Bechne Ka Sabse Alag Tareeka Book

Bechne Ka Sabse Alag Tareeka

How to Sell Without Selling (Hindi)
आपके बिज़नेस को एक नया और अनोखा दृष्टिकोण देने वाली बुक।

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MICROJOYS IN HINDI

 


MICROJOYS - Finding Hope (Especially) When Life Is Not Okay

Cyndie Spiegel

इंट्रोडक्शन 

ये छोटी सी एक्सर्साइज़ कीजिए: अपनी आँखें  बंद कीजिए और जल्दी-जल्दी अपने बचपन, अपनी जवानी और अब तक की अपनी पूरी ज़िंदगी  को याद कीजिए? क्या आपको लगता है कि  आपको पॉजिटिव एक्सपीरियंस से ज़्यादा नेगेटिव एक्सपीरियंस हुए हैं या फिर इसका उल्टा सच  है? 

सबसे ज़्यादा frustrating  बात ये है कि हमें नेगेटिव मोमेंट्स ज़्यादा याद रहते हैं। हमारा ब्रेन नेगेटिव साइड को ज़्यादा देखता है जोकि असल में हमारे पूर्वजों को जंगल में ज़िन्दा रहने में हेल्प करता था।  

पर आज यही चीज़ हमारे लिए मुसीबत बन रही है। ज़्यादा अच्छा नज़रिया रखने  के लिए positivity का होना  ज़रूरी है,  लेकिन अगर आपकी कंडीशनिंग ही ऐसी हो कि आप   सिर्फ़ नेगेटिव साइड को ही देखते हैं  तो आप किसी सिचुएशन के अच्छे साइड  को  कैसे देख पाएंगे? 

तो इसका जवाब है माइक्रोजॉय। माइक्रोजॉय जीवन जीने का एक तरीका है। इसमें उन  चीज़ों, जगहों  और मोमेंट्स को जानबूझकर पहचानने की कोशिश की जाती है जो आपका दिन बना देते हैं और आपको ख़ुशी देते हैं। इसका मतलब है हर मोमेंट को भरपूर जीने की कोशिश करना क्योंकि हमें जीने के लिए  एक ही लाइफ मिलती  है। 

हो सकता है कि आप अभी न्यूज़ सुन रहे हों जिसमें बस खौफनाक ख़बरों के बारे में  रिपोर्ट किया जा रहा है या  आप मुश्किल  समय से गुज़र रहे हों या फिर आपको शायद अपनी लाइफ डल महसूस हो रही हो। 

ये समरी  आपको अपने  डेली लाइफ में ब्राईट स्पॉटस ढूँढना सिखाएगी। ये आपको सिखाएगी कि चाहे कुछ भी हो जाए, लाइफ में अभी भी खुशियां बाकि हैं। 

The Spice Shop


इस बुक की ऑथर सिंडी को ब्रुकलिन में  अपने पुराने पड़ोस में एक स्पाइस की शॉप बहुत  पसंद है। वो शॉप वहाँ तब से है जब उनका जन्म हुआ था और जब वो वहाँ से चली गई तब भी वहाँ ज़रूर जाया करती थीं। 

सिंडी जब भी उस  शॉप में जाती हैं तो वहाँ के  ताज़े मसालों, अनाज और ऑलिव्स की खुश्बू से  उनका जी ख़ुश हो जाता है। वहाँ काम करने वाले लोग मुस्कुराते हुए सिंडी का स्वागत करते हैं। वो एक-दूसरे को कईं सालों से जानते हैं। सिंडी उनसे  हमेशा यही कहती है  कि उन्हें बस  थोड़े से मसाले लेने हैं, लेकिन अंत में  हमेशा बैग भर के सामान ले जाती हैं। 

मसालों के ये छोटी सी दुकान सिंडी के लिए एक  माइक्रोजॉय है। 
माइक्रोजॉय एक ऐसी प्रैक्टिस है जो आपको डेली करनी चाहिए। इसका मतलब है ऐसी छोटी-छोटी चीज़ों को ढूँढ़ना जो आपको खुश करती हैं।  इसका मतलब है एक ऐसी दुनिया में जहां सिर्फ़  बड़ी जीत पर ही खुशी मनाई जाती है, वहाँ अपने लिए सेलिब्रेट करने की एक छोटी सी वजह ढूंढना। 

माइक्रोजॉय्स का मतलब है अपने लाइफ की ऑर्डिनरी चीज़ों  पर गौर करना और उसे स्पेशल बनाना। सिंडी जब अपने फेवरेट स्पाइस शॉप में जाती हैं तो यही तो करती हैं। वहां  प्यार, पुरानी यादें और जादू का मिलाजुला एहसास उन्हें  एक नर्म और मीठे से आगोश में भर लेता है। यही तो है माइक्रोजॉय का जादू।

Sitting Idle


सिंडी कहती हैं कि ये चैप्टर शायद रीडर्स को बोरिंग लग सकता है, लेकिन वो इस बात से भी इंकार नहीं  कर सकती हैं  कि उनके फेवरेट पासटाइम में कुछ तो बात है जो उन्हें  एकदम तरोताज़ा  कर देता  है और ये पासटाइम है: खाली बैठना। 

