Bechne Ka Sabse Alag Tareeka Book

Bechne Ka Sabse Alag Tareeka

How to Sell Without Selling (Hindi)
आपके बिज़नेस को एक नया और अनोखा दृष्टिकोण देने वाली बुक।

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THE MINIMALIST ENTREPRENEUR: HOW GREAT FOUNDERS DO MORE WITH LESS Book in Hindi

 



THE MINIMALIST ENTREPRENEUR - How Great Founders Do More With Less

Sahil Lavingia

इंट्रोडक्शन

साहिल लेविंजिया, Pinterest के दूसरे नंबर के एम्प्लोयी थे। लेकिन शेयर मिलने से पहले ही, उन्होंने कंपनी छोड़ दी थी। ये 2011 की बात है। साहिल को अपनी खुद की कंपनी बनाने का आईडिया आया और उन्होंने एक वीकेंड में ही इसका प्रोटोटाइप यानी मॉडल बना लिया। Gumroad एक ऐसा टूल है, जहां क्रिएटर्स यानी कुछ नया बनाने वाले, अपने प्रोडक्ट को ऑनलाइन बेच सकते हैं। ये वेबसाइट सिंपल है। इसमें एक स्टोर की तरह, कोई चमक-धमक नहीं है। साहिल ने सिर्फ उस लिंक पर फोकस किया है, जहां कस्टमर्स पे कर सकते हैं।


पहले दिन, Gumroad पर पचास हजार लोग आए थे। साहिल का अगला काम था इंवेस्टर्स को खींचना। उस वक़्त वो 19 साल के थे। उन्होंने एप्पल, Amazon और गूगल के शुरुआती इंवेस्टर, क्लीनर पर्किन्स, AngelList के को-फाउंडर, नवल रविकांत और PayPal के को-फाउंडर मैक्स लेवचिन जैसे सिलिकॉन वैली के जाने माने VCs से 8 मिलियन डॉलर इकट्ठा किए थे।


अब साहिल काम पर लग गए। उन्होंने Amazon, Yelp और Stripe के इंजीनियरों को hire किया। उन्होंने एक बेहतरीन टीम बनाकर उसे लीड किया, ताकि Gumroad कमाल का प्रोडक्ट बन सके। साहिल ने खुद को उस आंत्रप्रेंयूर conference का हिस्सा बनते हुए इमेजिन कर लिया था जिसमें वॉरेन बफेट और बिल गेट जाते थे।


लेकिन कुछ सालों में, Gumroad ने 10 मिलियन डॉलर का वेंचर कैपिटल खर्च कर दिया था। साहिल ने और पैसा इकट्ठा करने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं कर पाए। 2015 में, उन्होंने Gumroad के 75% एम्प्लोयीज़ को जॉब  से निकाल दिया।


उनकी कंपनी अभी भी चल तो रही थी, लेकिन साहिल बहुत परेशान थे। 2017 में, वो अपने पसंदीदा ऑथर के  राइटिंग क्लास को अटेंड करने के लिए, Provo, Utah चले गए। साहिल वहीं से, Gumroad को चलाते रहे।


उन्होंने Provo में दोस्त बनाए। लोगों को लगता था कि वो हमेशा unicorns के पीछे भागते थे जो कि पागलपन था। साहिल को एहसास हुआ कि उनके पास पहले से ही एक प्रॉफिटेबल और टिकाऊ बिज़नस है। हज़ारों क्रिएटर्स, Gumroad की मदद से पैसा कमा रहे हैं और अपने पैशन को आगे बढ़ा रहे हैं। कंपनी, advertising या कंटेंट मार्केटिंग के बिना ही, अपने क्रिएटर्स के लिए 40 मिलियन डॉलर कमा रही है। और उन्हें क्या चाहिए?


इसलिए, 2019 में, साहिल ने कंपनी को एक नया चेहरा दिया। ना वो VC के पास गए, ना कहीं से पैसे इकट्ठे किए और ना ही किसी बड़ी टीम को hire किया। उन्होंने सिर्फ क्रिएटर्स को ज़्यादा वैल्यू देने पर फोकस किया। 2020 में, उन्होंने Gumroad के ज़रिए से कुल मिलाकर 140 मिलियन डॉलर कमाए। तब से साहिल लाविंग्या, एक मिनिमलिस्ट आंत्रप्रेंयूर बन गए।


जिन कंपनियों के सर पर VC का हाथ रहा है, उनकी प्रॉब्लम ये है कि वो प्रॉफिटेबल नहीं हैं और साथ ही बहुत सारा पैसा भी खर्च करते हैं। वो मार्केट में नंबर वन बनने की होड़ में लगे रहते हैं और किसी भी कीमत पर ग्रोथ पर फोकस करते हैं। इसलिए उनमें से ज़्यादातर कंपनियाँ फेल हो जाती हैं। VC की मदद से चलने वाली कंपनियों में से, सिर्फ 5% ही ऐसी हैं, जो सक्सेसफुल होकर अपने इंवेस्टर्स के उनकी कंपनी में पैसा लगाने के डिसिशन को सही साबित कर पाती हैं।


इस समरी में, आप सीखेंगे कि खुश, लॉयल और satisfied कस्टमर्स के ज़रिए एक प्रॉफिटेबल और टिकाऊ बिज़नस कैसे बनाया जाए। इससे आप एक कम्फ़र्टेबल लाइफस्टाइल जीने और अपना बिज़नस बढ़ाने के लिए जितना पैसा चाहिए, उतना ज़रूर कमाएंगे। इसके साथ ही आप समझदारी से पैसा खर्च करना और इफेक्टिव तरीके से मार्केटिंग करना भी सीखेंगे।


हो सकता है कि आपकी कहानी, न्यूज़पेपर और हॉलीवुड के बायोपिक्स में फीचर ना करे, लेकिन आपका बिज़नस अच्छा चलेगा और आप कई लोगों की लाइफ को बेहतर भी बना पाएँगे। आपको जो पसंद है, उसे करने और दूसरों की मदद करने से, आप satisfied भी महसूस करेंगे।


अगर आप लंबे वक़्त तक प्रॉफिट कमाना चाहते हैं और अच्छा इम्पैक्ट डालना चाहते हैं, तो हमारे साथ इस समरी के अंत तक बने रहिए।


Start With Community


मिनिमलिस्ट आंत्रप्रेंयूर बनने के लिए, आपको अपनी कम्युनिटी से इसकी शुरुआत करनी चाहिए।


सोल ऑरवेल ने 2009 में "r/Fitness" के सबरेडिट यानी सब-कम्युनिटी को ज्वाइन किया क्योंकि वो काफी मोटे और दुखी थे। वो हेल्थ के बारे में किताबें पढ़ते थे और उनकी समरी को सबरेडिट पर पोस्ट करते थे। सोल दूसरे रेडिटर्स के सवालों का जवाब भी देते थे और अपने वज़न घटाने के सफ़र के बारे में उनके साथ शेयर करते थे। उन्होंने कुछ सालों में 60 पाउंड वज़न कम किया था और उनकी मदद करने के लिए, सोल ने r/Fitness का शुक्रिया अदा किया।


सबरेडिट की मदद से उनकी मुलाकात एक कमाल के शख्स से हुई जो सबरेडिट के एक मॉडरेटर कर्टिस फ्रैंक थे। जल्द ही, सोल भी r/Fitness के मॉडरेटर बन गए। उन्होंने और फ्रैंक ने कुछ problems को नोटिस किया। सबसे पहले, उनके पास nutritional सप्लीमेंट के बारे में ऐसी जानकारी थी, जिस पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल था। दूसरा, Redditors उनके बारे में वही सवाल बार-बार पूछ रहे थे।


2011 में, सोल और कर्टिस ने Examine.com लॉन्च किया, जहां लोग nutritional सप्लीमेंट्स के बारे में अनबायस्ड रिसर्च पढ़ सकते हैं। वहाँ वो कुछ बेचते नहीं थे बस फिटनेस सबरेडिट पर अपनी साइट के लिंक को पोस्ट करते थे। सोल और कर्टिस, पांच साल से इस कम्युनिटी का हिस्सा थे। यूज़र्स के दिए गए अपवोट और पॉज़िटिव कमेंट्स की बदौलत, उन्होंने 100,000 कर्म कमा लिए थे।


