KEYS TO SUCCESS - The 17 Principles of Personal Achievement
Napoleon Hill
इंट्रोडक्शन
सक्सेस का रास्ता पहाड़ पर चढ़ने की तरह होता है, जहां सक्सेस सबसे ऊपर की चोटी पर होती है। शुरुआत में आपको लगेगा कि इस पर चढ़ना नामुमकिन है। हो सकता है कि आप एक कदम भी न उठाना चाहें और हार मान लें। लेकिन, अगर आप छोटे छोटे पड़ाव पर फोकस करते हैं, तो आपकी बॉडी को इस वर्कआउट की आदत हो जाएगी और आप बहुत जल्द ही ऊँचाई पर पहुंच जाएँगे।
इस समरी में आप जानेंगे कि अपने टीम मेंबर्स को सोच समझकर चुनना कितना इम्पोर्टेन्ट है। आप ये भी सीखेंगे कि टीम में शांति और सहयोग कैसे मेन्टेन करें।
आप इस बारे में भी जानेंगे कि जितनी आपसे उम्मीद की जा रही है, आपको उससे ज़्यादा क्यों करना चाहिए, भले ही उस एक्स्ट्रा काम के लिए आपको कोई पैसा ना मिले। कुछ एक्स्ट्रा करने से आपकी लाइफ बदल सकती है।
यह समरी आपको सिखाएगी कि सक्सेसफुल लोग दूसरों के रास्ता दिखाने का इंतजार क्यों नहीं करते। इसके बजाय, वो खुद पहल करके उन पर काम करते हैं।
आप सेल्फ-डिसिप्लिन के फायदे के बारे में जानेंगे और ये भी जानेंगे कि इसे अपनी लाइफ में कैसे अचीव करना है।
यह समरी आपको सिखाएगी कि अपनी टीम को मोटीवेटेड रखने के लिए, उनका मनोबल कैसे बढ़ाया जाए। आप सीखेंगे कि कैसे अपनी टीम के मेंबर्स को अपने साथ बनाए रखने और खुशी से काम करने के लिए प्रेरित करें।
आप यह भी जानेंगे कि आपकी लाइफ के हर मुश्किल, हार और रूकावट को क्यों एक जीत की तरह देखना चाहिए।
आखिर में, आप सीखेंगे कि अपने क्रिएटिव विज़न को कैसे अनलॉक करें और इंस्पायर हों।
आप जानेंगे कि रुकावटों का सामना करते वक़्त, एक ब्रिलियंट माइंड कैसे काम काम करता है। आप अपने माइंड को बदलने और उसके पोटेंशियल को बढ़ाने के रहस्यों के बारे में भी जानेंगे।
कीज़ टू सक्सेस, नेपोलियन हिल की एक क्लासिक बुक है। इसमें उन्होंने आपके छुपे हुए पोटेंशियल को ढूँढने में मदद करने के लिए पर्सनल अचीवमेंट के 17 प्रिंसिपल्स पर बात की है। एक ब्रिलियंट दिमाग कैसे काम करता है, ये जानकार आप हर सिचुएशन में जीत सकते हैं।
Establish a Mastermind Alliance
कोई भी माइंड अपने आप में पूरा नहीं होता है। पास्ट में सक्सेसफुल लोगों ने सही लोगों के साथ जुड़कर अपनी सक्सेस को और बढ़ाया है। अगर दो या दो से ज़्यादा माइंड एक ही गोल पर काम करें, तो एक मास्टरमाइंड जोड़ी बना सकते हैं। सेम विज़न वाले लोगों के साथ काम करने से आप उनकी नॉलेज, ट्रेनिंग और एक्सपीरियंस का इस्तेमाल इस तरह कर पाएंगे जैसे कि वो आपके अपने हों।
सबसे पहले, आपको खुद के साथ नाता जोड़ना सीखना होगा। दूसरों की जिम्मेदारी लेने से पहले आपको खुद को संभालना होगा। अपने उस साइड से दोस्ती करने की कोशिश जिसे किसी चीज़ से दर नहीं लगता है। अपने लिए टाइम निकालें और अपनी ताकत और कमज़ोरियों को जानें। अपने स्किल्स को डेवलप करें और प्राइमरी गोल पर फोकस करने के लिए, अपने माइंड को ट्रेन करें। आप खुद के सबसे अच्छे दोस्त हैं।
दूसरा, आपको अपनी शादी और एजुकेशन में भी नाता जोड़ना होगा। घर में ख़ुशी की कमी, आपकी प्रोडक्टिविटी और माइंडसेट को एफेक्ट करती है। अपने लाइफपार्टनर को टाइम दें और उनके साथ अपने गोल्स के बारे में बात करें। आपको यह देखकर हैरानी होगी कि एक खुस्शाल शादीशुदा ज़िंदगी कैसे एक मज़बूत सहारे की तरह काम करता है।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने साल के हैं या आपने कितना अचीव किया है। सीखने के लिए हमेशा कुछ ना कुछ ज़रूर होता है। आपको दुनिया की नॉलेज के साथ नाता जोड़ने की ज़रुरत है। रोज़ाना कुछ ना कुछ पढ़ने की आदत डालें। ऐसी मटेरियल पढ़ें जो आपके माइंड को ग्रो करने में मदद करे।
तीसरा, आपको दूसरों के साथ भी नाता जोड़ना होगा। अपने विज़न को अपनी पूरी टीम के साथ शेयर करें ताकि लोग आपके साथ कोआपरेट करें। इससे यह पक्का होगा कि हर कोई एक ही पेज पर है यानी एक ही मकसद के लिए काम कर रहा है। इसलिए एक अच्छा प्लान बनाएं। अपने एंड गोल के बारे में लिखें और बताएँ कि आप उसे कैसे हासिल करेंगे। अगर आप एक ऐसा प्लान बनाते हैं जिस पर अच्छे से रिसर्च की गई है और सभी छोटी छोटी डिटेल्स पर ध्यान दिया गया है, तो आपकी टीम आप पर पूरे कॉन्फिडेंस के साथ विश्वास कर पाएगी।