सिंडी अक्सर अपने फेवरेट पर्पल सोफ़ा  पर बैठ जाती हैं। वो एक मोटा कंबल ओढ़ लेती हैं  और जिस  कमरे में वो बैठती हैं उसे  चारों तरफ देखने लगती हैं। वो दीवार पर टँगी पिक्चर फ्रेम और यहाँ-वहाँ रखे प्लांट्स को देखती रहती हैं। 

उस कमरे में कुछ भी बहुत ख़ास या अनोखा नहीं है। सिंडी उस कमरे में अनगिनत बार जा चुकी हैं। वो उन  यादों में  खो जाती हैं  कि कैसे उन्होंने और उनके husband  ने उस मकान को घर बनाया था। 

सिंडी उस समय को भी याद करती हैं जब उन्होंने अपने रूम के लिए सोफ़ा और बाकि की  चीज़े खरीदी थी। वो दीवारों पर टँगी तस्वीरों को देखकर उन पुराने दिनों को याद करके मुस्कुराने लगती हैं। 

चाहे कुछ भी हो, सिंडी के पास अपना एक घर था।  उन्हें  एक बेहद प्यार करने वाले पति मिले थे, उन्होंने एक बिल्ली भी पाल रखी  थी और उनका घर हमेशा प्यार से गुलज़ार रहता था। 

सिंडी उस कमरे में  कुछ  नहीं  करती हैं,  बस वहाँ  चुपचाप बैठी रहती हैं। उनकी नज़रे वहाँ रखी  एक चीज़ से होते हुए दूसरी चीज़ की तरफ बढ़ जाती हैं  और  उन्हें  मन ही मन अपनी खुशकिस्मती का एहसास कराती हैं। अगर सिंडी  खाली  नहीं  बैठी होती तो शायद अपने घर में इस माइक्रोजॉय पर कभी गौर ही  नहीं  कर पाती। वो खामोशी के पल  उन्हें  लाइफ की छोटी-छोटी खुशियों को सराहने और उनकी कद्र करने  का मौका देते हैं। 


Gifting Happiness


सिंडी की लव लैंग्वेज है उन लोगों को गिफ्ट करना जिनसे वो प्यार करती हैं।  उन्हें  वो पल बेहद  खूबसूरत लगते हैं जब गिफ्ट लेने वाला उनका गिफ्ट खोलता  है और उसकी आंखे बड़ी हो जाती हैं और   एक प्यारी सी स्माइल से  उनके चेहरे पर एक अनोखी चमक आ जाती है। 

सिंडी को तब भी अच्छा लगता है जब कोई  उन्हें  कुछ गिफ्ट करता है। गिफ्ट छोटा हो या बड़ा,  इससे उन्हें  कोई  फ़र्क  नहीं  पड़ता है। सिंडी के लिए जो बात मायने रखती है वो ये है  कि गिफ्ट देने के पीछे देने वाले की नीयत क्या है। इस फ़ैक्ट में माइक्रोजॉय है कि किसी ने उनके बारे में सोचा और उनके मन में   उन्हें  कुछ देने का ख्याल आया। 

जब सिंडी travel करती  हैं तो  वहाँ से गिफ्ट्स वगैरह खरीदती हैं। वो अपने दोस्तों को फ्रांस से ट्रफल गिफ्ट करती हैं और कभी-कभी उन्हें  न्यूयॉर्क से “I love NYC” वाले की-चेन लाकर देती हैं। 

किसी को गिफ्ट देना  ज़रूरी  नहीं  है.  कुछ लोगों को तो ये पैसा बर्बाद  करने वाली बात लगती है,  लेकिन सिंडी को इससे बहुत  खुशी मिलती है और इसमें  मज़ा भी आता है, इसलिए वो गिफ्ट लेती और देती रहती हैं। 

दूसरों के प्रति काइंडनेस और genorosity यानी दिल बड़ा रखना,  माइक्रोजॉय ही तो  है। हम फिर से बता दें  कि गिफ्ट की वैल्यू  इस बात पर डिपेंड नहीं करती   है कि उसकी कीमत क्या है बल्कि आप उसे  किस नियत से दे रहे हैं, ये मायने रखता है। 

Busy Being Busy 

लाइफ में कई बार ऐसे भी दिन होते हैं जब आप किसी मोमेंट से तुरंत छुटकारा पाना चाहते हैं। हो सकता है कि  आपका दिन बुरा गुज़रा हो, जैसे आपकी अपने करीबी दोस्त से लड़ाई हो गई हो। या हो सकता है कि  आपने कुछ खो दिया हो जैसे किसी अपने की डेथ हो जाना। 

अपने माइंड को बिजी रखना बिल्कुल सही और जायज़ है। जब सिंडी की माँ  की डेथ हुई तो उस गम से बाहर निकलने के लिए सिंडी ने बिज़ी रहने की हर मुमकिन कोशिश की थी। 

वो किसी  कैफ़े में चली  जाती और वहाँ  घंटों बैठकर न्यूज़पेपर पढ़ती रहती थीं। बीच-बीच में वो कैफ़े में मौजूद लोगों से बातचीत करती या फिर खिड़की से बाहर देखने लगती।  

कभी किसी दिन सिंडी अपने घर के  बेसमेंट से पेंट के पुराने डिब्बे निकालकर  ले आती। फिर वो पेंट  करने के लिए कुछ गमले  ढूंढती या ब्लैंक कैनवास खरीदकर जो उनके  मन में आता वो  पेंट करने लगती। 