2013 में, सोल और कर्टिस ने Examine.com से कमाई करने के बारे में सोचा। इसलिए, उन्होंने Redditors से पूछा कि उन्हें किस तरह के प्रोडक्ट की ज़रुरत है। इसका  सबसे कॉमन जवाब था कि, "काश आपके पास सभी nutritional सप्लीमेंट्स की एक लिस्ट होती, ताकि अगर हम देखना चाहते कि इनमें से कौन सा ब्लड प्रेशर पर असर डालता है, तो हम उसे आसानी से ढूँढ पाते।"


इसलिए, सोल और कर्टिस ने अपना पहला प्रोडक्ट, "रिसर्च डाइजेस्ट" रिलीज़ किया, जो सप्लीमेंट्स की एक कम्पलीट गाइड है। ऑनलाइन फिटनेस कम्युनिटी में, लोगों को उन पर पहले से ही भरोसा था इसलिए 100 से ज़्यादा फिटनेस प्रोफेशनल्स ने उनके प्रोडक्ट के लिंक को शेयर किया। पहले दिन ही रिसर्च डाइजेस्ट की 800 कॉपी बिक गई। लॉन्च के ख़त्म होने तक, उनकी सभी 3,000 कॉपी बिक चुकी थीं।


अब, सोल हेल्दी, खुश और अमीर हैं। Examine.com, अभी भी फिटनेस प्रोफेशनल्स और उन लोगों के लिए एक भरोसेमंद सोर्स है, जो अपने हेल्थ को इम्प्रूव करना चाहते हैं। इस वेबसाइट पर हर रोज़, 70,000 विज़िटर्स आते हैं और इसकी साल में लाखों की कमाई होती है। रिसर्च डाइजेस्ट के अलावा, ये बिज़नस अब किसी भी क्रोनिक यानी गंभीर या पुरानी बीमारी, मेंटल हेल्थ और लंबी उम्र पर सप्लीमेंट्स के होने वाले असर पर, कई गाइड और सब्सक्रिप्शन सर्विसेज़ भी देती है।


तो आप देख सकते हैं कि कैसे सोल ने r/Fitness सबरेडिट पर एक एक्टिव यूज़र के तौर पर शुरुआत की थी। कुछ सालों में उन्होंने कम्युनिटी में अपनी अच्छी ख़ासी reputation बना ली थी। इस चैप्टर में, आप अपनी कम्युनिटी को ढूंढना और उन problems को डिस्कोवर करना सीखेंगे जिन्हें आप अपने मिनिमलिस्ट बिज़नस की मदद से solve  कर सकते हैं। अपनी कम्युनिटी के लोगों को जानना और उनकी मदद करना, इसका सबसे की पॉइंट है।


कम्युनिटी उसे कहते हैं जहां लोग एक दूसरे से कनेक्ट करते हैं, एक-दूसरे से सीखते हैं और मज़े करते हैं। कई स्टार्ट-अप इसलिए फेल हो जाते हैं क्योंकि उनके मन में एक स्पेसिफिक कम्युनिटी नहीं होती। आप ऐसे ही किसी भी कम्युनिटी को नहीं चुन सकते। ये एक ऐसी कम्युनिटी होनी चाहिए जिसके लिए आप पैशनेट हों।


आपका बिज़नस कम्युनिटी में आपके रियल रिलेशनशिप और अपनी तरह के लोगों की सेवा करने की आपकी इच्छा से आएगा।  लोग लाइफ में अलग-अलग बेकग्राउंड से आते हैं, लेकिन उनका कॉमन इंटरेस्ट या पैशन एक जैसा हो सकता है।


तो आप अपनी कम्युनिटी को कैसे ढूंढ सकते हैं? सबसे पहले आपको इन सवालों का जवाब देना होगा। मैं अपना ऑनलाइन और ऑफलाइन वक़्त कहाँ बिताता हूँ? किन सिचुएशंस में मुझे है कि मैं असल में जैसा हूँ बिल्कुल वैसा ही रहता हूँ यानी बिल्कुल रियल रहता हूँ? मेरा इंटरेस्ट जिन लोगों से मिलता-जुलता है वो किस तरह के लोग हैं? आप इस बारे में सोचने के लिए एक घंटे का समय ले सकते हैं और इसकी एक लिस्ट बना सकते हैं।


आजकल, सभी हॉबीज़ और इंट्रेस्ट के लिए फेसबुक ग्रुप्स, रेडिट कम्युनिटी और ट्विटर हैशटैग्स हैं। जैसे, मान लीजिए कि आपको पेस्ट्री बनाना पसंद है तो आप उससे रिलेटेड कई ऑनलाइन ग्रुप्स ज्वाइन कर सकते हैं। आप ऑनलाइन क्लास और फ़ोरम भी ज्वाइन कर सकते हैं। और हाँ, ऐसे भी इवेंट्स और वर्कशॉप्स हैं, जिनमें आप खुद ऑफलाइन जाकर उसका हिस्सा बन सकते हैं।


आइए, एक मैजिकल सीक्रेट जानते हैं। आपको एक एक्टिव contributor बनना होगा। ऑनलाइन आने वाले 90% लोग छुपे हुए रहते हैं। वो बिना नाम के, सिर्फ content को ब्राउज़ करते रहते हैं। वो किसी content को लाइक, पोस्ट या उस पर कमेंट नहीं करते। ऐसे सिर्फ 9% ही लोग हैं, जो contributors हैं और सिर्फ 1% ही क्रिएटर्स या हेवी contributors हैं। जैसे, r/Askreddit सबरेडिट पर हर रोज़ 1.5 मिलियन विज़िटर्स आते हैं। लेकिन एवरेज में सिर्फ 110,000 लोग ही वहाँ कमेंट करते हैं और सिर्फ 2,600 लोग ही जवाब देते हैं


अगर आप भी छुपे हुए लोगों में से हैं तो अब आपको बदलना होगा और contribute करना शुरू करना होगा। आगे आकर दिखाइए कि आप क्या काम कर रहे हैं और जो आपने सीखा है उसे शेयर कीजिए। अगर आपको लगता है, कि आप एक्सपर्ट नहीं हैं तो भी, कुछ न कुछ contribute करके वैल्यू add कीजिए। अगर आप अक्सर पोस्ट और कमेंट करते रहेंगे और अपनी नॉलेज शेयर करते रहेंगे, तो लोग आपका यूज़रनेम याद रखेंगे। आखिर में, आपके  followers बनने लगेंगे और आपमें भी कुछ क्रिएट करने का कॉन्फिडेंस आने लगेगा।


जैसे, सोल ऑरवेल अपनी फिटनेस जर्नी, डाइट और एक्सरसाइज़ का रूटीन शेयर किया करते थे। वो फिटनेस की बुक्स से सीखे गए आईडियाज़ भी पोस्ट करते थे। सोल दूसरे रेडिटर्स के सवालों के जवाब देते थे और जितना हो सके लोगों की मदद करने की कोशिश करते थे। कभी-कभी, लोग उनसे ऐसे सवाल पूछते थे जिनका जवाब ढूँढने के लिए वो स्टडी भी करते थे। सोल ऐसा हर रोज़ करते थे और तक जाकर धीरे-धीरी रेडिटर्स उन्हें जानने लगे और उन पर भरोसा करने लगे।


अपने स्किल्स को डेवलप करने और कम्युनिटी के साथ जुड़ने में वक़्त और एफर्ट लगता है। लेकिन, आपको लगातार सीखने,  contribute करने और दूसरों की मदद करने की ज़रुरत होगी। बिज़नस खड़ा करने के लिए सही कम्युनिटी वो होता है, जहां आप लॉन्ग-टर्म वैल्यू बना सकते हैं, अपनी यूनिक पहचान ढूंढ सकते हैं और लॉन्ग-टर्म रिलेशनशिप भी बना सकते हैं।