आपको अपनी टीम में शामिल करने के लिए सही लोगों को ढूंढना होगा। पोटेंशियल कैंडिडेट्स के साथ मीटिंग करें। उनके पर्सनल गोल्स को जानें और देखें कि वो आपके गोल्स से मिलते हैं या नहीं। उनके हर डाउट के बारे में पूछें। अपने डिसिशन को उन्हें बताएं। उन रिवॉर्ड को डिस्कस करें जो आप, उनके काम के बदले में उन्हें देंगे। इसके बारे में स्पेसिफिक रहें ताकि कोई कन्फ्यूज़न न हो। सबके साथ फेयर रहें।
इसके बाद, गोल के प्रोग्रेस पर एक दूसरे को अपडेट रखने के लिए, अपने साथियों या पार्टनर्स के साथ regularly मीटिंग करें। मीटिंग के लिए एक रेगुलर टाइम और जगह रखें। यह आपको प्रॉब्लम को डिस्कस करने और पार्टनरशिप में करीबी रिश्ता बनाने में मदद करता है।
आपने जो रिश्ते या पार्टनरशिप बनाए हैं उसे मेन्टेन करना सीखना होगा। अगर आपकी टीम को आपके प्लान पर भरोसा है तो वो आपके साथ काम करती रहेगी। इसलिए आपको मोटीवेटेड रहना होगा और अपनी जिम्मेदारियों और ड्यूटी को बखूबी निभाना होगा। दूसरे लोग आपके काम से इंस्पायर होंगे और आपके गोल्स पर ज़्यादा विश्वास करेंगे।
ग्रुप के हर मेम्बर के स्किल्स को समझें। अलग अलग फील्ड्स की नॉलेज को बढ़ाने के लिए आपको स्पेशलिस्ट्स को हायर करना होगा। किसी भी फैसले लेने के प्रोसेस का हिस्सा बनने के लिए, हर इंसान को कोर प्रॉब्लम को समझना होगा।
आपको यह ध्यान रखना होगा कि आप अपनी टीम में न्याय और बिना किसी भेदभाव का माहौल बनाएं। किसी को भी दूसरों के मुकाबले अनफेयर एडवांटेज नहीं मिलना चाहिए और सभी को नैतिक तरीके से काम करना होगा।
आपके पार्टनर या टीम या साथियों में, रास्ते में आने वाली परेशानियों से निपटने की हिम्मत होनी चाहिए। रुकावटों का सामना करते वक़्त मज़बूत और डटे रहने के लिए, आपको उनके कॉन्फिडेंस और स्किल्स को डेवलप करते रहना होगा।
Go the Extra Mile
Going the extra mile, माइंड का एक स्टेट है जिसे आपको डेवलप करना है और अपने हर काम में अप्लाई करना है। Going the extra mile का मतलब है कि आपसे जितनी उम्मीद की जा रही है या जितने की ज़रुरत है, उससे ज़्यादा कर जाना. आपका एक्स्ट्रा एफर्ट एक इन्वेस्टमेंट की तरह है। आप अपने काम में जितना एफर्ट डालते हैं, आपको उतना ही ज़्यादा आउटपुट मिलेगा। आपको जितना पैसा दिया जाता है, उससे ज़्यादा करने से आप स्पॉटलाइट में आ जाएँगे, जो आपको औरों से हटकर भी दिखाएगा। ये आपको ऐसा बना देगा कि ऑफिस में कोई भी आपकी जगह नहीं ले पाएगा।
एडवर्ड सी. बार्न्स एक determined यानि धुन के पक्के इंसान थे। वह एक सक्सेसफुल इन्वेंटर और बिज़नसमैन, थॉमस एडिसन के बिज़नेस पार्टनर बनना चाहते थे। एडिसन ने कभी किसी के साथ पार्टनरशिप नहीं की थी। जब बार्न्स, एडिसन के ऑफिस में बिना बताए पहुंच गए तो वहां काम करने वाले लोगों ने उनके खराब अपीयरेंस और उनके एम्बिशन का मज़ाक उड़ाया। बार्न्स, एडिसन से किसी भी हालत में मिलना चाहते थे। आखिर में, उन्हें एक इंटरव्यू देने का मौका मिला और एक असिस्टेंट की जॉब मिल गई।
बार्न्स ने सालों तक मशीनों की सफाई की और उन्हें रिपेयर किया। एडिसन ने बार्न्स की लगन को नोटिस किया, लेकिन यह उन्हें एक बिज़नस पार्टनर बनाने के लिए काफी नहीं था। एक दिन बार्न्स ने सेल्स टीम की बातचीत सुनी। वो एडिसन के नए इन्वेंशन, डिक्टाफोन के बारे में बातें कर रहे थे।
डिक्टाफोन वौइस मैसेज को रिकॉर्ड कर सकता था, इसका मतलब उसमें सेक्रेटरी के काम की जगह करने का पोटेंशियल था। सेल्स टीम का मानना था कि कोई भी उनका डिक्टाफोन फोन नहीं खरीदेगा। बार्न्स ने इस मौके को नोटिस किया और इस इन्वेंशन को बेचने के लिए आगे आए।
बार्न्स ने पूरे एक महीने तक न्यूयॉर्क में डिक्टाफोन का प्रमोशन किया। इसके लिए उन्हें एक्स्ट्रा पैसे नहीं मिल रहे थे और वे असिस्टेंट की सैलरी पर ही काम कर रहे थे। महीने के आखिर तक, बार्न्स ने 7 मशीनें बेचीं थीं। जब बार्न्स ऑफिस लौटे तो डिक्टाफोन की सेल को पूरे देश में बढ़ाने के लिए, उनके पास कई आइडियाज़ थे। एडिसन उनके काम से बहुत इम्प्रेस हुए और उन्हें अपना बिज़नेस पार्टनर बना लिया। बार्न्स, एडिसन के पूरे करियर के पहले और इकलौते पार्टनर थे।
