं है कि आपको कोम्प्लिकेटेड फाईनेंस या इंवेस्टमेंट कांसेप्ट की नॉलेज होनी चाहिए. आप जब चाहे तब इन्वेस्टिंग करना स्टार्ट कर सकते है क्योंकि रोज़ की कम्पाउंडिंग भी काफी मायने रखती है.
आपके इंवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में इंवेस्ट किया गया पैसा जितने ज्यादा समय तक इंटरेस्ट कमाएगा, उतना ही आपकी कमाई बढती जायेगी. कम्पाउंडिंग का मतलब है कि जब तक आप 80 के होंगे आपकी इंवेस्टमेंट आपको इतने सालो में काफी सारा पैसा कमा कर दे चुकी होगी.
इन्वेस्टिंग में आपके पांच गोल्स होने चाहिए जो है - मिनीमाईज़ रिस्क, मिनीमाईज़ फीस, जो टैक्स आपको देने है उसे मिनिमाइज़ यानि कम से कम करना , मैक्सीमाईज़ रिटर्न और अपने withdrawal पर टैक्स मिनीमाईज़ करे.
कुछ लोग आर्ट, फर्नीचर या वाइन पर इंवेस्ट करते है, कुछ लोग क्रिप्टो करेंसी में इंवेस्ट करते है. लेकिन यहाँ हम आपको एक एडवाइज देना चाहेंगे. उस चीज़ पर कभी इंवेस्ट ना करें जिसकी आपको नॉलेज नहीं है और ना ही अपना पैसा वहां इंवेस्ट करें जो आपके रिश्तेदार , बिजनेस पार्टनर या फाइनेंशियल एडवाईजर बताते हैं.
ऐसे इंवेस्टमेंट से बचो जो काफी टेम्प्टिंग ऑफर दे रहा हो, और वहां कभी पैसा मत लगाना जहाँ आपको एक साल में 20% return की गारंटी मिल रही हो. इसके बजाए उन फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स में इंवेस्ट करो जो साल दर साल रिटर्न जेनरेट करते रहे. यानी आपके इंवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में स्टॉक्स, bonds और रियल एस्टेट जरूर शामिल होने चाहिए.
यकीन मानिए आपको किसी फाईनेंशियल एडवाईजर की जरूरत नहीं है क्योंकि अब आप सीख सकते है की कैसे हम एक सिंपल तरीके से भी अपना पैसा इंवेस्ट कर सकते है. याद रहे, जितना ज्यादा आपका अपने पैसे पर कंट्रोल होगा उतना ही ज्यादा आपकी कमाई बढ़ेगी. इंवेस्टमेंट पर यहाँ 3 स्टेप्स है जो आप अप्लाई कर सकते है –
सबसे पहला स्टेप, अपने short टर्म और लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट गोल्स को अलग-अलग कर लें. आपका short term इंवेस्टमेंट वो है जो आप पांच साल में ग्रो कर सकते हो. अगर आपको जरूरत पड़े तो आप अपना पैसा इंटरेस्ट के साथ निकाल सकते हो जैसे कि मान लो आपको घर रेनोवेट कराना है या फिर दुनिया घूमने जाना है.
short टर्म इंवेस्टमेंट का एक एक्जाम्पल है आपका इमरजेंसी फंड. ये आपका सेविंग्स अकाउंट है जो आपके साल-छह महीनो में आने वाले खर्चो को कवर कर सकता है, इमरजेंसी फंड की एक अच्छी बात ये है कि आप इसे किसी भी हेल्थ इमरजेंसी में यूज़ कर सकते है या अगर आपकी जॉब चली जाए तब ये आपके काम आ सकती है क्योंकि आपके पास इमरजेंसी फंड होगा तो आपको उधार नहीं माँगना पड़ेगा. जब तक आपको नई जॉब नहीं मिल जाती तब तक इससे आपके खर्चे चलते रहेंगे.
short टर्म इंवेस्टमेंट का एक और एक्जाम्पल है सर्टिफिकेट ऑफ़ deposit यानी CD. बैंक CD ऑफर करते है, अगर आप CD में पैसा इंवेस्ट करते है तो बैंक आपको गारंटी से इंटरेस्ट रेट देगा. जैसे कि एक्जाम्पल के लिए एक फिक्स्ड समय के बाद आपको 2 परसेंट इंटरेस्ट के साथ पैसा मिलेगा.
short टर्म इंवेस्टमेंट का एक और एक्जाम्पल है bond. Bond एक तरह के डेट फॉर्म होते है जो तब इश्यू किये जाते है जब गवर्नमेंट को या म्यूनिसीपेलिटी या किसी कंपनी को पैसे की जरूरत होती है. ये एक तरह का लोन है जिसमें इंटरेस्ट की गारंटी होती है. आप जब bond खरीदते हो तो इसका मतलब है कि आप एक सेट पीरियड के लिए एक फिक्स्ड रेट में पैसा लोन दे रहे हो.