मिनिमलिस्ट आंत्रप्रेंयूर होने के नाते, आपका गोल दुनिया को बदलना नहीं बल्कि अपनी कम्युनिटी की दुनिया को बदलना है। आपकी कम्युनिटी बहुत बड़ी या बहुत छोटी नहीं होनी चाहिए। ये ऐसी जगह होनी चाहिए, जहां लोग अपनी प्रॉब्लम को solve करने के लिए आपको पैसा देने को तैयार हों और आपका कोई competitor ना हो।


आप अपनी कम्युनिटी के लिए चार तरह की प्रॉब्लम solve कर सकते हैं-  


पहला है प्लेस यूटिलिटी यानी किसी भी चीज़ को एक्सेसिबल बनाना। 


दूसरा है फॉर्म यूटिलिटी यानी किसी चीज़ को बदलकर उसे ज़्यादा वैल्युएबल बनाना। 


तीसरा है टाइम यूटिलिटी यानी किसी चीज़ को तेज़ी से बनाना। 


चौथा है possession यूटिलिटी यानी मिडिलमैन यानी बिचौलिए को हटाना।


जैसे, theCut एक ऐसा app है जो बार्बर (बाल काटने वाला) और कस्टमर्स को कनेक्ट करता है। इससे बार्बर को ढूंढना, बुक करना और उन्हें पेय करना आसान और तेज़ हो जाता है। इसके फाउंडर, कुश पटेल और ओबी ओमिल को ये आईडिया तब आया जब उन्हें अपने मनपसंद बार्बर का अपॉइंटमेंट मिलने में बहुत मुश्किल हो रही थी।


TheCut app के ज़रिए क्लाइंट्स को लंबी लाइन में इंतज़ार नहीं करना पड़ता है। बार्बर उन्हें सीधे (possession यूटिलिटी) ढूंढ सकते हैं, उनके साथ इफेक्टिव तरीके से बात कर सकते हैं (टाइम यूटिलिटी) और ऑनलाइन पेमेंट ले सकते हैं (फॉर्म यूटिलिटी)।


जिन mentors और कलीग्स पर आप भरोसा करते हैं, वो आपको मुश्किलों से निकलने में मदद कर सकते हैं। आपको लगातार आगे बढ़ते रहने की ज़रुरत है। जब आपको सही कम्युनिटी और solve करने के लिए प्रॉब्लम मिल जाए, तो आगे बढ़ते रहिए।


Build as Little as Possible


पिछले चैप्टर में आपने जाना कि मदद करने के लिए सही कम्युनिटी कैसे ढूंढे। इस चैप्टर में, हम बात करेंगे कि कम से कम चीज़ों को कैसे बनाया जाए।


कस्टमर्स को serve करने के लिए, आपको पैसा, एम्प्लोयीज़, कोड्स या सॉफ्टवेयर की ज़रुरत नहीं है। ये सभी फैक्टर्स, आपके लिए बाद में ज़रूरी हो सकते हैं। लोगों की प्रॉब्लम को इफेक्टिव तरीके से solve करना सबसे ज़रूरी है। इसके लिए आपके प्रोसेस का परफेक्ट होना ज़रूरी नहीं है। अभी चीजों को मैन्युअली करना भी ठीक है। बस, शुरुआत करना ज़रूरी है।


पैसे या सॉफ्टवेयर की कमी के बारे में चिंता करना बंद करें। अपने कस्टमर्स की प्रॉब्लम solve करने पर फोकस करें। आप अपनी कम्युनिटी की मदद करते आए हैं। लेकिन आपको इसे सिस्टेमेटिक तरीके से बार-बार करना चाहिए, ताकि आप गलतियों और कस्टमर्स के फीडबैक से सीखकर, कुछ बेहतर कर सकें। आपको अपने प्रोसेस का लिखकर एक MVP बनाना होगा, जिसका मतलब है, मैन्युअल वैल्युएबल प्रोसेस। ये एक ऐसा रिकॉर्ड होता है जो बताता है कि क्या काम करता है और क्या नहीं।


"प्रोसेसाइज़" करने का मतलब है, सभी टास्क को एक प्रोसेस में बदलना। इसका मतलब है कि जो सच में काम करता है, उसे सीखना और रिपीट करना। आपको कस्टमर के प्रॉब्लम को solve करने से लेकर, उससे पैसा लेने तक के प्रोसेस से गुज़रना होगा। जब तक आप प्रोसेसाइज़ नहीं करते हैं  तब तक आप नहीं सीख पाएंगे कि क्या काम करता है क्या नहीं, क्योंकि कस्टमर जो सच में चाहते हैं और वो जो कहते हैं कि उन्हें चाहिए, बिल्कुल अलग-अलग होता है। इस प्रोसेस के दौरान  आपको पता चलेगा कि कौन सी चीज़ है जिसे आपको इम्प्रूव करना है।


आइए, Endcrawl.com की कहानी से  सीखते हैं कि कोई चीज़ कम से कम कैसे बनाया जाए। इसके फाउंडर प्लिनी एरेमिक, फिल्म इंडस्ट्री में एक पोस्ट-प्रोडक्शन कंपनी के लिए काम करते हैं। उन्होंने देखा कि कैसे फिल्म बनाने वालों को फ़िल्म के आखिर में एंड क्रेडिट क्रिएट करने में मुश्किल आती है क्योंकि फिल्म बनाने में मदद करने वाले लोग और कंपनियों की लिस्ट बदलती रहती थी। प्लिनी और उनके को-फाउंडर एलन ग्रो ने सोचा कि वो इस सिरदर्द वाले प्रोसेस को आसान बनाने के लिए एक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं।


लेकिन प्लिनी और एलन ने इसकी शुरुआत सॉफ्टवेयर बनाने से नहीं की। सबसे पहले, उन्होंने क्लाइंट्स को उनके एंड क्रेडिट के लिए कुछ ख़ास स्पेसिफिकेशन के साथ एक Google शीट दी। क्लाइंट स्प्रेडशीट में जितना चाहें उतना एडिट कर सकते थे। ये काम पूरा होने पर वो ईमेल के ज़रिए इसका वीडियो आउटपुट मांगते थे। फिर प्लिनी और एलन, क्लाइंट के Google शीट को CSV में export करते थे। उसके बाद, वो फ़ाइल को मैन्युअल तरीके से Dropbox पर अपलोड करते थे। आखिर में, वो क्लाइंट को ड्रॉपबॉक्स का लिंक ईमेल करते थे।


इसका  फ़ायदा  ये है कि क्लाइंट अपनी लिस्ट को जितना चाहें उतना बदल कर सकते हैं क्योंकि प्लिनी और एलन सिर्फ एंड प्रोडक्ट के लिए पैसा चार्ज करते थे। आप यहां देख सकते हैं कि कैसे प्लिनी और एलन ने कोड नहीं बनाए या उन्हें शुरुआत करने के लिए पैसे की ज़रुरत नहीं पड़ी। उन्हें अपने क्लाइंट की प्रॉब्लम solve करने के लिए पैसा मिला और उन्होंने प्रोसेस पर फोकस किया।


बिज़नस शुरू करने के लिए, आपको अपनी जॉब  छोड़ने की ज़रूरत नहीं है। आप फ्रीलांस जॉब भी कर सकते हैं या इसे अभी के लिए, साइड-बाई-साइड भी कर सकते हैं। आप डिजिटल कंटेंट, फिज़िकल प्रोडक्ट, सॉफ्टवेयर एज़ अ सर्विस (Saas) भी बेच सकते हैं या क्रेगलिस्ट की तरह लोगों को कनेक्ट कर सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि क्रेगलिस्ट उसके फाउंडर क्रेग न्यूमार्क के दोस्तों के बीच बस एक ईमेल लिस्ट की तरह शुरू हुआ था? वो उन्हें सैन फ्रांसिस्को Bay एरिया में होने इवेंट्स के बारे में बताते थे।


आखिर में शायद आप दो या दो से ज़्यादा प्रोडक्ट ऑफर करेंगे, लेकिन अभी एक से ही शुरुआत कीजिए। आपको अपने बिज़नेस आइडिया के बारे में सब कुछ जानने या कुछ पक्का करने की ज़रूरत नहीं है। बस, शुरू करना ज़रूरी है। जैसे, मान लीजिए कि आपने SaaS चुना। आपने एक आईडिया पर फोकस किया और देखा कि जिन मौजूदा टूल्स की आपको ज़रुरत है वो सभी बेकार हैं। आप शायद आगे बढ़कर, एक नया टूल बनाने का फैसला भी कर सकते हैं।