एडिसन के हजारों स्टाफ मेंबर्स थे, लेकिन बार्न्स उनके लिए एक इम्पोर्टेन्ट एसेट बन गए। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बार्न्स ने एडिसन के आईडिया में विश्वास दिखाया और उस विश्वास को एक्शन में बदला। इसके लिए उन्होंने एक्स्ट्रा बेनिफिट या सैलरी नहीं मांगी। बार्न्स ने वह काम किया जो एक असिस्टेंट के काम से काफी ऊपर था। उनसे जो उम्मीद की जा रही थी, उन्होंने उससे कहीं बढ़कर काम किया था और इस वजह से आखिर में इसके लिए उन्हें एक्स्ट्राऑर्डिनरी अवॉर्ड मिला।
जब आप एक्स्ट्रा एफर्ट डालते हैं, तो फ़ायदा पाने के लिए गलत सोच ना रखें बल्कि लालच ना रखते हुए नेक इरादों के साथ एक्स्ट्रा सर्विस ऑफर करें।
आइए एक और example लेते हैं. एक दिन फ़िलाडेल्फ़िया में मुसलाधार बारिश हो रही थी। एक बुजुर्ग औरत, डिपार्टमेंटल स्टोर में गई। वहाँ के ज़्यादातर स्टाफ ने उन्हें नज़रअंदाज़ कर दिया, लेकिन एक यंग लड़का उनकी मदद करने के लिए आगे आया। उस औरत ने कहा कि वह वहां कुछ खरीदने नहीं आई थीं, वो तो बस बारिश के रुकने का इंतज़ार कर रही थीं।
उस यंग लड़के ने दुकान में उसे कोई प्रोडक्ट बेचने की कोशिश नहीं की। इसके बजाय, वह एक कुर्सी लेकर आया ताकि वो बुजुर्ग औरत आराम से बैठकर इंतज़ार कर सकें। जब बारिश बंद हो गई तो औरत ने उसे शुक्रिया कहा, उसका कार्ड मांगा और दुकान से निकल गई।
कुछ महीनों बाद, उस यंग लड़के को स्कॉटलैंड जाकर एक महल को फर्निश करने के लिए नौकरी का ऑफर मिला। वो ख़त किसी और ने नहीं उसी बुज़ुर्ग औरत ने लिखा था जिनकी उस लड़के ने मदद की थी। उसे बाद में पता चला कि वह स्टील मैग्नेट, एंड्रयू कार्नेगी की माँ थी।
ये कहानी बताती है कि आपको अपनी सर्विस की quality और quantity को पॉज़िटिव और ईमानदार रवैये के साथ बढ़ाना चाहिए। आखिर में, एक्स्ट्रा माइल जाने से आपको एक ज़बरदस्त रिवॉर्ड मिलेगा। ये र्वार्ड पैसा, रेस्पेक्ट, विश्वास, ख़ुशी, या दूसरों के साथ कोई प्यारा सा रिश्ता भी हो सकता है। एक्स्ट्रा माइल जाने से आप लाइफ में ख़ुशी और संतुष्ट महसूस करेंगे।
Create Personal Initiative
कुछ लोग सिर्फ वही करते हैं, जो उन्हें करने के लिए कहा जाता है। कुछ लोग बिल्कुल कुछ नहीं करते और कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बिना बताए बहुत कुछ कर जाते हैं। इस तरह के लोग जो पर्सनल इनिशिएटिव यानी पहल करते हैं, उन्हें सक्सेस मिलती है।
हेनरी कैसर एक अमेरिकन इंडस्ट्रीयलिस्ट थे। दूसरे वर्ल्ड वॉर के दौरान, ज़्यादा ship यानी जहाज़ों की ज़रुरत थी। हेनरी को शिप बनाने का बिल्कुल एक्सपीरियंस नहीं था। लेकिन उन्होंने एक डिटेल्ड प्लान बनाने और उस पर अमल करने की पहल की।
हेनरी ने छोटी से छोटी बात का ध्यान रखा। उन्होंने एक फिक्स डेट पर, ट्रेन भरकर स्टील को शिपयार्ड तक पहुंचाने का ऑर्डर दिया। हेनरी ने ये पक्का किया कि रेलवे को इस डिलीवरी के बारे में पता हो ताकि इसमें ज़रा भी देर न हो। उन्होंने स्टील मिल में यह पक्का करने के लिए एक टीम भी भेजी कि स्टील मिल समय पर उन्हें स्टील बनाकर डिलीवर कर पाएगा या नहीं। उन्होंने अपनी टीम को शिपमेंट के साथ ट्रेवल करने के लिए भी कहा।
उनका पर्सनल इनिशिएटिव दूसरों पर असर कर रहा था। हर कोई जानता था कि हेनरी उनसे क्या उम्मीद करते हैं इसलिए उन्होंने अपना पर्सनल इनिशिएटिव लेकर अपने-अपने रोल को बखूबी निभाया। आखिर में हेनरी कैसर का प्लान सक्सेसफुल हुआ। आज उन्हें मॉडर्न अमेरिकन शिपबिल्डिंग का फादर कहा जाता है।
जब दूसरे फ़ेल हो जाते हैं तो पर्सनल इनिशिएटिव लेना आपको सक्सेसफुल बनाता है। नेपोलियन हिल एक बार अपनी वाइफ की फैमिली से मिलने गए। जिस स्टेशन पर ट्रेन रुकी थी वो उनकी वाइफ के घर से दो मील दूर था। जब नेपोलियन ट्रेन से उतरे तो बारिश शुरू हो गई थी। वह घर तक पैदल चलकर गए थे जिस वजह से पूरी तरह भीग गए थे. उनकी वाइफ की फैमिली ने उन्हें बताया कि उन्होंने रेलवे कंपनी से उनके शहर में एक ट्रैक बनाने की रिक्वेस्ट दस साल पहले की थी, लेकिन रेलवे मैनेजमेंट ने ऐसा करने से मना कर दिया था क्योंकि वहाँ लोकल नदी पर रेलवे ट्रैक बनाना बहुत महंगा पड़ता।
नेपोलियन वो नदी देखने गए। उन्होंने देखा कि उस पर एक पुल बना हुआ है। पुल की हालत खस्ता थी। रेलवे स्टेशन नदी के दूसरी ओर था और वहाँ एक सड़क भी थी। जब भी वहाँ से ट्रेन गुज़रती तो सड़क पर ट्रैफिक को रोकना पड़ता था। ये देखकर नेपोलियन को एक आईडिया आया।