उन दिनों,  सिंडी को  हैंडमेड ceramic में बहुत इंटरेस्ट आने लगा था। वो अपने दिन का  ज़्यादातर समय उन गमलों को सही शेप और टेक्स्चर देने पर  फोकस करने में गुज़ार देती थीं  और फिर  उन गमलों में प्लांट्स और हर्ब्स लगा देती थीं। 

ख़ुद को किसी दुःख या परेशानी से दूर करने के लिए लगातार distract करना हेल्दी नहीं होता है,  लेकिन माइक्रोजॉय इस बात को समझता  है कि किसी दुःख से टेम्पररी ब्रेक लेना भी उतना ही ज़रूरी है। 

ऐसा करने के लिए, लोगों से बात करें, एक-आध हॉबी अपनाएं या फिर हाईकिंग पर जाएँ. माना कि  आपका दुख बहुत गहरा हो सकता  है लेकिन इतना जान  लीजिए कि ये भी एक दिन गुज़र जाएगा। आप उस दर्दनाक  मोमेंट से एक दिन ज़रूर उबार जाएँगे। 

Mundane Weekend Mornings


यूँ तो वीकेंड्स आते रहते हैं लेकिन सिंडी को वीकेंड की सुबह जल्दबाज़ी में करना पसंद नहीं है। हालांकि,  उनकी सुबह  की शुरुवात रोज़ाना की तरह ही होती है पर फिर भी उन्हें ये सुबह बहुत ख़ास लगती है।  जब कॉफी बनाते हुए उनके satin का पजामा उनकी स्किन को टच करता है तो उन्हें बहुत अच्छा लगता है।  उन्हें  ये बात भी अच्छी लगती है कि ऐसा करते वक्त उनकी पलकें आधी नींद में होती हैं। आधे जगी आधी सोई हालत में वो ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करती हैं  कि  उन्हें अपनी ज़िंदगी की रफ़्तार को धीमे करने का मौका मिला है। 

सिंडी अपने  कॉफी के  कप के साथ  किचन में बैठ जाती हैं और बहुत  प्यार से अपनी बिल्ली की ओर  देखती हैं, जो अपने पेट के  बल लेटी अपने खिलौने से खेल रही होती  है। 

सिंडी को ऐसी प्यारी खूबसूरत सुबह बहुत  अच्छी लगती है जहां उन्हें  कोई डिस्टर्ब करने वाला ना हो। कईं बार वीकेंड पर  ऐसी सुबह भी  होती है जब  उन्हें  किसी अपॉइंटमेंट या emergency  के कारण  भागना पड़ता है,   लेकिन दिन की धीमी  शुरुवात सिंडी को उन पलों को  एंजॉय करने का मौका देती है जो वो सिर्फ़  खुद के लिए रखती हैं। उस वक्त ना तो कोई  उन्हें  डिस्टर्ब करता है और ना ही उनके ऊपर किसी काम का प्रेशर होता है। सिंडी के लिए वो मामूली वीकेंड की सुबह  कितनी कीमती है, वो ही जानती हैं  और उनके लिए वो शुक्रगुज़ार भी हैं। 


Mother Love

माइक्रोजॉय्स का बस इतना सा  मतलब है कि लाइफ के हल्के-फुल्के पलों  और पॉजिटिव चीज़ों पर फोकस करना। सिंडी को अपनी माँ  में भी माइक्रोजॉय मिलता है, जो अब इस दुनिया से जा चुकी हैं। 
हम सभी ने किसी अपने, किसी जगह या याद को खो  देने  का दर्द झेला है,  लेकिन इस उदासी के साथ-साथ इसमें ख़ुशी  भी है। सिंडी मानती हैं कि अपनी माँ को याद करके उनका मन भर आता है। आखिरकार उन्हें खोने  का गम कभी भुलाया  नहीं  जा सकता। 

सिंडी को आज भी अपनी माँ के साथ बिताए गए वो खूबसूरत पल याद हैं। वो ये सोचकर मुस्कुरा उठती हैं कि  उनकी माँ और वो अक्सर हर मुद्दे पर हर तरह की बात कर लिया करते थे। सिंडी की माँ  ने  उन्हें सिखाया था कि सही तरीके से कम्यूनिकेट कैसे किया जाता है, ख़ासकर अपनी फीलिंग्स  के बारे में। 

इस तरह खुलकर बात करने की वजह से ही उनका रिश्ता और मज़बूत हो पाया  था, लेकिन इसका ये भी मतलब था कि उनकी माँ और उनके बीच  अक्सर  बहस भी हो जाया करती थी। 

सिंडी की माँ  जब भी कुछ ऐसा कहती  या करती जिससे उन्हें बुरा लगता था तो सिंडी तुरंत अपने थॉट्स को उनके सामने एक्सप्रेस कर देती थी और ठीक ऐसा ही उनकी माँ भी करती थीं। 

उनका रिश्ता परफेक्ट तो  नहीं था पर हाँ सिंडी को इस बात का सुकून ज़रूर  था कि उनकी माँ  जब इस दुनिया से गई तो उनके बीच ऐसा कुछ  नहीं  था जो अनकहा रह गया हो। वो  दोनों एक-दूसरे की खामियों और खूबियों से वाकिफ़ हो गए थे।  