अगर आप bond लेने की सोच रहे हो तो आप उन्हें ईज़िली bond फंड के जरिए खरीद सकते हो. इसका एक एक्जाम्पल है वैनगार्ड टोटल bond मार्केट इंडेक्स फंड. ये हाई quality bonds का एक डाइवर्सिफाईड ग्रुप है. इस फंड में पहले से ही गवर्नमेंट bond के 70% और corporate bond के 30% शामिल है. bond फंड्स में रिस्क कम होता है पर इनमे return की पोटेंशियल काफी हाई रहती है.
चलिए अब बात करते है लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट की. ये वो पैसा है जो आपके पोर्टफोलियो में 30 साल या उससे भी ज्यादा टाइम तक भी इनवेस्टेड रहता है और टाइम के साथ ये पैसा बढ़ता जाता है.
ग्रांट की इंवेस्टमेंट स्ट्रेटेज़ी का ये स्टेप नंबर टू है. पहले तय कर लो कि आपके पास इंवेस्ट करने के लिए कितना पैसा है. अगर ऑटोमेटेड सिस्टम के ज़रिए पैसा हर महीने आपके पोर्टफोलियो में डायरेक्ट चला जाता है तो काफी अच्छा होगा. ऑटोमेशन सिर्फ एक स्टार्ट है. लेकिन ऐसा भी नहीं कि आप इसे सेट करके भूल जाएँ . बेहतर होगा कि आप अपने पोर्टफोलियो में कुछ और बढ़ोत्तरी करते रहे.
अगर आपकी सैलेरी का एक बड़ा हिस्सा और साइड के काम यानि hussle आपकी इंवेस्टमेंट में जा रही है तो ये और भी अच्छी बात है. हर 30 दिनों में अपना इवेस्टमेंट रेट 1% तक बढाने की कोशिश करो. फिर हर 6 महीने में री-इवैल्यूएट करो. अगर आप ऐसा कर पाए तो इस बात की गारंटी है कि हर साल आपके पोर्टफोलियो में 12% की बढ़ोत्तरी होती रहेगी.
एक बार आपने ज्यादा इंवेस्ट करना शुरू किया तो फिर सेविंग भी खुद ब खुद होने लगेगी. जैसे एक्जाम्पल के लिए ग्रांट ने अपनी इंवेस्टमेंट 0% से 20% तक ग्रो की थी. एक बार जब वो 20% तक पहुँच गए तो उन्होंने देखा कि उनकी इंवेस्टमेंट कितनी तेज़ी से ग्रो कर रही है, और इसी चीज़ ने उन्हें 20% से 50% तक ग्रो करने के लिए मोटिवेट किया.
हर एक्स्ट्रा डॉलर जो आप इंवेस्ट करते है, काफी मैटर करता है. इसलिए अपनी ज्यादा से ज्यादा कमाई इंवेस्ट करने की कोशिश करो. आपको देखकर अच्छा लगेगा कि आपका इंटरेस्ट भी उसी हिसाब से बढ़ता जा रहा है और यकीनन ये बहुत सेटिसफाईंग होता है.
ग्रांट की इंवेस्टमेंट स्ट्रेटेज़ी का थर्ड स्टेप है अपना target asset allocation डिसाइड करना. ये याद रखिए, स्टॉक bond से ज्यादा रिस्की होते है. आपको ये देखना होगा कि आपकी कमाई का कितना हिस्सा स्टॉक में जा रहा है और कितना bond में.
यहाँ एक एक्जाम्पल लेते है. ब्रैंडन ने 36 साल की उम्र में अपनी फाईनेंशियल फ्रीडम अचीव कर ली थी. उसके पोर्टफोलियो का 100% पैसा स्टॉक में जाता था क्योंकि वो अभी भी अपनी साइड hussle से कमा रहा था यानि blogging से उसकी कमाई चल रही थी. क्योंकि उसे यू.एस. स्टॉक मार्केट के लॉन्ग टर्म प्रोग्रेस में पूरा यकीन था तो ब्रैंडन अपना पोर्टफोलियो कुछ इसी तरह मेंटेन करता था .