उन्होंने देखा कि तीनों ट्रांसपोर्ट सिस्टम में कुछ प्रॉब्लम थे। उन्होंने कहा कि अगर नदी के पार एक रेलवे ट्रैक बनाया जाता है तो ब्रिज, रेलवे और सड़क की अथॉरिटीज़ सभी की प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी। वे नए रेलवे ट्रैक बनाने के ख़र्चे को आपस में बाँट सकते थे ताकि किसी एक मैनेजमेंट पर पूरा बोझ ना पड़े। इस तरह, ट्रेन के जाने के लिए ट्रैफिक को भी नहीं रोकना होगा, ट्रेन के यात्रियों को अपने शहर तक पहुंचने के लिए मीलों पैदल नहीं चलना पड़ेगा और ब्रिज पर यात्रियों की ज़्यादा भीड़ से बोझ पड़ रहा था वो भी नहीं पड़ेगा।
नेपोलियन का आईडिया सक्सेसफुल रहा। अगले तीन महीनों में तीनों अथॉरिटीज़ ने उनकी वाइफ के शहर में रेलवे ट्रैक बना दिया था। जो काम 10 साल में मुमकिन नहीं हो पाया था, उसे नेपोलियन ने पर्सनल इनिशिएटिव लेकर सिर्फ 3 महीने में मुमकिन कर दिखाया था।
यह कहानी बताती है कि आपको अपने प्लान्स को अमल में लाने के लिए किसी बाहरी फ़ोर्स का इंतज़ार नहीं करना चाहिए। अगर आपको कोई मौका दिखता है तो अपने एक्शन प्लान बनाना शुरू करें। कुछ ना करने से बेहतर है उस प्लान पर काम करना जो प्रोग्रेस में है। अपने बॉस खुद बनें। दूसरों के इंस्ट्रक्शन का इंतज़ार न करें। छोटे-छोटे स्टेप्स उठाएं और हर दिन अपने गोल की ओर बढ़ें। जल्द ही, आपके छोटे-छोटे एफर्ट से आपको बड़ा रिवॉर्ड मिलेगा।
Enforce Self-Discipline
आपका माइंड पोटेंशियल का पावरहाउस है। आपको ये सीखना होगा कि उस पावर को, कहाँ और कैसे इस्तेमाल करना है। अगर आप अपने इनिशिएटिव पर काम करना चाहते हैं और सक्सेसफुल होना चाहते हैं तो अपने माइंड पर कंट्रोल रखना ज़रूरी है। अगर आप लाइफ में सेल्फ-डिसिप्लिन प्रैक्टिस करते हैं तो यह आपको मिल सकता है। सेल्फ-डिसिप्लिन में, खुद के बारे में नॉलेज होना और आपके स्किल्स को परखने की एबिलिटी आती है।
कुछ लोग अपनी लाइफ को सिर्फ किसी वजह के हिसाब से कंट्रोल करते हैं और इमोशन को हर डिसिशन से दूर रखते हैं। कुछ लोग इमोशनल फैसले लेते हैं। लेकिन सेल्फ-डिसिप्लिन का मतलब ये भी है कि आपको इमोशंस के साथ साथ लॉजिकल थिंकिंग को बैलेंस करना सीखना होगा। यह आपको दूसरों के साथ प्यार से पेश आने और फैसले लेने लायक बनाएगा। ज्यादातर लोग पहले काम करते हैं और फिर सोचते हैं। आपको अपने माइंड को ये सिखाना होगा कि किसी भी चीज़ के नतीजे के बारे में सोचने के बाद ही कोई फैसला ले। लालच, डर, जलन और नफरत जैसे नेगेटिव इमोशंस खतरनाक हैं और आपका दिमाग ख़राब कर सकते हैं।
अपने माइंड को डिसिप्लिन करने का एक आसान तरीका यह है कि आप अपने दिन के लिए एक टाइमटेबल बनाकर फॉलो कर सकते हैं। शुरुआत में आपको यह मुश्किल लग सकता है, लेकिन प्रैक्टिस करने से यह धीरे धीरे आसान हो जाएगा।
एलेक्जेंडर सोल्झेनित्सिन (Aleksandr Solzhenitsyn) रशियन ऑथर थे, जिन्होंने रशिया में पॉलिटिकल repression यानी दमन के खिलाफ बिना डरे बात की थी। एलेक्जेंडर रोज़ सुबह 6 बजे उठते, थोड़ा नाश्ता करते और लिखना शुरू कर देते। दिन में वो लंच ब्रेक लेते और देर रात तक या सुबह तक लिखते रहते। एलेक्जेंडर फोन को अपने काम से बिल्कुल दूर रखते थे ताकि उनके काम में कोई खलल ना पड़े। आखिर में, उन्होंने रशियन नज़रिए से, पहले वर्ल्ड वॉर के बारे में "द रेड व्हील" नाम की बुक्स सीरीज़ बनाई।
यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका से निकाले जाने पर भी एलेक्जेंडर ने अपने लिखने के रूटीन को सख्ती से फॉलो किया। वो मशहूर थे और इस अटेंशन का मज़ा लेकर, अपना टाइम बिता सकते थे। लेकिन एलेक्जेंडर, वर्मोंट जैसे छोटे शहर चले गए ताकि वह अपने काम पर फोकस कर सकें। एक बार उन्हें न्यूज़ प्रोग्राम में आकर ज़्यादा फेम हासिल करने का मौका मिला। एलेक्जेंडर ने इस आईडिया को भी मना कर दिया ताकि वह अपने गोल्स पर अपना पूरा ध्यान दे सकें। उनके सालों के सेल्फ-डिसिप्लिन ने उन्हें एक इन्फ्लुएंशिअल फिगर बना दिया था।
जब आप पावरफुल लोगों के बारे में सोचते हैं, तो आमतौर पर आपके माइंड में एक अमीर इंसान की इमेज आती है। लेकिन दुनिया के सबसे पावरफुल इंसानों में से एक, अमीर नहीं थे। महात्मा गांधी एक भारतीय लॉयर और फ्रीडम फाइटर थे, जिन्होंने अपने देश को अंग्रेज़ों से आज़ादी दिलाने का बीड़ा उठाया।