दुख का एहसास  हमेशा ही  बुरा लगता है। सिंडी के लिए अपनी माँ के बिना ज़िंदगी गुज़ारने का मतलब था उनके जाने का  दुःख  और उनके लिए प्यार के बीच बैलेंस  बनाकर चलना और शायद यही प्यार है: दुख में ही प्यार छुपा है। हम दुख भी उतनी ही शिद्दत से महसूस करते हैं  जितनी शिद्दत से प्यार महसूस करते हैं। 
 

A Pandemic Journal Entry for Difficult Times


Pandemic यानी महामारी  के शुरुवाती कुछ हफ्तों में आप क्या कर रहे थे? आप शायद एक  नई और अनजाने  बीमारी से जुड़े डर से डील करते हुए अपने लिए एक रूटीन सेट करने की कोशिश कर रहे होंगे। 

Pandemic के शुरूआती दिनों में  सिंडी को एक भारीपन सा महसूस हुआ था। लॉकडाउन के शुरू-शुरू में तो  घर पर ही रहने की एक खुशी महसूस हो रही थी,  लेकिन फिर  कन्फ़्युज़न और डर का माहौल शुरू हो गया क्योंकि उन्हें पता चलने लगा  था कि वो  वायरस कितना जानलेवा हो सकता है। फिर उन्हें इस बात पर गुस्सा आया कि इंसान इस महामारी  के आगे कितना कमज़ोर और बेबस  पड़ गया है। 

फिर शुरू हुआ बोरियत और बैचेनी का दौर। तब  उन्होंने सब कुछ ट्राई किया, कुकिंग से लेकर योगा और एक्सरसाईज़ तक। सिंडी जानती थी कि वो किस्मत वाली हैं कि इन सब चीज़ों की शिकायत कर रही हैं। वहीँ, कुछ लोग  तो रोज़ अपनी जान हथेली पर रखकर बाहर निकलने के लिए मजबूर थे। 

लेकिन इस बात से इंकार  नहीं  किया जा सकता कि अपने ही घर में बंद रहना किसी स्ट्रगल से कम  नहीं था। 

इस pandemic से  सिंडी ने सीखा कि ना  चाहते हुए भी कईं बार आपको आगे बढ़ना पड़ता है,  तब भी जब उसका कोई मतलब नज़र नहीं आ रहा  हो। आपको दूसरों से आगे बढ़कर कदम उठाना पड़ेगा। इस बात की कोई गारंटी  नहीं  है कि चीज़े कब बेहतर होंगी पर होंगी जरूर। आपको बस एक बार  में एक स्टेप लेने की ज़रूरत है। 

Time is an Asshole. Wear the Gown.


एक दिन सुबह सिंडी को एक आईडिया  आया। उन्होंने अपनी अलमारी खोली और करीब 15  मिनट तक कोई चीज़ ढूंढती रही। ढूंढते-ढूंढते उनकी पूरी अलमारी उलट-पुलट हो गई तो लास्ट में  उन्हें पूरी अलमारी  ठीक करनी पड़ी। लेकिन उन्हें इससे  फ़र्क नहीं पड़ा  क्योंकि सिंडी जो ढूंढ रही थी  उन्हें  वो चीज़ मिल गई थी। वो  एक गाऊन था  जो सिंडी कभी पहन  नहीं  पाई थी।  

सिंडी ने उस गाउन को अपने एक फ्रेंड की शादी में पहनने के लिए खरीदा था पर बदकिस्मती से उसी दिन  उन्हें कॉल आया कि उनकी माँ को  सेप्टिक शॉक आया है। किस्मत से सिंडी ने तुरंत एक्शन लिया और उनकी माँ  एक साल और जिंदा रह पाई। 

लेकिन इस घटना ने जैसे  सिंडी की आँखें खोल दी थी। लाइफ सच में कितनी  अनप्रेडिक्टेबल है। कब क्या हो जाए ये कोई नहीं कह सकता.  वैसे तो  उन्हें  इस बात का बहुत  दुख हुआ  था कि वो अपनी फ़्रेंड की शादी अटेंड  नहीं  कर पाई थीं लेकिन सिंडी को कोई अफ़सोस भी   नहीं  था। इस घटना के कारण   उन्हें  अपनी माँ  के साथ कुछ और वक्त बिताने और उनकी देखभाल करने का समय मिल गया था। 

एक साल से ज़्यादा वक्त गुज़र चुका था और एक दिन  सिंडी ने डिसाइड किया कि वो एक ज़ूम मीटिंग के लिए ये गाउन पहनेंगी। इसके साथ ही  उन्होंने मेक-अप भी किया जैसे वो किसी  शादी में जा रही हों। 

हाँ, वो इस occassion के लिए  ओवरड्रेस्ड थी। हा, ये सब करने की कोई ज़रूरत  नहीं  थी,  लेकिन सिंडी को किसी इसकी बिल्कुल परवाह नहीं थी. वो बस  ये करना चाहती थी। 

वो उस गाउन को उसी दिन पहनना चाहती थी और उन्होंने पहना भी। 
लाइफ बहुत छोटी और अनप्रेडिक्टेबल है. इतना सब सोचकर खुद को उन छोटी-छोटी चीज़ों को करने से ना रोकें जो आपको ख़ुशी  देती हैं। 