भले ही आप गलतियाँ भी करें लेकिन कुछ भी waste नहीं होता है। एक प्रॉफिटेबल और टिकाऊ बिज़नस बनाने में, वक़्त लगता है क्योंकि आप हर स्टेप पर सीखते हैं और इम्प्रूव करते जाते हैं।


आपको अपने हाइपोथिसिस यानी सोच को असली कस्टमर्स के साथ टेस्ट करना चाहिए। ऐसा करने से आप ये जान पाएँगे कि वो आपके प्रोडक्ट के लिए पैसा देने के लिए तैयार हैं या नहीं। जैसे, प्लिनी और एलन की हाइपोथिसिस थी, "अगर क्लाइंट को अपना एंड क्रेडिट जल्दी बनवाना है तो वो कई बार करेक्शन करने के बावजूद भी एक फिक्स्ड फीस देने के लिए तैयार होंगे।" इसलिए, आपको एक प्रोसेस डेवलप करना होगा, फिर उसे बेहतर बनाना होगा, उसके बाद ये ध्यान भी रखना होगा कि वो अच्छे से काम करे और आखिर में फिर उसे ऑटोमेटिक बनाना होगा।


अगर साहिल का एक्सीडेंट भी हो जाए तो Gumroad उनके बिना भी आराम से काम करता रहेगा। ऐसा इसलिए  क्योंकि उन्होंने अपने प्रोसेस को एक प्रोडक्ट में बदल दिया था। इस कॉन्सेप्ट को "productizing" कहा जाता है। Processizing में, आप एक मैन्युअल वैल्युएबल प्रोसेस बनाकर एक सिस्टम बनाते हैं। Productizing में, आप प्रोसेस को ऑटोमैटिक बनाते हैं, ताकि कस्टमर्स, आपकी दखलंदाज़ी के बिना ही उसे ज्वाइन कर सकें, उसे यूज़  कर सकें और उसके लिए पे कर सकें।


आपके बिज़नस को चलाने के लिए आपको कुछ ख़ास चीज़ों की ज़रुरत है - 


 

पहला है, बिज़नस का नाम। बिज़नस के ऐसे नाम बेहतर होते हैं, जिसमें किसी बनाए हुए वर्ड के बजाए, दो जुड़े हुए वर्ड्स हों। जैसे फेसबुक, ड्रॉपबॉक्स और Gumroad। लोग उन्हें आसानी से याद रखने के साथ-साथ उनकी स्पेलिंग भी याद रख पाते हैं क्योंकि ये वर्ड्स जाने पहचाने हैं।


दूसरा, आपको एक वेबसाइट और एक ईमेल एड्रेस चाहिए होगा। एक डोमेन का साल भर का खर्च 10 डॉलर है। आपको इसे Gumroad, Carrd या Wix जैसी वेबसाइट-बिल्डिंग प्लेटफॉर्म से कनेक्ट करना होगा। इसका महीने का खर्च 10 डॉलर है। इसके बाद, उस डोमेन का इस्तेमाल करके अपना ईमेल एड्रेस बनाइए, जैसे sahil@gumroad.com।


तीसरा, आपको सोशल मीडिया एकाउंट बनाने की ज़रुरत है। पर्सनल और बिज़नस एकाउंट बनाइए। आप अपने पर्सनल एकाउंट में जो पोस्ट करते हैं, वो आपके बिज़नस एकाउंट से अलग होना चाहिए। हम इस पर बाद में और बात करेंगे।


आखिर में, आपको कस्टमर्स के लिए पे करने का सिस्टम आसान बनाना होगा। इसके लिए आप BharatPe या Paytm अकाउंट सेट कर सकते हैं।


ये सब हो जाने के बाद  आप कस्टमर्स को वैल्यू देना शुरू कर सकते हैं। यहां उस प्रोडक्ट को चुनने के बारे में एक गाइड दी गई है, जिस पर सबसे पहले फोकस किया जाना चाहिए। खुद से पूछें “क्या मैं इसे कम से कम दिनों में डिलीवर कर सकता हूँ? क्या इससे लोगों की लाइफ थोड़ी बेहतर होगी? क्या लोग इसके लिए पैसे देने को तैयार होंगे? क्या इसके लिए मुझे तुरंत फीडबैक मिल सकता है?” आपको अपने प्रोडक्ट को बेहतर बनाने और सच में कुछ वैल्युएबल बनाने के लिए, फीडबैक की ज़रुरत होगी।


आपके प्रोडक्ट का परफेक्ट होना ज़रूरी नहीं है, बस वो काम का होना चाहिए। जब तक वो काम का है तब तक  लोगों को और किसी बात की परवाह नहीं होती है। आपका प्रोडक्ट इतना अच्छा होना चाहिए कि आपको इसके लिए पैसा मिलना शुरू हो जाए। आप गलतियाँ करेंगे लेकिन कोई बात नहीं। सबसे ज़रूरी बात ये है कि आपने अपना बिज़नस शुरू किया है। आपने इंतज़ार करने में वक़्त ज़ाया नहीं किया।


याद रखिए, जितना हो सके उतनी कम चीज़ें बनाएं। आपको कोड या सॉफ्टवेयर इंजीनियर की ज़रुरत नहीं है। Gumroad, Makerpad.co, गूगल फॉर्म्स और मेलचिंप जैसे कई ऑनलाइन टूल्स हैं, जो आपके बिज़नस के कामों  को processize और productize करने में आपकी मदद करेंगे। वो आपको पैसे बचाने और प्रॉफिटेबल बनने में भी मदद करेंगे।


Sell to your First Hundred Customers 


पिछले चैप्टर में, आपने मैन्युअल प्रोसेस बनाने और उसे ऑटोमैटिक करने के बारे में सीखा। आपने उन इम्पोर्टेन्ट फंक्शन या काम के बारे में जाना जिसकी ज़रुरत बिज़नस की शुरुआत करने के लिए होती है। जैसे ही आपको अपने पहले कस्टमर से पैसा मिलेगा, आपका कॉन्फिडेंस बढ़ जाएगा। अब हम, आपके पहले 100 कस्टमर्स को प्रोडक्ट बेचने पर फोकस करेंगे।


आप सोच रहे होंगे कि अगला लॉजिकल स्टेप एक ग्रैंड लॉन्च करना है। हॉलीवुड और सिलिकॉन वैली को ऐसे इवेंट्स बहुत पसंद हैं। जैसे, ईबे के फॉर्मर सीईओ मेग व्हिटमैन और ड्रीमवर्क्स के को-फाउंडर जेफरी कैटजेनबर्ग द्वारा बनाया गया स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ‘क्विबी’ को ही ले लीजिए.


क्विबी ने इंवेस्टर्स से 1.8 मिलियन डॉलर इकट्ठे किए। इसके ad सुपर बोल के दौरान दिखाए जाते थे और कई जानी-मानी हस्तियों के साथ इसकी एक लॉन्च पार्टी का प्लान भी बनाया गया था। कंपनी ने सोचा था  कि लोग उनके प्रोडक्ट के दीवाने हो जाएंगे।


लेकिन, क्विबी बुरी तरह फ्लॉप रहा। पहले दिन, इसे सिर्फ 3 लाख लोगों ने डाउनलोड किया, जबकि डिज़्नी+ को 40 लाख लोगों ने डाउनलोड किया था। छह महीने बाद, ये कंपनी बंद हो गई और इंवेस्टर्स का पैसा वापस कर दिया गया। COVID-19 महामारी की वजह से इसकी ग्रैंड लॉन्च पार्टी भी कभी नहीं हुई।


बिज़नस शुरू करना किसी पार्टी में जाने जैसा नहीं है। ऐसे भी कई दिन होंगे, जब मुश्किलें आएंगी, लेकिन उन मुश्किलों में आप ऐसी छोटी-छोटी जीत भी हासिल करेंगे, जो आपको संतुष्टि का एहसास देंगी क्योंकि आप कोशिश कर रहे हैं और हार नहीं मान रहे।