गांधी के पास घर नहीं था, वो सिंपल सूती कपड़े पहनते थे और सादा खाना खाते थे। उनके मन में एक क्लियर गोल था। वह भारत के लोगों की आज़ादी चाहते थे। गांधी जी ने अपने सपने को पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत की। उन्होंने लाखों लोगों को साथ जोड़ा, जो वफादार और पक्के इरादों वाले थे। गांधी जी चाहते तो ऐसे हालत का अपने स्वार्थ के लिए नाजायज़ फ़ायदा उठा सकते थे, लेकिन उन्होंने इस तरह के सभी ऑफर्स को ठुकरा दिया। उन्होंने मरते दम तक, डिसिप्लिन के सिंपल लाइफस्टाइल को बनाए रखा।
इस कहानी से हम सीख सकते हैं कि सेल्फ-डिसिप्लिन आपको अपने एम्बिशन और इमोशन को सही रास्ते पर ले जाने में मदद करता है। फ़ालतू के distraction, जैसे शोहरत की भूख, आपको अपने असली गोल से भटका देते हैं। इसलिए, एक स्ट्रिक्ट शेड्यूल फॉलो करें, जो आपके पर्पस को पूरा करने में आपकी मदद करे। हर स्टेप को पूरा टाइम और एनर्जी दें। मोटिवेशन आपको आगे बढ़ाता है, लेकिन सेल्फ-डिसिप्लिन आपको ग्रो करने में मदद करता है। इसकी बदौलत आखिर में आप सक्सेस की सीढ़ी ज़रूर चढ़ेंगे।
Inspire Teamwork
कोई भी इंसान, “वन मैन आर्मी” नहीं हो सकता। हिस्ट्री गवाह है कि दुनिया के सबसे इकनोमिकली पावरफुल देश, ज़्यादातर लेवल पर टीम वर्क से बने हैं। जैसे प्यार और दोस्ती में आप जितना साथ देते हैं उतना ही ये आपको वापस मिलता है। इसलिए, दूसरों को इन्फ्लुएंस करना सीखें ताकि वो आपके साथ शांति के साथ काम कर सकें।
टीम वर्क में सभी को अपने स्वार्थी इच्छाओं को छोड़कर, एक कॉमन गोल की तरफ काम करने की ज़रुरत होती है। टीम में काम करने से टीम के जोश और विज़न के साथ साथ उसकी नॉलेज भी बढ़ेगी। ऐसा होने से, आपके गोल को हासिल करने के चांस ज़्यादा हो जाते हैं। फिर हर कोई उस कड़ी मेहनत के प्रॉफिट को अग्रीमेंट के हिसाब से शेयर करता है। हालांकि, ज़रूरी नहीं है कि हर कोई आपके जैसी लगन रखता हो। उस केस में, आपको उन्हें इंस्पायर करने के लिए, दूसरों के मुकाबले ज़्यादा एफर्ट डालने की ज़रुरत पड़ेगी।
टीम के हर मेम्बर को यह महसूस कराएं कि वो टीम का इम्पोर्टेन्ट हिस्सा हैं और उनके एफर्ट की कद्र की जाती है। ये जानकर कि उनका एफर्ट पूरे ऑपरेशन में कैसे कंट्रीब्यूट करता है वो और ज़्यादा कंट्रीब्यूट करने के लिए ज़्यादा लगन से काम करना चाहेंगे।
जनरल डगलस मैकआर्थर ने यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका की आर्मी में काम किया है। जब भी वह स्टाफ मीटिंग करते थे तो सबसे पहले सबसे कम रैंक वाले ऑफिसर को अपनी प्रेजेंटेशन देने के लिए कहते थे। सब उसे सुनते थे और किसी को भी उस जूनियर ऑफिसर को टोकना मना था। जनरल डगलस को पता था कि इससे उस ऑफिसर का कॉन्फिडेंस बढ़ेगा, जिसकी उन्हें अपने टीम में ज़रुरत थी। इससे वो जूनियर ऑफिसर आगे जाकर ज़्यादा कंट्रीब्यूट करना चाहेगा।
टीम वर्क कभी ना ख़त्म होने वाला प्रोसेस है। ज़बरदस्ती का टीम वर्क कभी सफल नहीं होता है। यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका और सोवियट यूनियन ने मिलकर हिटलर के खिलाफ एक साथ लड़ाई लड़ी थी, लेकिन जैसे ही हिटलर की मौत हुई तो दोनों देशों के बीच का सहयोग भी ख़त्म हो गया। इसलिए टीम में शामिल सभी लोगों का वहां अपनी मर्ज़ी से होना ज़रूरी है। आपको उनकी मर्ज़ी के पीछे के मक्सद को ध्यान में रखना चाहिए और किसी भी बदलाव के लिए तैयार रहना चाहिए। मक्सद पैसा, वाहवाही जैसा कुछ भी हो सकता है। अगर आप अपनी टीम की ज़रूरतों को पूरा करते हैं, तो वे अपनी मर्ज़ी से आपके साथ रहना पसंद करेंगे।
एक लीडर होते हुए पॉज़िटिव विज़न रखना सीखें तभी आप अपनी टीम को सक्सेसफुल होने के लिए पॉज़िटिव विज़न रखने के लिए इन्फ्लुएंस कर पाएंगे। उन्हें अपने डाउट शेयर करने दें तभी आप उन्हें सक्सेस का रास्ता दिखा सकते हैं।
नेशनल कैश रजिस्टर ख़ास प्रॉफिट नहीं कमा रहा था। उसकी सेल्स टीम मोटिवेशन खो चुकी थी और कैश रजिस्टर नहीं बेच पा रही थी। उनके सेल्स मैनेजर, ह्यू चार्मर्स ने सभी सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव के साथ एक मीटिंग की। उन्होंने उन्हें विश्वास दिलाया कि वह उन्हें काम से नहीं निकालेंगे। फिर, उन्होंने सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव से यह शेयर करने के लिए कहा कि उनकी सेल्स में गिरावट की वजह क्या थी।
एक-एक करके, टीम ने शेयर किया कि कैसे उनके क्लाइंट्स को उनकी सेल्स पिच में कोई दिलचस्पी नहीं थी। कुछ क्लाइंट्स को दूसरी कंपनियों से बेहतर डील मिल रही थी। उन्होंने यह भी बताया कि इलेक्शन या इकॉनमी की ख़राब हालत की वजह से बिज़नस पर बुरा असर पड़ रहा था।