Metamorphosis


सिंडी की लाइफ में एक ऐसा पॉइंट आया जब  उन्हें वाकई में बहुत रिलैक्स्ड महसूस हो रहा था। उनके दिमाग में जो लगातार एक के बाद एक थॉट आते रहते थे उन्हें  आखिरकर उससे छुटकारा मिल गया था। उनके कंधों और बॉडी में जो टेंशन रहता था वो गायब हो गया था और वो अब एक तरह की  शांति महसूस कर रही  थीं।  

उनकी लाइफ में ये पॉइंट तब आया था जब उन्हें अपनी  जिंदगी के सबसे बड़े  तूफ़ान का सामना करना पड़ा था। उनकी माँ के गुजरने के चंद महीनों बाद  ही  उन्हें  अपने भतीजे  की मौत का दर्द भी सहन  पड़ा था। उन्हीं  दिनों के दौरान,  उनके एक बेहद करीबी दोस्त ने भी उनसे बात करना बंद कर दिया था। 

इतना ही नहीं, सिंडी की कार में  भी प्रॉब्लम  आ रही थी और एक अजनबी से उनकी बहस भी हो गई थी। 
इतना सब होने के बाद किसी की भी हिम्मत जवाब दे जाएगी, लेकिन सिंडी तो एकदम टूट गई थीं।  उन्हें  याद है कि  कैसे वो frustration  में आकर रो पड़ती थी लेकिन बाद में उनका मन हल्का हो जाता  था। 

एक के बाद एक कई  दुख झेलने के बाद सिंडी ने खुद को संभाला।  अब वो  उन चीज़ों पर अपनी एनर्जी वेस्ट  नहीं  करती थीं  जो उनके लिए मायने  नहीं  रखते थे।  उन्हें एहसास  हो गया था  कि लाइफ में टेंशन लेने से  ज़्यादा और कईं इंपोर्टेंट चीज़े हैं करने के लिए। इस बात में भी  माइक्रोजॉय है कि वो अब अपनी प्रायोरिटीज़ को समझ गई थीं। 

 

Friendship on My Doorstep


जब सिंडी और उनके husband इरा नए घर में शिफ्ट हुए तो सिंडी को कुछ समझ  नहीं  आ रहा था।  उनका नया घर बहुत  प्यारा था। यहाँ उन्हें  चिड़ियों की चहचहाहट सुनाई देती थी और उनके पड़ोस में भी एकदम शांति थी। लेकिन एक नई जगह में  एडजसट करना शुरू-शुरू में थोड़ा  मुश्किल होता है। सिंडी और उनके husband ब्रुकलिन में अपने परिवार और दोस्तों को  छोड़कर आए थे.  वो अपनी जान-पहचान की दुकानों  में जाने का कम्फर्ट छोड़कर आए थे, जैसे कि उनका जाना-पहचाना  ग्रॉसरी स्टोर। उन्हें  ऐसा लग रहा था जैसे वो बिल्कुल  नए सिरे से अपनी  ज़िंदगी शुरू कर रहे थे। 

सोमवार की एक सुहानी सुबह उनके दरवाज़े की घंटी बजी। इससे  सिंडी और इरा कंफ्यूज हो गए।  उन्हें  यहाँ कोई नहीं जानता था। सिंडी ने जल्दी से जाकर दरवाजा खोला. सामने एक  औरत फूलों का गुलदस्ता लिए खड़ी थी। 
दरअसल, सिंडी की दोस्त ने ब्रुकलिन से उनके  लिए फूल भिजवाए थे। ये बात सिंडी के  दिल को छू गई। वो गुलदस्ता था भी बेहद खूबसूरत. उसमें लगे फूल  एकदम फ्रेश  और अलग-अलग तरह किस्म के  थे जैसे पॉपीज़, टुलिप्स और पेओनी. सिंडी  उन्हें  देखकर मंत्रमुग्ध हो  गई थी। 

उस औरत ने बताया कि वो एक  फ्लोर डिजाइनर है। सिंडी इतनी ईमोशनल हो गई थीं कि उन्होंने उसे  बताया कि वो लोग अभी-अभी यहाँ  शिफ्ट हुए हैं। सिंडी ने उससे  कहा कि वो इस शहर में किसी को  नहीं  जानते हैं  और  उन्हें  आपस में दोस्ती करनी चाहिए। 

हाँ, ये बात सुनने में थोड़ी अजीब लग रही होगी,  लेकिन सिंडी बिल्कुल भी शर्मिंदा  नहीं  थी। वो किसी से जुड़ना चाहती थी, कोई भी जो उनके पड़ोस में हो। किस्मत से, वो  फ्लोरल डिजाइनर ब्री वहीँ पास में  कुछ घर छोड़कर ही रहती थी। जल्द ही दोनों की दोस्ती हो गई थी। 

सिंडी और ब्री में  काफ़ी बातें  कॉमन थीं। वो लोग अलग-अलग कैफ़े में जाया करते और अपने इंटरेस्ट के बारे डिस्कस करते। दोनों ने ही उन  दिनों अपने एक  पेरेंट के जाने का दुख झेला था। सिंडी और ब्री दोनों को ही गिफ्ट्स लेना और देना पसंद था इसलिए दोनों एक-दूसरे के दरवाजे पर आए दिन सरप्राइज़ गिफ्ट्स रखा करते। 