रिपीट कस्टमर मिलने का मतलब है कि आपको प्रोडक्ट-मार्केट के लिए सही प्रोडक्ट मिल गया है। लॉन्च प्लान करने  के बजाय सबसे अच्छी बात ये होगी कि आप अपने पहले 100 कस्टमर्स को भले ही धीरे-धीरे, लेकिन प्रोडक्ट  बेचने पर फोकस करें। "वायरल सक्सेस" जैसी कोई चीज़ नहीं होती। ये एक ग़लतफहमी है। लोग प्रॉब्लम का सामना करने के बीते हुए वक़्त पर ध्यान नहीं देते हैं।


अब, लास्ट में एक लॉन्च रख सकते हैं, लेकिन ये आपका अपने पहले 100 कस्टमर्स को, शुक्रिया कहने का एक तरीका होगा। ये जश्न मनाने का वक़्त है क्योंकि आपको प्रॉफिट, sustainability और लॉयल कस्टमर्स मिले हैं। लेकिन तब तक, आपको बहुत से काम करने हैं और सीखने के लिए अभी बहुत कुछ बाकी है।


आप अपने प्रोडक्ट का प्राइस कैसे तय करेंगे? हो सकता है कि  आपको अपना प्रोडक्ट मुफ्त में देने या अपने प्रोडक्शन कॉस्ट से कम कीमत पर बेचने का मन करे, लेकिन लोग आपके प्रोडक्ट के लिए पैसा देने को तैयार नहीं होंगे क्योंकि उन्हें लगेगा कि अगर आप इसे मुफ्त में दे रहे हैं  तो इसका मतलब इसकी कोई वैल्यू नहीं है।


आपका प्राइस, कॉस्ट-बेस्ड या वैल्यू-बेस्ड हो सकता है। कॉस्ट-बेस्ड का मतलब है,  टोटल कॉस्ट प्लस मार्जिन। जैसे, अपने time और इस्तेमाल किए गए रॉ मटेरियल को कैलकुलेट करें और उसमें 20% मार्जिन add करें। दूसरी तरफ, वैल्यू-बेस्ड प्राइस, आपके प्रोडक्ट से कस्टमर को मिलने वाले वैल्यू पर डिपेंड करता है।


जैसे, नेटफ्लिक्स में मल्टीस्क्रीन फीचर है। ऐसे फीचर को देने में, इंजीनियरिंग कॉस्ट के अलावा, उन्हें ज़्यादा पैसा खर्च नहीं करना पड़ता है। लेकिन नेटफ्लिक्स, ज़्यादा स्क्रीन के लिए ज़्यादा प्राइस डिमांड करता है।


आखिर में, आपका गोल बेसिक, प्रीमियम और बिज़नस जैसे अलग-अलग लेवल के प्रोडक्ट के लिए, अलग-अलग प्राइस रखना होना चाहिए। आप ऐसा तब कर सकते हैं, जब आप इसे इम्प्रूव करके बेहतर वैल्यू दे पाएं।


एक बार जब आप प्राइस के बारे में सोच लेते हैं, तो आप और ज़्यादा लोगों को प्रोडक्ट बेचना शुरू कर सकते हैं। ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका है  सबसे पहले अपनी फैमिली और दोस्तों को बताना। आपने अभी इसकी शुरुआत की है और कोई नहीं जानता कि आपका कोई बिज़नस भी है। लेकिन आपकी फैमिली और दोस्त, आपको सपोर्ट और मदद करने के लिए तैयार होंगे। वो आपके पहले कस्टमर होंगे। वो आपको फीडबैक देंगे और आपके बिज़नस के बारे में दूसरे लोगों को भी बताएँगे।


आपका प्रोडक्ट इतना अच्छा होना चाहिए कि आपकी फैमिली और दोस्तों को वो सच में पसंद आए। अगला स्टेप है इसे अपनी कम्युनिटी में बेचना। अब बिज़नस, आपके बारे में कम और आपके प्रोडक्ट के बारे में ज़्यादा होगा।


छोटे, मीडियम और बड़े सर्कल के बारे में सोचिए। बीच वाला सबसे छोटा सर्कल आपकी फैमिली और दोस्त को दिखाता है। इसके बाहर का मीडियम सर्कल आपकी कम्युनिटी है। सबसे बाहर का बड़ा सर्कल बाकी सभी लोगों लोग को दिखाता है जिन्हें आप नहीं जानते। इस डायग्राम का मतलब है कि आप आपकी  सबसे ज़्यादा परवाह करने वाले लोगों से शुरुआत करके उन लोगों की तरफ जाते हैं, जो आपकी सबसे कम परवाह करते हैं।


अगर आप एक  एक्टिव contributor हैं तब भी अपनी कम्युनिटी का ध्यान खींचना इतना आसान नहीं होगा। इंसानों को अपनी तरफ खींचने की ज़रुरत होती है। हमें कोई भी काम करने के लिए एक बाहरी ताकत की ज़रुरत होती है। इसलिए, आपको खुद लोगों तक पहुंचना होगा।


उन माइक्रो यानी छोटे-छोटे इन्फ्लुएंसर्स को ढूँढिए, जिन्होंने ऐसे ही बिज़नस के बारे में कुछ लिखा हो। उनसे पर्सनली जाकर मिलिए। उन्हें मुफ़्त में खाना खिलाइए और अपना प्रोडक्ट दिखाइए। उनसे फीडबैक मांगिए। उनसे अपने बारे में पोस्ट करने, रिव्यु करने या आपको उनके दोस्तों को रेफ़र करने के लिए मत कहिए। आपका गोल है  अपने प्रोडक्ट को बेहतर बनाना इसलिए बस उनका सच्चा फीडबैक मांगिए।


उन्हें कुछ बेचिए मत। बस उन्हें अपने बिज़नस की जर्नी और उससे मिले हुए लेसंस के बारे में बताइए। हमेशा काइंड और फ्रेंडली रहिए। रिलेशनशिप्स बनाइए और बिना किसी को जाने, ऐसे ही रैंडमली कॉल करने से मत डरिए, इसे कोल्ड calling कहते हैं।


आपको जितने ज़्यादा रिजेक्शन मिलेंगे, आप उतने ही मज़बूत बनेंगे। अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और अपनी कम्युनिटी के लोगों को, कोल्ड ईमेल और मैसेज भेजें। जल्द ही, आप रिजेक्शन को पर्सनली या दिल पर ना लेना, सीख जाएंगे।


कभी भी कुछ कॉपी-पेस्ट मत कीजिए। जिस इंसान को आप cold  कॉल कर रहे हैं, उसके लिए इसे स्पेशल बनाइए। धीरे-धीरे, आप इसमें बेहतर होते जाएंगे। आपकी ग्रोथ का 99% हिस्सा, मैन्युअल सेल्स से आता है। जैसे ही आप, अपने पहले 100 कस्टमर्स से प्रॉफिट कमा लेंगे, इसके बाद आप SEO, कंटेंट मार्केटिंग और ads कर सकते हैं।


VC से पैसा इकट्ठा करने का मतलब है, किसी भी कीमत पर ग्रो करते रहना। आगे बढ़ने के लिए, आप ad, R&D, हायरिंग जैसी चीज़ों पर बहुत सारा पैसा खर्च करते हैं। दूसरी तरफ, एक मिनिमलिस्ट आंत्रप्रेंयूर होने का मतलब है, किसी भी कीमत पर प्रॉफिट कमाना। इसमें  आप एक ऐसा अच्छा प्रोडक्ट बेचने की कोशिश करते हैं, जिसे आपके कस्टमर पसंद करते हैं और जिसके बारे में दूसरों को बताते हैं। इसमें  आप कंपनी चलाने और अपनी लाइफस्टाइल बनाए रखने के लिए, काफी पैसा कमा सकते हैं।


जैसे, आपके 2,000 कस्टमर्स हैं, जो महीने का 39 डॉलर देते हैं। ये साल का 1 मिलियन डॉलर हुआ। आपको किसी भी चीज़ को रोकने, competition को जीतने या मार्केट का राजा बनने की कोई भी ज़रूरत नहीं है। आप हर रोज़ एक नया कस्टमर जोड़ सकते हैं और आपको पता ही नहीं चलेगा कि आपकी कंपनी की कीमत कब 1 मिलियन डॉलर हो जाएगी। क्या ये काफी नहीं है?