ह्यू ने शांति से मीटिंग को कुछ देर रोकने के लिए. वो उस यंग लड़के का इंतज़ार कर रहे थे जो उनके जूते polish कर रहा था। उस समय, कंपनियों के लिए जूते polish करने वालों को हायर करना आम बात थी। ह्यू ने उस लड़के को 5 सेंट और टिप दिया। फिर, ह्यू ने लड़के से उस कंपनी में अपने एक्सपीरियंस के बारे में स्टाफ को बताने के लिए कहा।
यंग लड़के ने सभी को बताया कि उसे यह नौकरी तब मिली थी जब उसकी जगह काम करने वाले ने वो काम को छोड़ दिया था। उससे पहले काम करने वाला लड़का इस काम से नाख़ुश था इसलिए उसने परेशान होकर काम छोड़ दिया था। लेकिन यह यंग लड़का वहां खुशी-खुशी काम कर रहा था। वह दूसरों के मुकाबले कम पैसा कमा रहा था, लेकिन वह अपनी फैमिली को सपोर्ट कर सकता था और अपने लिए कुछ बचा भी लेता था।
वो लड़का भी सभी की तरह उसी माहौल में काम कर रहा था, लेकिन वह अलग नज़रिए के साथ काम कर रहा था। वह एक्सटर्नल फैक्टर्स यानी बाहरी कारणों को दोष देने और हार मानने के बजाय, optimistic यानी आशावादी था। इस लेसन को सीखने के बाद, सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव ने इतने कैश रजिस्टर बेचे कि वो साल कंपनी का सबसे फायदेमंद साल रहा।
यह कहानी दिखाती है कि अगर आप अपनी टीम के प्रति पॉज़िटिव attitude रखते हैं तो आपकी टीम अच्छा परफॉर्म करेगी। आप अपनी टीम को यह दिखाकर टीम वर्क को इंस्पायर कर सकते हैं कि आप उनके एफर्ट को वैल्यू देते हैं और आप उन्हें हमेशा सपोर्ट करते रहेंगे।
Learn From Adversary and Defeat
एक सक्सेसफुल माइंडसेट डेवलप करने का मतलब है अपनी रुकावटों और हार से सीखना। जब आप फेलियर का सामना करते हैं, तो आपको दुःख महसूस होता है और कभी-कभी, आप हार मान लेना चाहते हैं। यह गलत तरीका है। इसके बजाय, आपको हर हार में अच्छाई ढूँढनी चाहिए क्योंकि यह असल में एक ब्लेसिंग की तरह होती है जो आपको सामने दिखाई नहीं देती। आपकी हार आपके लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। देखिए कि आपने कौन सा इन्फोर्मेशन पहले मिस कर दिया था, उस पर दोबारा ध्यान दें और फिर से कोशिश करें।
हर सक्सेसफुल इंसान को अपनी लाइफ में कभी न कभी हार का सामना करना पड़ा है। जोनस साल्क एक मेडिकल रिसर्चर थे, जिन्होंने पोलियो के लिए वैक्सीन बनाई थी। उन्होंने कई अलग-अलग टिश्यूज़ पर पोलियो के वायरस को डेवलप करने की कोशिश की, लेकिन वो फेल हो गए। आखिर में, जोनस साल्क ने बंदर के ब्रेन के टिश्यू पर वायरस को सक्सेसफुली डेवलप किया
डेबी फील्ड्स, मिसेज़ फील्ड्स बेकरी चेन की फाउंडर हैं। उन्होंने एक स्टोर से अपने काम की शुरुआत की थी। उनकी बेकरी पूरी दुनिया में तेज़ी से फैल गई। लेकिन डेबी ने नोटिस किया कि अचानक से बढ़ी पॉपुलैरिटी और एक्सपेंशन कॉस्ट की वजह से वह क़र्ज़ में डूब गई थीं। फिर उन्होंने अपने फेलियर से सीखा। आखिरकार, डेबी ने सभी स्टोर खुद चलाने की कोशिश करने के बजाय, अपने स्टोर की फ्रेंचाइज़ी खोली।
एक सक्सेसफुल इंसान बनने के लिए, आपको पता होना चाहिए कि कभी-कभी फेलियर भी एक ब्लेसिंग होती है। आपको फेलियर की चिंता में अपना टाइम बर्बाद नहीं करना चाहिए। इसके बजाय, एक स्टेप पीछे हटकर अपनी सिचुएशन को एनालाइज़ करें। इस तरह, आप अपनी प्रॉब्लम के लिए कोई और solution सोच पाएँगे।
मिलो सी. जोन्स का विस्कॉन्सिन में एक छोटा सा खेत था और वह मुश्किल से गुज़ारा कर पा रहे थे। एक दिन, उन्हें आर्थराइटिस हुआ जिससे वह पैरालाइज़ हो गए और उन्होंने बिस्तर पकड़ लिया। जोन्स अपनी बॉडी को हिला नहीं सकते थे इसलिए उन्हें अपने माइंड की पावर का एहसास हुआ। उन्होंने अपनी फैमिली को खेत में कॉर्न यानी मक्का लगाने के लिए कहा। फिर उन्होंने पिग्स यानी सूअर को कॉर्न खिलाकर उन्हें पालने के लिए कहा। फिर पिग्स को मारकर, उनका सॉसेज बना दिया जाता था। यह सक्सेसफुल फैमिली बिज़नस, जोन्स डेरी फार्म के नाम से मशहूर हुआ। इसलिए जब आप अपनी लाइफ में हार का सामना करें तो अपने नुकसान को काउंट न करें बल्कि अपने एसेट्स गिनें। आप अपने रिसोर्सेज़ को इस्तेमाल करने के नए तरीकों के बारे में जानेंगे।