फ्रेंडशिप हमारी लाइफ में तब भी  आ सकती  है जब हमें इसकी  उम्मीद भी  नहीं  होती है। कईं बार हम किसी ऐसे इंसान को मिस कर देते हैं जो शायद हमारी लाइफ में और रंग भर सकता था,  इसलिए लोगों से मिलते-जुलते रहें क्योंकि वो आपकी लाइफ में जादू बिखेर सकते  हैं। 

Jake
सिंडी को कभी नहीं लगा था कि वो कभी किसी जानवर को एक pet के तौर पर रखेंगी। वैसे तो  उन्हें  जानवर पसंद हैं  पर उन्होंने कभी pet  रखने के बारे में  सोचा नहीं था। वो जानती थी कि pet  रखना कितने जिम्मेदारी का काम है और वो हमेशा अपने  काम में बिज़ी रहती थीं,  इसलिए  उन्हें  यही लगता था कि pet  रखना उनके लिए ठीक  नहीं  होगा। 

एक दिन सिंडी सुबह-सुबह, बेगल सैंडविच लेने के लिए एक शॉप में गई. वो अक्सर इस शॉप  में जाया करती थी। ये एक सिम्पल रूटीन था: वो लाइन में लगती, अपना ऑर्डर देती और फिर सीधे घर चली जाती। 

मगर उस दिन सुबह उनका रूटीन थोड़ा सा अलग  था। उस  शॉप का मालिक  एक बॉक्स लेकर आया था और सबको उस बॉक्स के अंदर झाँकने को बोल रहा था। 

सब लोग उस वक्त हैरान रह गए जब उन्होंने अंदर बिल्ली के 7  बच्चे देखे। बिना किसी हिचकिचाहट के लोगों ने एक-एक बच्चा उठाया और जल्दी से शॉप से निकल गए। सिंडी ने फिर से बॉक्स के अंदर देखा तो उसमें  दो बच्चे अभी भी थे। 

 उन्हें अब भी pet रखने में कोई इंटरेस्ट  नहीं  था,  लेकिन फिर उन्होंने एक माँ और बेटी की बात सुनी जो  उन बच्चों  को घर ले जाने के बारे में सोच रहे थे। वो लोग बिल्ली के  दोनों बच्चे  को रखना चाहते थे। 
ये सुनते ही सिंडी ने जल्दी से एक बच्चा उठाया और शॉप के मालिक को थैंक यू बोलकर स्टोर से  निकल गई। 

सिंडी का दिल ज़ोरों से धड़क रहा था। उन्होंने क्या कर दिया था? उन्होंने बिना कुछ सोचे बिल्ली का बच्चा क्यों उठा लिया था? लेकिन उस दिन दोपहर को सिंडी एक pet  स्टोर में गई और दुनिया भर के बिल्ली के खिलौने खरीद लाई। 

इस बात को 15  साल बीत गए हैं. अब  सिंडी और उनकी बिल्ली जेक एक-दूसरे के बिना  नहीं  रह सकते। 
जेक, सिंडी के लिए एक  माइक्रोजॉय है। उस दिन किस्मत से उस शॉप में,  सिंडी को कुछ एहसास  हुआ था। आप लाइफ में हमेशा रेडी  नहीं  रहते हैं। फिर चाहे वो pet  हो या कोई रिलेशनशिप या आपकी जॉब। कभी-कभी आपको  लाइफ में  अचानक कुछ करना पड़ता है और देखना होता है कि आगे क्या होता है। क्या पता, वो  कुछ आपकी लाइफ को ही  बदल दे।  

So Many Feelings

सिंडी अक्सर ये सोचती  हैं कि क्या वो बहुत  ज़्यादा फ़ील करती हैं। क्या वो अपने इमोशंस को  बढ़ा-चढ़कर महसूस करती हैं? जब वो पार्क में खूबसूरत फूलों को खिलते हुए देखती हैं तो क्या वो कुछ  ज़्यादा ही एक्साईटेड हो जाती हैं? क्या वो अजनबी लोगों से बात करते वक्त कुछ  ज़्यादा ही जोश में आ जाती हैं? 

सिंडी ने ये भी नोटिस किया कि वो अपने नेगेटिव इमोशंस  भी ज़ोर से बोलकर  एक्सप्रेस करती हैं। जब  उन्हें  गुस्सा आता है तो उनकी आवाज़ थोड़ी ऊंची हो जाती है। अगर समाज में कोई अन्याय हो रहा है तो इससे भी  उनका पारा चढ़ जाता है। कईं लोग ऐसे अन्याय  देखकर भी चुपचाप बैठे रहते हैं,  लेकिन सिंडी उनमें से  नहीं  हैं।  उन्हें  लगता है कि ऐसे मुद्दों  को अनदेखा  करने से सिचुएशन  और खराब हो जाती है। 

अपने इमोशंस  को खुलकर फील करने  में सिंडी को शर्म  नहीं आती   है। बाकि लोगों के मुकाबले वो बहुत गहराई से और ज़ोर देकर अपनी फीलिंग्स को  एक्सप्रेस करती हैं.  सिंडी अपनी पर्सनेलीटी के इस पहलू को खुलकर गले भी लगाती हैं। वो जितना ज़्यादा खुद को फ़ील करने का मौका देती हैं, उतनी ही जल्दी वो उन इमोशंस  से डील कर पाती हैं। 