Market By Being You


सेल्स का मतलब है, अपने पहले 100 कस्टमर्स को एक-एक करके अपना प्रोडक्ट बेचना। ये आउटबाउंड है यानी ये बाहर की चीज़ों पर डिपेंड करता है। दूसरी तरफ, मार्केटिंग इनबाउंड होता है, यानी ये अंदर की चीज़ों पर डिपेंड करता है। इसमें  आप एक साथ हज़ारों नए कस्टमर्स को attract करते हैं। मार्केटिंग को advertising ना समझें। ad के लिए आपको पैसा देना पड़ता है, लेकिन मार्केटिंग आप मुफ़्त में कर सकते हैं। इस चैप्टर में हम इसी पर फोकस करेंगे। इसके लिए आप सोशल मीडिया और ईमेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा करने से, आप पैसा नहीं, सिर्फ वक़्त खर्च करते हैं।


सेलिंग के प्रोसेस में आप अपने प्रोडक्ट को इम्प्रूव करते हुए लोगों को एक-एक करके राज़ी करते हैं। मार्केटिंग में, आप लोगों को उनकी सोच से कुछ अलग करने के लिए मनाते हैं ताकि वो आपका प्रोडक्ट खरीदें। मार्केटिंग ज़्यादा मुश्किल है क्योंकि लोग अपने डेली लाइफ में ही बिज़ी रहते हैं। ऐसा करने का सीक्रेट ये है कि आप उन्हें अपना फैन बना दें।


आइए, मिनिमलिस्ट मार्केटिंग फ़नल के बारे में बात करें। शुरुआत में, लोगों को पता नहीं होता कि आप कौन हैं या आपका प्रोडक्ट क्या है। लेकिन एक दिन, वो आपके प्रोडक्ट को अपने इंस्टाग्राम या ट्विटर फ़ीड में देखेंगे। उन्हें वो  पसंद आ सकता है और वो कई बार उससे जुड़ सकते हैं। फिर, वो आपकी बातों में दिलचस्पी लेंगे और आपको फॉलो करेंगे।


आपके सभी followers आपके कस्टमर नहीं बनेंगे और इस बात पर चिंता करने की कोई ज़रुरत नहीं है। जो लोग आपके बिज़नस के बारे में सबसे ज़्यादा पैशनेट होंगे वो साइन अप भी करेंगे और आपके प्रोडक्ट के बारे में भी सोचेंगे। वो इसके प्राइस, फंक्शन, डिज़ाइन जैसी चीज़ों के बारे में सोचेंगे और एक दिन उसे खरीदेंगे।


इस प्रोसेस का कोई शॉर्टकट नहीं है। रिलेशनशिप बनाने में वक़्त और एफर्ट लगता है। अगर सीधा-सीधा कहें तो, मिनिमलिस्ट मार्केटिंग फ़नल इस तरह होता है: engage, फॉलो, रिसर्च, सोचना और फिर खरीदना। उम्मीद है, लोग फिर से आपका प्रोडक्ट खरीदेंगे। आइए, फ़नल के बारे में डिटेल में बात करते हैं।


फ़नल में सबसे ऊपर, सोशल मीडिया और SEO होता है। इसमें आपको लोगों को educate, inspire और एंटरटेन करना होगा।


सोशल मीडिया पर एकाउंट बनाएं। आपका पर्सनल और बिज़नस एकाउंट, अलग-अलग होना चाहिए। जैसे, अपने पर्सनल अकाउंट में साहिल का गोल है लोगों को अपना बिज़नस शुरू करने के लिए inspire करना। दूसरी तरफ, Gumroad का गोल है लोगों को क्रिएटर बनने के लिए inspire करना. लोगों को आपकी कंपनी और उसकी सक्सेस से मतलब नहीं है बल्कि उन्हें आपकी और आपकी जर्नी में दिलचस्पी होती है।


स्टेटस को अपडेट करना ठीक है, लेकिन इससे आपके ऑडियंस नहीं बढ़ेंगे। आपका गोल, ज़्यादा लोगों तक पहुंचना और उन्हें बेस्ट वैल्यू देना, होना चाहिए। उन्हें ये जानने की ज़रूरत नहीं है, कि आपने लंच में क्या खाया है।


आप जैसे हैं वैसे ही रहिए लेकिन अपने वैल्यूज़ के हिसाब से काम कीजिए। अपने सीखे हुए सभी लेसंस और बातों को शेयर कीजिए। बेहतरीन आईडिया भी, मुफ़्त में दीजिए। लोगों को आपके प्रोडक्ट के नए फीचर या आपने हाल के केस स्टडी के बारे में जानने में इंटरेस्ट नहीं होता है। वो खुश रहना, अच्छा खाना, हेल्दी रहना, स्मार्ट बनना चाहते हैं, अच्छी नींद लेना चाहते हैं, अपनों के साथ वक़्त बिताना चाहते हैं और एंटरटेन होना चाहते हैं। आपको उनके गोल्स को हासिल करने में, उनकी मदद करनी चाहिए।


अपने बिज़नस के प्रोग्रेस के बारे में शेयर कीजिए। सोशल मीडिया की सबसे कमाल की बात ये है कि इससे तुरंत फीडबैक मिलता है। आपको पता चल जाएगा कि आपके ऑडियंस को कैसा कंटेंट पसंद है या कैसा नहीं। अपने  ऑडियंस को बढ़ाने के लिए, तीन लेवल का कंटेंट है: educate, inspire और एंटरटेन।


पहला लेवल है, educate करना। लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल बेहतर तरीके से जीने और पैसा कमाने के लिए करते हैं। आप उन्हें मुफ़्त में रोज़ पढ़ा सकते हैं, लेकिन आपको बदले में कुछ नहीं माँगना है। इससे पहले, आपने ऐसा  अपनी कम्युनिटी में किया था। अब, आप इसे ज़्यादा लोगों के साथ करेंगे। कंटेंट शेयर करने के लिए, हर रोज़ वक़्त निकालिए। आपके वीडियो या इमेज का परफ़ेक्ट होना ज़रूरी नहीं है। ज़रूरी ये है कि आप शुरुआत करें और इसे कंटिन्यू रखें ।


दूसरा लेवल है, inspire करना। आप ऐसा अलग-अलग टॉपिक्स के बारे में, कुछ नई सीखने वाली चीज़ को लाइफ से जोड़कर कर सकते हैं, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग आपकी बात को समझ सकें। आप अपने प्रोजेक्ट में अपनी प्रोग्रेस को इस तरह भी दिखा सकते हैं कि आपने कहां से शुरुआत की थी और आज आप कहाँ हैं। अपने एक्सपीरियंस शेयर कीजिए और इस बारे में ईमानदार रहिए। आपका संघर्ष और सक्सेस, लोगों को inspire करेगा।


तीसरा लेवल है, एंटरटेन करना। आप सोचते होंगे कि आप एक हँसमुख इंसान नहीं हैं। लेकिन आप जैसे हैं, वैसे ही रहकर, अपने followers को educate और inspire करके, उन्हें एंटरटेन कर सकते हैं। एक जोक, एक पैटर्न और एक पंच लाइन से बना होता है, जो उस पैटर्न को तोड़ता है। जैसे, साहिल ने एक बार ट्वीट किया था, "आंत्रप्रेंयूर होने का मतलब है हर हफ्ते 60 घंटे काम करना, इसलिए आपको हर हफ्ते 40 घंटे काम करने की ज़रूरत नहीं है।"


ये पार्ट मिनिमलिस्ट मार्केटिंग फ़नल में सबसे ऊपर है। अब, आपको  अपने फ़ॉलोअर्स को कस्टमर्स में बदलना होगा। आइए, फ़नल के मिडिल यानी बीच के हिस्से में चलते हैं।