आइए, एक और example देखते हैं। नेपोलियन हिल ने एक बिज़नेस पार्टनर के साथ शिकागो में एक मैगज़ीन शुरू की। उनका बिज़नस सक्सेसफुल हुआ और दूसरे पब्लिशर्स के साथ अच्छा कम्पटीशन भी था। लेकिन जल्द ही, एक competitor ने उनके बिज़नेस पार्टनर के शेयर खरीदकर नेपोलियन की मैगज़ीन को अपने कब्ज़े में ले लिया। नेपोलियन को वो मैगज़ीन छोड़नी पड़ी और वो बेरोज़गार हो गए। तब उन्हें एहसास हुआ कि वह अक्सर अपने बिज़नस पार्टनर को बुरा-भला कहते थे, उनमें कमियाँ निकालते थे। इससे उनका बिजनेस पार्टनर खुश नहीं था और जैसे ही उसे मौका मिला, वो वहां से चला गया।
नेपोलियन शायद सारी उम्मीद खो देते, लेकिन उन्होंने इस एक्सपीरियंस से सीखा। उन्हें अपनी गलतियों का एहसास हुआ और उन्होंने न्यूयॉर्क में एक और मैगज़ीन की शुरुआत की। इस बार, नेपोलियन अपने बिज़नस पार्टनर्स के साथ बातचीत करने के ढ़ंग पर बहुत ध्यान देते थे। उनकी पिछली मैगज़ीन के मुकाबले उनकी नई मैगज़ीन ने एक साल के अंदर ही खूब प्रॉफिट कमाया था।
यह दिखाता है कि आपको अपनी टेम्पररी हार के लिए थैंकफुल होना चाहिए। यह आपकी बुरी आदतों को खत्म करने और अच्छी आदतों को डेवलप करने में आपकी मदद करेगा। आप हम्बल होना और लोगों के साथ अच्छे रिश्ते बनाना भी सीखेंगे। अपनी ताकत और कमज़ोरियों को देखकर, खुद पर ध्यान दें। इस तरह आपके सक्सेसफुल होने की विल-पावर बढ़ेगी। आखिर में, आप अपने आने वाले अगले चैलेंज में सक्सेसफुल होने के चांस को बढ़ा सकते हैं।
आप हर हार को अलग नज़रिए से देखकर, आगे बढ़ सकते हैं और उससे रिकवर कर सकते हैं। पॉज़िटिव मेंटल attitude बनाएं, अपनी गलतियों से सीखें और खुद पर विश्वास रखें।
Cultivate Creative Vision
सक्सेस के प्रिंसिपल्स में से एक प्रिंसिपल यह है कि आपको क्रिएटिव विज़न डेवलप करना चाहिए। अतीत में, क्रिएटिव लोगों ने बदलाव लाने और सिविलाइज़ेशन को एक शेप देने के लिए अपने विज़न का इस्तेमाल किया है। साइंटिस्ट, ऑथर और आर्टिस्ट में यह quality होती है। आपको अपने इमेजिनेशन को उस गोल की ओर बढ़ाना सीखना होगा, जिसे आप पाना चाहते हैं। क्रिएटिव विज़न आपको कुछ हटकर सोचने और नए आइडियाज़ के साथ एक्सपेरिमेंट करने का मौका देता है। यह आपको उम्मीद से कहीं आगे जाने और नामुमकिन को मुमकिन करने का मौका देता है।
इमेजिनेशन दो तरह की होती है - सिंथेटिक इमेजिनेशन और क्रिएटिव इमेजिनेशन।
सिंथेटिक इमेजिनेशन का मतलब है कि आपके पास वह नॉलेज है, जो दूसरों के पास पहले से है और आप उस नॉलेज का इस्तेमाल अपने एप्लीकेशन के लिए करते हैं। सिंथेटिक इमेजिनेशन मौजूदा आइडियाज़, फैक्ट्स, कॉन्सेप्ट या प्लान हो सकते हैं। यह एक्सपीरियंस और रीज़न पर डिपेंड करता है।
सिंथेटिक इमेजिनेशन का एक example है, इलेक्ट्रिक बल्ब का इन्वेंशन जो थॉमस एडिसन ने किया था। एडिसन पहले से ही दूसरे लोगों के रिसर्च के बारे में जानते थे कि बिजली से गर्म होने पर बिजली का तार चमकता है। प्रॉब्लम यह थी कि गर्मी की वजह से तार जल जाते थे तो लाइट सिर्फ कुछ मिनट तक जल पाती थी। एडिसन चाहते थे कि तार ज़्यादा टाइम तक जलता रहे।
उन्होंने दूसरे फैक्ट की मदद से अपने गोल को हासिल किया था। एडिसन ने देखा कि जलती हुई लकड़ी को मिट्टी के नीचे गाड़ने से, लकड़ी कोयला बन जाती है। मिट्टी में ऑक्सीजन की कमी के कारण लकड़ी बिना आग के धीरे-धीरे जलने लगी। एडिसन ने इस मौजूदा नॉलेज को अप्लाई किया। उन्होंने तार को एक बोतल में रखा और एक पंप की मदद से बोतल से ज़्यादातर हवा बाहर निकाल दी। जब उन्होंने तार में से बिजली पास की तो लाइट 8 घंटे 30 मिनट तक जलती रही। एडिसन का क्रिएटिव विज़न, मौजूदा नॉलेज पर डिपेंडेंट था। उन्होंने अपने एप्लीकेशन के हिसाब से उस आइडिया को इम्प्रूव किया था।
दूसरे तरह का क्रिएटिव विज़न है, क्रिएटिव इमेजिनेशन। क्रिएटिव इमेजिनेशन का मतलब है कि आप नई नॉलेज, नए थॉट्स और नए कॉन्सेप्ट्स बनाते हैं। यानी ऐसी नॉलेज जो पहले थी ही नहीं। क्रिएटिव इमेजिनेशन आपके गोल की तरफ आपके कमिटमेंट पर डिपेंड करता है।
क्रिएटिव इमेजिनेशन का एक example है, एफ डब्ल्यू वूलवर्थ का विज़न। वूलवर्थ, एक हार्डवेयर स्टोर में क्लर्क का काम करते थे। उन्हें स्टोर में एक वैल्युएबल एम्प्लोयी माना जाता था। एक दिन, उनके बॉस ने शिकायत की कि कुछ स्टॉक नहीं बिक रहे थे क्योंकि वे पुराने और आउटडेटेड थे। वूलवर्थ का दिमाग एकदम से चलने लगा। उन्होंने सारा स्टॉक, स्टोर के टेबल पर रख दिया। फिर उन्होंने हर चीज़ का दाम 5 सेंट रखा। ये प्लान काम कर गया और टेबल पर रखा सारा सामान तुरंत बिक गया। वूलवर्थ के प्लान से उनके बॉस इतना इम्प्रेस हुए कि उन्होंने टेबल पर रखने के लिए दूसरे पुराने सामानों को ढूँढना शुरू कर दिया।