इमेजिन कीजिए कि  आपका दिन बेहद खराब गुज़रा है। आपको उठने में देर हो गई और फिर आपको जल्दी-जल्दी काम पर भागना पड़ा। ऑफिस में आपके बॉस आपको एक बुरी ख़बर  देते हैं और सबसे बड़ी बात तो ये कि आपका फेवरेट लंच भी खत्म हो गया है। ऐसे में,  कोई भी  इंसान अपने नेगेटिव इमोशंस हो  अंदर ही अंदर दबा लेगा। 

मगर सिंडी ऐसी  नहीं  हैं। वो इस बात को एक्सप्रेस करती हैं  कि आज उनका  दिन कितना खराब रहा है। वो इस बात को या तो बोलकर या किसी और तरीके से अपने  frustration को ज़ाहिर कर देती हैं। चाहे कुछ भी हो, लेकिन सिंडी उन इमोशंस  को किसी बॉक्स में ताला  बंद करके  नहीं  रखती हैं । वो  उन्हें  बाहर निकाल देती हैं।  एक बार जब ये नेगेटिव इमोशंस  उनके अंदर से निकल जाते हैं तो सिंडी  फिर से एक बेहतर दिन की उम्मीद करने लगती हैं। 

 

Too Early for Soft Pants

सिंडी को सर्दियां  बहुत  पसंद है। ठंडा मौसम  उन्हें  एक आलसी बना  देता है जहां उनके मन  में  सिर्फ़ एक ही चीज़ आती है और वो है सोना या फिर आलसी बने रहना। जब सर्दियां  आती हैं  तो वो और उनके husband  एक जैसे कपडे  पहनते हैं -  मोटे स्वेटर और सॉफ्ट पैंट। 

जब सिंडी इन  कपड़ों में घर से बाहर  कूड़ा फ़ेंकने या डिलीवरी का  पैकेट लेने जाती हैं तो उन्हें अपने इस लुक से शर्म नहीं आती है। जबकि उनके husband  सॉफ्ट पैंट पहनकर बाहर जाने से मना कर देते  हैं। वो कहते हैं कि सॉफ्ट पैंट  सिर्फ़ घर के अंदर पहनने के लिए होते हैं।

सिंडी उनकी बातें सुनकर हैरानी से हँसती हैं और ऐसे सिर हिला देती  हैं जैसे वो उनकी बात समझ गई हैं। उनके लिए  सॉफ्ट पैंट सिर्फ़  कम्फर्ट और विंटर सीजन  की निशानी नहीं  हैं बल्कि ये  दोनों husband  वाइफ के लिए एक छोटा सा रिचुअल जैसा है। ये एक इंटीमेट टाइम का सिम्बल है जहाँ  वो  एक-दूसरे के साथ vulnerable  होकर रह सकते हैं। 

सर्दी की एक दोपहर, सिंडी लिविंग रूम में थी। ये वीकेंड का दिन था इसलिए वो और उनके husband  घर पर ही थे और उनका कोई ख़ास प्लान भी नहीं था। सिंडी इस बात को मानती नहीं हैं लेकिन उस दिन एक  चिपकू जैसे बिहेव कर रही  थी। अगर इरा उनसे आधा घंटा भी दूर रहते  तो वो   उन्हें  ढूँढने चली जाती। 

इरा उनके   बेडरूम में थे। वो अपने लैपटॉप पर एक मूवी देखने में बिज़ी थे जबकि उनकी बिल्ली  जेक  बड़े सुकून से उनके बगल में सो रही थी। इरा ने फ़ीकी पिंक शर्ट और सॉफ्ट पैंट पहनी हुई थी। 

 उन्हें  देखकर सिंडी को शांति मिली। उन्होंने तुरंत अपना फोन निकाला  और उनकी  एक पिक्चर ले ली। वो कोई खास मौका  नहीं  था पर फिर भी उन्होंने उस पल को अपने कैमरे में कैद कर लिया। 

क्योंकि जिन चीज़ों की  हमें आदत हो जाती  है, वो फ्यूचर में दोबारा  सेम तरीके से  नहीं  होंगे। जैसे,  जिनसे आप प्यार करते हैं उनके साथ बिताया गया एक सुकून भरा दिन, अपने  दोस्तों के साथ किया गया  एक बढ़िया डिनर, अपने pet  के साथ छुपा-छुपी  का गेम खेलना, ये वो छोटी-छोटी पल  हैं जो हमेशा आपके दिल के करीब रहेंगे। 

इन पलों  को लिखकर, या इनकी पिक्चर लेकर या vlog  बनाकर  इन्हें  कैप्चर करने की कोशिश करें। ये एक तरीका है इन पलों  को हल्के में ना लेने का। साथ ही,  ये आपको याद दिलाता रहेगा कि अभी आपकी लाइफ में सब कुछ कितना बढ़िया चल रहा है। 

How to Lead

सिंडी ने एक बार एक फैशन कंपनी को  मैनेज किया था। वो अपनी जॉब से खुश थी, उनके बॉस बहुत  अच्छे थे और उनकी टीम भी कमाल की थी। उन्हें अलग-अलग जगह से मटेरियल ऑर्डर करना पड़ता था, लेकिन  ये सुनने में  आसान काम लगता है लेकिन इसके लिए बहुत  ऑर्गेनाईजेशन और डिटेल  की ज़रूरत होती  है। 