सोशल मीडिया का नुकसान ये है कि ये apps, आसानी से अपना एल्गोरिदम बदल सकते हैं, आपका अकाउंट बंद कर सकते हैं या आपसे पैसा मांग सकते हैं। इन प्लेटफॉर्म्स पर आपका कोई कंट्रोल नहीं होता। इसलिए  आपके पास ईमेल की एक लिस्ट होनी चाहिए। दूसरी कंपनियाँ या दूसरे एल्गोरिदम आपकी ईमेल लिस्ट को कंट्रोल नहीं करते हैं। सोशल मीडिया, एक अपार्टमेंट किराए पर लेने जैसा है, जबकि एक ईमेल लिस्ट, एक घर का ओनर बनने जैसा है।


आपको अपने ईमेल से भी लोगों को educate, inspire और एंटरटेन करना होगा। आप अपने followers के ईमेल एड्रेस इकट्ठा  करने के लिए ConvertKit या MailChimp जैसे टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपका ईमेल लिस्ट ज्वाइन करने के लिए उन्हें एक वीडियो, मिनी ई-बुक या short पीडीएफ गाइड रिवॉर्ड के तौर पर दें।


दूसरा तरीका है एक वायरल पोस्ट। आप कमेंट्स में एक लिंक डाल सकते हैं, ताकि लोग आपके न्यूज़लेटर के लिए साइन-अप कर सकें। आप एक ब्लॉग पोस्ट भी बना सकते हैं और नीचे एक लिंक दे सकते हैं, जहां रीडर्स ज़्यादा कंटेंट देखने के लिए सब्सक्राइब कर सकते हैं। आपकी ऑडियंस आपसे जब भी कुछ खरीदती है, उससे पहले और उसके बाद में उन्हें ईमेल भेजें। जैसे, हर सैटरडे रात को उन्हें ईमेल भेजने का शेड्यूल बनाइए।


ऐसा सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म चुनिए, जो आपके लिए सबसे बेस्ट हो। observe कीजिए कि किस तरह के कंटेंट को ज़्यादा लाइक्स, कमेंट्स और जवाब मिलते हैं और वैसा कंटेंट और ज़्यादा बनाइए।


आप उन कंपनियों से काफी इम्प्रेस हो जाते होंगे जिन्होंने million डॉलर पैसा इकट्ठा किया है या जिनकी वैल्यूएशन बिलियन डॉलर की है। लेकिन उन कंपनियों के पास दिखाने के लिए कुछ नहीं है, सिवाय इसके कि कुछ अमीर लोगों ने उन्हें पैसा दिया है। वो शायद कस्टमर्स को पाने के लिए बहुत सारा पैसा खर्च करते हैं और उन्हें एक ऐसा प्रोडक्ट देने का वादा करते हैं, जो शायद कभी नहीं बनेगा।


आप किसी भी तरह के Advertising की बात कर लीजिए, वो हमेशा महँगा और कम असरदार होता है। अपनी कहानी और लेसंस शेयर करने के लिए, सोशल मीडिया और ईमेल का इस्तेमाल करना ज़्यादा बेहतर तरीका है। ऐसा करने से, आपको ज़्यादा फैन्स मिलेंगे और इसके बाद वो ऐसे कस्टमर्स में बदल जाएंगे जो आपके बारे में और लोगों को बताएँगे।


मिनिमलिस्ट मार्केटिंग फ़नल में सबसे नीचे सेल्स है। जब फ़नल का टॉप और मिडिल पार्ट सही होगा तो ये sales भी आसानी से होने लगेगा.


Grow Yourself and Your Business Mindfully


इस पॉइंट पर आप प्रॉफिटेबल बन गए हैं और आपके पास कस्टमर्स बढ़ते ही जा रहे हैं। आपके पास एक सक्सेसफुल बिज़नस है और आप अपनी फैमिली के लिए एक कम्फ़र्टेबल जिंदगी afford कर सकते हैं। बहुत से लोग सोचते हैं कि बस इस पॉइंट पर सफ़र ख़त्म होता है और अब beach पर रिलैक्स करने का वक़्त है। लेकिन दुनिया हमेशा बदलती रहती है मेरे दोस्त आपको भी इसके साथ बदलना होगा।


आपको सोच-समझकर आगे बढ़ते रहना होगा ताकि आपका बिज़नस फेल न हो। इस चैप्टर में, हम आंत्रप्रेंयूर्स की आम गलतियों के बारे में बात करेंगे। ये खुद की गई  ऐसी गलतियाँ हैं, जिनसे बचा जा सकता है।


बिज़नस में सबसे बेसिक फ़ॉर्मूला है "revenue minus cost equals to profit।" अगर आप अपनी कमाई से ज़्यादा खर्च करते हैं, तो आप फेल हो जाएंगे। अगर आप अपने खर्चे से ज़्यादा कमाते हैं, तो आप आगे बढ़ सकते हैं। लेकिन, कई आंत्रप्रेंयूर्स profitability और sustainability को नज़रअंदाज कर देते हैं। जब तक उनका  पैसा खत्म नहीं हो जाता, तब तक वो ग्रो करने यानी बिज़नस को बढ़ाने, hire करने यानी  नए लोगों को जॉब  पर रखने, प्रोडक्ट डेवलपमेंट जैसी चीज़ों पर फोकस करते रहते हैं।


ऐसे फाउंडर्स, अपने खर्च या कमाई को मॉनिटर नहीं करते क्योंकि जब चीजें खराब हो जाती हैं तो वो उन्हें बचाने के लिए इंवेस्टर्स के पीछे भागते हैं। लेकिन एक मिनिमलिस्ट आंत्रप्रेंयूर होने के नाते, आपको सावधान रहना होगा  क्योंकि कोई भी आपको आपकी गलतियों से होने वाले नतीजे से नहीं बचाएगा।


आपके मार्केटिंग फ़नल से, आपका revenue आता है। अब, आपको अपने वेरिएबल और फिक्स्ड कॉस्ट पर ध्यान देना होगा। वेरिएबल कॉस्ट में वेब होस्टिंग, पेमेंट प्रोसेसिंग फीस और फ्रॉड प्रिवेंशन जैसी चीज़ें शामिल हैं। फिक्स्ड कॉस्ट में रेंट, यूटिलिटीज़ और एम्प्लोयीज़ की सैलरी, आती हैं। इन्हें कम करने के लिए, यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं -


सबसे पहले, खुद को सबसे कम पैसा दें। शुरुआत में, आप अपने बिज़नस को खड़ा कर रहे हैं इसलिए आपको अपना सारा पैसा इंवेस्ट करना चाहिए, जब तक ये प्रॉफिटेबल ना बन जाएँ। इसलिए, आपको अभी अपनी जॉब  नहीं छोड़नी चाहिए और साइड बिज़नस की तरह इसे शुरू करना चाहिए। बाद में, आप अपनी जिंदगी के खर्चों को पूरा करने के लिए खुद को ज़्यादा पैसे दे सकते हैं। एक आंत्रप्रेंयूर होने के नाते आपका गोल है  लोगों की प्रॉब्लम solve करने में मदद करना। खुद के पास इतना पैसा रखिए कि आप ऐसा बिना रुके करते रहें।


जैसे, 2015 Gumroad के लिए एक मुश्किल वक़्त था। साहिल ने तब  कुछ वक़्त के लिए खुद को पैसा देना बंद कर दिया था। लेकिन अब देखिए, उन्हें एक CEO होने के नाते, साल के 120,000 डॉलर मिलते हैं।


दूसरा, सॉफ्टवेयर लीजिए, लोगों को hire मत कीजिए। ज़्यादातर सॉफ्टवेयर को VC सब्सिडी देते हैं, इसलिए वो लोगों को काम पर रखने के मुकाबले सस्ते होते हैं। आप CFO या अकाउंटेंट के बजाय, Pilot या Bench का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप अपने payroll और benefits को मैनेज करने के लिए, Gusto का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप नए कस्टमर्स को फॉलो-अप ईमेल भेजने के लिए, Zapier का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि आप लोगों को काम पर रखे बिना कितना कुछ कर सकते हैं। इससे  आप और ज़्यादा पैसे बचा पाएँगे  क्योंकि आपको मैनेजर और HR के लोगों की भी ज़रुरत नहीं होगी।