वूलवर्थ ने इस आईडिया को दूसरी जगह इस्तेमाल करने के लिए अपनी क्रिएटिविटी का इस्तेमाल किया। उन्होंने "फाइव-एंड-डाइम्स" नाम के स्टोर की एक चेन खोली। उस स्टोर में सब कुछ 5 सेंट पर बेचा जाता था। वूलवर्थ्स की रिटेल स्टोर की चेन फेमस हो गई और उन्होंने इससे लाखों कमाए। यह दिखाता है कि आप अपनी क्रिएटिव इमेजिनेशन का इस्तेमाल करके सक्सेसफुल हो सकते हैं।
इस वक़्त दुनिया में ऐसे कई मुद्दे हैं, जिनके लिए क्रिएटिव विज़न की ज़रुरत है। एनवायरनमेंट को सेफ रखने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी सोर्सेज़ की ज़रुरत है। ऐसी बीमारियाँ जो ठीक नहीं हो सकती, उनके लिए वैक्सीन बनाने की ज़रुरत है। छोटे बिज़नसेस को यह सिखाया जाना चाहिए कि टेक्नोलॉजी की इस दुनिया में प्रॉफिट कैसे कमाया जाए। क्रिएटिव विज़न अप्लाई करने और दुनिया को बेहतर बनाने के कई मौके हैं।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप अभी लाइफ में कहाँ हैं। कई सक्सेसफुल लोग बहुत ही ख़राब परिस्थिति से उठे हैं। उनके क्रिएटिव माइंड ने उन्हें सक्सेस की सीढ़ी चढ़ने में मदद की। आप भी उनमें से एक बन सकते हैं।
क्रिएटिव विज़न आपको अपने गोल्स पर फोकस करने का मौका देता है। इससे आप आसानी से distract नहीं होते। आप दूसरे लोगों के स्ट्रगल को देखते हैं और उनके सक्सेसफुल होने पर उनसे जलते नहीं हैं। क्रिएटिव विज़न से आप खुद में और अपनी जर्नी में कॉंफिडेंट हो जाते हैं। आप अपने सभी डाउट और डर को छोड़ देते हैं क्योंकि आप अपने नॉलेज और क्रिएटिविटी पर विश्वास करते हैं। आप दूसरों को भी इंस्पायर करने के लिए अपने एक्सपीरियंस शेयर करते हैं। अगर आप सक्सेसफुल होना चाहते हैं, तो अपना क्रिएटिव विज़न डेवलप करें और अपने गोल की तरफ काम करें।
Conclusion
सबसे पहले, आपने जाना कि आप अपने प्लान के सभी काम अकेले नहीं कर सकते हैं। अपनी टीम के साथ अच्छा रिश्ता बनाएं और उसे मेन्टेन करें। लेकिन पहले, आपको अपने, अपनी फैमिली और अपनी एजुकेशन के साथ एक नाता जोड़ना होगा।
दूसरा, आपने सीखा कि आपसे जितनी उम्मीद की जाती है उससे ज़्यादा करने से आप औरों से अलग दिखते हैं और आपको एक्सीलेंस के रास्ते पर चलने का मौका मिलता है। आपके एक्स्ट्रा एफर्ट को सम्मान, प्यार, ख़ुशी और पैसे से ज़्यादा वैल्युएबल चीजों से रिवॉर्ड किया जाएगा।
तीसरा, आपने सीखा कि आपको जो करना है और कैसे करना है, इस बारे में आपको दूसरों का इंतज़ार करने की ज़रुरत नहीं है। ख़ुद पहल करें और सही प्लान बनाएं। ऐसा करने से, आपके सामने नए मौके आएँगे और आप आगे बढ़ेंगे।
चौथा, आपने सीखा कि सेल्फ-डिसिप्लिन आपके माइंड को कंट्रोल करने में मदद करता है। आप अपने दिन का शेड्यूल बनाकर और पक्के इरादे के साथ उसे फॉलो करके सेल्फ-डिसिप्लिन में मास्टरी हासिल कर सकते हैं।
पांचवां, आपने सीखा कि एक लीडर की जिम्मेदारी, टीम को साथ काम करने के लिए मोटीवेट करना होता है। आपको अपने पॉज़िटिव माइंडसेट को बढ़ाने की ज़रुरत है ताकि यह आपकी टीम को इंस्पायर कर सके।
छठा, आपने सीखा कि फेलियर एक ब्लेसिंग है, श्राप नहीं। यह अपनी गलतियों से सीखने का एक मौका होता है। वैल्युएबल इनफार्मेशन इकट्ठा करें और फिर से कोशिश करें।
सातवां, आपने सीखा कि अमेज़िग चीज़ों को हासिल करने के लिए आपको क्रिएटिव विज़न डेवलप करने की ज़रुरत है। आप पूरी तरह से नए आइडियाज़ के बारे में सोच सकते हैं या किसी मौजूदा आईडिया को इम्प्रूव कर सकते हैं। कुछ हटकर सोचने से, आपको प्रॉब्लम को बेहतर ढंग से सॉल्व करने में मदद मिलेगी।
सक्सेस एक लॉन्ग-टर्म प्रोसेस है। आपको पहला स्टेप लेने से डरना नहीं चाहिए। अपने क्रिएटिव आईडिया के लिए ख़ुद इनिशिएटिव लें। सही माइंडसेट अपनाएं, एक्स्ट्रा माइल जाएं और एक स्ट्रिक्ट शेड्यूल फॉलो करें। स्किल्ड लोगों की एक टीम बनाएं और उन्हें मोटीवेटेड रखें। भले ही आप बीच में गलती करें, लेकिन इसे एक हेल्पफुल एक्सपीरियंस समझें। इन प्रिंसिपल्स को फॉलो करके, आप अपने character को डेवलप कर सकते हैं और सक्सेस के करीब पहुंच सकते हैं। चॉइस आपकी है और सही समय अभी है।