जबकि दूसरी तरफ क्रिस्टी और थॉमस, जोकि 30 के लगभग थे फिर भी बड़े कंज़र्वेटिव थे. उनके टोटल मनी का 40% bond में और बाकि 60% स्टॉक्स में लगा था. चाहे स्टॉक मार्केट में कुछ भी हो जाए, उनका पोर्टफोलियो उन्हें डिविडेंड और फिक्स्ड इनकम में $40000 कमाकर देता था.
कंक्ल्यूजन
इस समरी में आपने ग्रांट सबैटियर की स्टोरी पढ़ी. ग्रांट ने अपनी बुक में अपनी गरीबी और बेरोज़गारी की जिंदगी से लेकर सिर्फ पांच सालो के अंदर $1000,000 कमाने तक की स्टोरी शेयर की है. आपने इससे सीखा कि अपने फुल टाइम जॉब से छुटकारा पाकर आप भी अपना अमीर बनने का सपना पूरा कर सकते है. लाइफ में कभी ये मत समझना कि अब आप कुछ नहीं कर सकते, आप फंस चुके हो वगैरह-वगैरह क्योंकि ऐसे कई तरीके है जिनसे आप ढेर सारा पैसा कमा सकते हो और अपनी लाइफ अपने हिसाब से जी सकते हो.
लाइफ में पैसे कमाने है तो नई स्किल सीखो, अपनी नॉलेज बढ़ाओ. लोगों से कनेक्ट करो और उनसे कुछ ना कुछ सीखने की कोशिश करो.
कोशिश करो कि आपको काम पर ज्यादा बोनस और बेनिफिट मिले. अगर फ्लेक्सिबल ऑवर्स में या रिमोट वर्क भी करना पड़े तो भी संकोच मत करो.
आपने इस समरी में ये भी पढ़ा कि hussle यानी साइड के काम भी किस तरह किए जा सकते हैं. आपने मैट के बारे में पढ़ा जो एक फुल टाइम ग्राफिक डिज़ाइनर है और साथ में एक डॉग वॉकिंग कंपनी भी चलाता है.
अपनी प्रोडक्टीविटी बढाओ ताकि आपको कई अलग-अलग सोर्स ऑफ़ इनकम मिल सके.
और लास्ट में आपने एक फ़ास्ट ट्रैक इंवेस्टमेंट स्ट्रेटेज़ी के बारे में जाना. सबसे पहले तो अपने short टर्म और लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट को अलग-अलग करो. दूसरा, अपनी सैलेरी का एक बड़ा हिस्सा अपने पोर्टफोलियो में इंवेस्ट करो. तीसरी बात, ये पहले से डिसाइड कर लो कि आपको कितना पैसा bond में और कितना स्टॉक्स में इंवेस्ट करना है.
अब तो आप समझ गए होंगे कि इन्वेस्टिंग इतनी भी कोम्प्लिकेटेड चीज़ नहीं है. इस समरी से आपने जो कुछ सीखा है उन्हें आप ईज़िली अपनी लाइफ में अप्लाई कर सकते है.
तो अब ये सोचना छोड़ दो कि आपकी पूरी जिंदगी किसी ऑफिस के छोटे से केबिन में गुजरने वाली है क्योंकि लाइफ में आपके सामने कई opportunity आएँगी जहाँ आपको खूब सारा पैसा कमाने का मौका मिलेगा.
यहाँ हम आपको कुछ और टिप्स भी देंगे. जितना हो सके उतना पैसा बचाओ. कुछ भी खरीदने से पहले ये सोच लो कि क्या आपको वाकई में उस चीज़ की जरूरत है या नहीं . जहाँ तक हो सके एक सिंपल लाइफस्टाइल अपनाओ. अपने सारे कर्जे उतारो और एकदम टेंशन फ्री रहो.
जब आप इंवेस्टमेंट करते हो तो आपका पैसा बढ़ता रहता है. इसलिए पैसा इंवेस्ट करने से डरो मत , स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव आते रहते है पर एक स्मार्ट इंवेस्टर बनकर आप ऐसी सिचुएशन आसानी से फेस कर सकते हो.
तो अब क्यों ना आज से ही अपनी फाईनेंशियल फ्रीडम की शुरुवात की जाए.