तीसरा, रिमोट वर्क के कॉन्सेप्ट को यूज़ कीजिए। कोविड-19 महामारी ने साबित कर दिया है कि हममें से ज़्यादातर लोग घर से काम कर सकते हैं। तो, आपको सच में एक ऑफिस किराए पर लेने और यूटिलिटीज़, इक्विपमेंट, सप्लाईज़ जैसी चीज़ों के लिए पैसा खर्च करने की ज़रुरत नहीं है। यहां तक कि Google, Amazon और Microsoft जैसी बड़ी कंपनियों ने भी इस महामारी के बाद घर से काम करने के ऑप्शन को बढ़ा दिया है।


चौथा है, काम को आउटसोर्स कीजिए। अभी तो सिर्फ आप और आपके सॉफ्टवेयर टूल्स हैं, लेकिन जल्द ही आपको फ्रीलांसर्स की ज़रुरत पड़ सकती है। उनका कॉस्ट, फुल-टाइम एम्प्लोयीज़ के मुकाबले काफी कम होता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप मेहनती लोगों का गलत फ़ायदा  उठाएं। बेशक, आपको फ्रीलांसर्स को अच्छा पैसा देना चाहिए और उनके साथ जायज़ रहना चाहिए। इससे  उन्हें घर से काम करने के साथ-साथ ये भी  फ़ायदा होता है  कि वो अपनी फैमिली के साथ ज़्यादा वक़्त बिता सकते हैं। इससे वो भी आपसे सीखेंगे और उन्हें खुद, एक मिनिमलिस्ट आंत्रप्रेंयूर बनने की आज़ादी मिलेगी।


पांचवां, सिलिकॉन वैली को कुछ ज़्यादा ही बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है। सैन फ्रांसिस्को में रहने का खर्च बहुत ज़्यादा है। वहाँ हर रोज़ बहुत ज़्यादा ट्रैफिक रहता है और वो बच्चों को बड़ा करने के लिए अच्छी जगह नहीं है। किसी छोटे टाउन या शहर में, अपनी कंपनी बनाना काफी सस्ता पड़ता है और वहां competition भी कम होता है। ऐसा करने से, आप अपनी कम्युनिटी तक भी आसानी से पहुंच सकते हैं।


सिलिकॉन वैली में VC, स्पेकुलेशन और बेट यानी अटकलों और दावों  के बेसिस पर लाखों डॉलर इंवेस्ट करते हैं। लोग फिज़ूलखर्ची करने वाले बन जाते हैं। मुफ़्त का स्वादिष्ट खाना और पूल टेबल जैसी चीज़ों पर बहुत पैसा खर्च किया जाता है। लेकिन जर्नलिस्ट और फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स की दी हुई सक्सेस की डेफिनिशन पर ज़्यादा ध्यान ना दें। बस उस प्रोसेस को करते रहिए, जो आपके लिए काम करते हैं और अपने वीक पॉइंट्स को इम्प्रूव करते रहिए। अपने खर्चों पर नज़र रखिए और हमेशा अपने कस्टमर्स की बात सुनिए।


उन्हें इसकी परवाह नहीं है कि आप कितने बड़े या अमीर हैं, या आपने VC से कितना पैसा इकट्ठा किया है  या आप कितने एम्प्लोयीज़ को काम पर रखते हैं। आपके कस्टमर सिर्फ ये चाहते हैं कि आपका प्रोडक्ट बेहतर हो और आपका बिज़नस लगातार टिका रहे।  इसलिए, आपको हमेशा उनके बारे में सोचना चाहिए।


चीजों को अपने कस्टमर के नज़रिए से देखिए। सोचिए कि आप एक कस्टमर हैं और खुद से पूछिए, “क्या मुझे सच में इस प्रोडक्ट की ज़रुरत है? ये मेरे लिए ज़रूरी क्यों है? मुझे इससे क्या वैल्यू मिलेगा?" अगर आप इस बात पर फोकस करते हैं कि आपके कस्टमर क्या चाहते हैं, तो आपकी सेल्स बढ़ेगी और ये आपको आगे बढ़ने का रास्ता दिखाएगा। 


Conclusion


सबसे पहले, आपने एक सही कम्युनिटी ढूंढना सीखा। ऑनलाइन ग्रुप्स ज्वाइन कीजिए  और एक्टिव contributor बनिए। अपनी नॉलेज शेयर कीजिए और लोगों के सवालों का जवाब दीजिए।


दूसरा, आपने ये सीखा कि कम से कम चीज़ें बनानी चाहिए। शुरुआत करने के लिए आपको पैसा, कोड, एम्प्लोयीज़ या सॉफ्टवेयर की ज़रुरत नहीं है। अपने कस्टमर्स की प्रॉब्लम को solve करने पर फोकस कीजिए। जब तक आपका प्रोडक्ट उनके लिए काम करता रहेगा, तब तक उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि आपका प्रोडक्ट परफेक्ट है या नहीं। अपने टास्क को एक प्रोसेस में बदलिए और उन्हें ऑटोमैटिक बनाइए।


तीसरा, आपने सीखा कि अपने पहले 100 कस्टमर्स को अपना प्रोडक्ट कैसे बेचा जाए। अपनी फैमिली, दोस्तों और कम्युनिटी से आखिर में अनजान लोगों की ओर बढ़िए। कोल्ड कॉल करने और लोगों से फीडबैक मांगने से डरिए मत। अपने प्रोडक्ट को बेहतर बनाने के लिए, उनके कमेंट्स का इस्तेमाल कीजिए।


चौथा, आप जैसे हैं, वैसे ही रहकर, आपने मार्केटिंग करना सीखा। लोगों को educate, inspire और एंटरटेन कीजिए ताकि वो आपको फॉलो करें। एक ईमेल लिस्ट बनाइए और आपसे कुछ भी खरीदने से पहले और बाद में, उन्हें  लगातार कंटेंट भेजते रहिए। आपकी शेयर की गईं कहानियाँ और लेसंस, लोगों को आपके followers, कस्टमर्स और लॉयल फैन में बदल देंगे।


पांचवां, आपने दिमाग से आगे बढ़ना सीखा। प्रॉफिट कमाने के लिए आपको अपने खर्चों से ज़्यादा कमाना होगा। आप सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके, रिमोटली काम करके और आउटसोर्सिंग करके, अपने कॉस्ट को कम कर सकते हैं। अपने कस्टमर्स पर फोकस रखिए। हमेशा इस बारे में सोचिए कि वो क्या चाहते हैं।


तो क्या अब आपको समझ आ रहा है कि मिनिमलिस्ट बिज़नस, VC से पैसा लेने वाली कंपनी से कितना अलग है? यहाँ कम स्ट्रेस होता है और टॉप पर पहुँचने के लिए होड़ नहीं होती। यहाँ पैसा और लोग कभी ख़त्म नहीं होंगे। आपके पास अच्छे प्रॉफिट के साथ-साथ ऐसे कस्टमर होंगे, जो आपके प्रोडक्ट को पसंद करेंगे।


साहिल ने आखिर में कहा कि एक मिनिमलिस्ट बिज़नस इस ऑर्डर में बनाना चाहिए: कम्युनिटी, इसके बाद प्रोसेस, फिर प्रोडक्ट, फिर सेल्स, फिर मार्केटिंग और इसके बाद ग्रोथ। उन्होंने ये भी बताया कि हायरिंग से पहले “कल्चर” आना चाहिए। लोगों को जॉब  पर रखने और उन्हें मैनेज करने में मदद के लिए, आपके पास कोर वैल्यूज़ होने चाहिए।


आखिर में, साहिल ने ikigai के बारे में भी बात की। ये तब होता है, जब आपको जो चीज़ पसंद है, जिसमें आप अच्छे हैं, जिसके लिए आपको पैसा मिलता है और दुनिया को जिस चीज़ की ज़रुरत है, वो सब एक बन जाते हैं। मिनिमलिस्ट आंत्रप्रेंयूर बनने से आपको इसे हासिल करने का मौका मिलता है।


इस समरी ने आपको वो स्टेप्स सिखाए जो आपको उठाने चाहिए, अब वक़्त है शुरुआत करने का।


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