एक दिन,  सिंडी को डायरेक्टर के ऑफिस में बुलाया  गया। उस कंपनी की  डायरेक्टर जिलियन एक मिडल-एज़्ड औरत थी जिन्हें  सिंडी बहुत पसंद करती थी। जिलियन एक काबिल लीडर थी। उन्होंने  सिंडी को साफ़ शब्दों में बताया कि उनके  ऑर्डर में एक गलती हुई है। 

ऑर्डर में हुई गलती के लिए सिंडी और उनकी टीम से ही बात की जाती थी। डायरेक्टर ने सिंडी को अपने ऑफिस में इसलिए बुलाया था क्योंकि जो गलती हुई थी उसकी वैल्यू 35,000  डॉलर  थी। 

सिंडी ने जैसे ही ये अमाउंट  सुना, उन्हें रोना आ गया।  उन्हें बहुत insult  महसूस हो रही थी। कितनी बड़ी गलती जो  हुई थी! इस बात में कोई शक  नहीं  था कि उनकी जॉब जा सकती थी। सिंडी रोते-रोते  माफी मांगे  जा रही थी। 

डायरेक्टर ने  उन्हें  कुछ देर रोने दिया। उसके बाद,  उन्होंने सिंडी से पूछा कि  क्या उनका रोना पूरा  हो गया है। इसके जवाब में  सिंडी ने हाँ में सिर हिला दिया। सिंडी ने कहा  कि ऐसी गलती नहीं होनी चाहिए थी। 

जिलियन  ने सिर हिलाते हुए कहा कि  उन्हें  सिंडी पर भरोसा है और वो   उन्हें  जॉब से  नहीं  निकालेंगी  क्योंकि वो जानती हैं कि सिंडी कितनी टैलेंटेड  और अच्छी हैं और इसके साथ ही उनकी बातचीत पूरी हो गई। 

ये सुनकर सिंडी को कुछ समझ  नहीं  आ रहा था कि क्या बोले। उन्हें लग रहा था कि  इसके बाद उनकी परफॉरमेंस को बारीकी से मॉनिटर किया जाएगा,  लेकिन जिलियन  ने  उन्हें  माइक्रोमैनेज  नहीं  किया। उन्होंने सिंडी की इस  बात पर भरोसा किया था कि उनसे दोबारा  ऐसी गलती कभी   नहीं  होगी। 

सिंडी और  उनके वर्क एथिक पर जिलियन ने  जो भरोसा दिखाया  था उसने सिंडी को अपनी जॉब को लेकर और भी  ज़्यादा कॉन्फिडेंट बना दिया। इस माइक्रोजॉय मोमेंट ने  उन्हें  अपने करियर को इम्प्रूव करने में बहुत मदद की। 

Conclusion

सबसे पहले तो आपने माइक्रोजॉय के बारे में जाना। माइक्रोजॉय का मतलब है हर मोमेंट में ख़ुशी ढूँढना। इसका मतलब है कुछ बड़ा होने का  इंतज़ार नहीं करना। इसका मतलब है कि लाइफ के हर पल को  एन्जॉय करना और किसी भी चीज़ को फ़ॉर  ग्रांटेड ना लेना। 

सेकंड, आपने जाना  कि लाइफ में कोई भी चीज़ चाहे वो छोटी ही क्यों ना हो  आपके लिए माइक्रो जॉय का सोर्स बन सकती है। ये कोई जगह हो सकती है जैसे कोई स्पाइस शॉप या फ़िर बस  खाली बैठना  और कुछ भी ना करना, हो सकता है। माइक्रोजॉय कोई इंसान, मूड, मौसम या कोई एक्टिविटी भी हो सकती है। 

थर्ड, आपने जाना कि माइक्रोजॉय आपको उस  मोमेंट में रहने में हेल्प करता है। ये आपको याद दिलाता  है कि कोई भी मोमेंट दोबारा बिल्कुल सेम  नहीं होगा,  इसलिए आपको हर छोटी चीज़ को संजोकर  रखना होगा। 

फ़ोर्थ, आपने जाना  कि किस चीज़ को  प्रायोरिटी देना चाहिए। माइक्रोजॉय आपको ये समझने में हेल्प करता है कि आपके लिए कौन सी चीज़  चीज़ सबसे  ज़्यादा मायने रखती है। ये आपको ये भी  बताती है कि आप उन चीज़ों में कितनी एनर्जी वेस्ट कर रहे  हैं जो आपके लिए अच्छी  नहीं  हैं। 

ख़ुशी महसूस में सालों का वक्त  नहीं  लगता है  और ना ही इसे पाने के लिए बहुत पैसा ख़र्च करने या कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। ख़ुशी  एक ऐसा  स्टेट है जिसे  आप बार-बार और  कईं बार एक्सपीरियंस कर सकते हैं.  

दुख और बाकि के  नेगेटिव इमोशंस पूरी तरह से ख़त्म नहीं हो सकते हैं,  लेकिन इस  दर्द के बावजूद भी आप माइक्रोजॉय को महसूस कर सकते हैं। आपको ख़ुद ख़ुशी ढूँढना होगा, ख़ासकर  मुश्किल वक्त में। इसलिए अपने  डेली लाइफ में माइक्रोजॉय को  देखना शुरू कीजिए और तब जाकर  आपको एहसास  होगा कि आप कितने किस्मत वाले हैं.  

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