THE ULTIMATE MARKETING PLAN - Find Your Hook, Communicate Your Message, Make Your Mark
Dan Kennedy
इंट्रोडक्शन
मार्केटिंग का मतलब है, सही तरीकों का इस्तेमाल करके सही मैसेज बनाना और कस्टमर्स तक पहुँचाना।
इस समरी में, डैन.एस.केनेडी आपको वो प्रिंसिपल्स सिखाएंगे, जो वो अपने क्लाइंट्स को सिखाते हैं। आप सीखेंगे कि अपने ब्रैंड के लिए सही मैसेज कैसे बनाएँ और सही कस्टमर्स के साथ उसे शेयर करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है।
आपको इस समरी की ज़रुरत है क्योंकि आज के मॉडर्न मार्केट में तगड़ा कम्पटीशन छिड़ा हुआ जहाँ सब एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में रहते हैं। सोचिए कि आप रोज़ कितनी बार advertisement और सेल्समैन को कोई ना कोई प्रोडक्ट या सर्विस बेचने की कोशिश करते हुए देखते हैं। तो आप इन सभी से अलग कैसे बन सकते हैं और इस competitive वर्ल्ड में अपने कस्टमर्स तक कैसे पहुँच सकते हैं?
Putting Together the Right Message
कैवेट रॉबर्ट नाम के एक मशहूर पब्लिक स्पीकर ने मार्केटिंग के लिए एक बहुत इम्पोर्टेन्ट टिप दी है। वो सलाह देते हैं कि आंत्रप्रेंयूर्स को अपने मैसेज को प्रमोट करने में जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए। सबसे पहले, उन्हें एक strong मैसेज बनाने पर काम करना चाहिए। जब आप अपने बेस्ट बनने से पहले खुद को प्रमोट करते हैं तो लोगों को आपके खराब स्किल्स दिख जाते हैं।
इसलिए, कुछ भी प्रमोट करने से पहले, खुद से ये सवाल कीजिए कि क्या आपका प्रोडक्ट वैल्युएबल है। अपना प्रोडक्ट बनाने के बाद, एक ऐसा मैसेज बनाइए जो सबसे अलग हो।
एक बार येलो पेज को देखिए और उनके ad पर गौर कीजिए। येलो पेज, सबसे ज़्यादा competitive ad देने वाली कंपनी है। सभी ब्रैंड्स सेम गोल के लिए मुकाबला करते हैं और सेम मैसेज इस्तेमाल करके।
इन messages को स्टडी कीजिए और आप नोटिस करेंगे कि ये सब आपस में कितने मिलते-जुलते हैं। सबसे अलग दिखने के लिए आपको एक interesting और स्ट्रोंग मैसेज बनाना होगा। इसका मतलब है, यूनीक सेलिंग प्रोपोज़िशन (USP) होना।
आपके USP में आपके सभी main फायदें शामिल होते हैं। ये आपके ब्रैंड, थीम और competitive वैल्यू का आइना होता है। आप अपने USP के लिए कुछ भी चुन सकते हैं। ये एक कलर, साइज़, टाइम फ्रेम, प्राइस वगैरह कुछ भी हो सकता है।
अपने USP को पहचानने में महीनों और सालों लग सकते हैं। आप खुद से ये सवाल पूछकर इसे पहचान सकते हैं: “मेरे कस्टमर्स मेरे competitors के बजाय मेरा प्रोडक्ट क्यों खरीदना चाहेंगे?”
दो यंग लड़के, अपनी कॉलेज की फीस भरने के लिए अपना बिज़नस शुरू करना चाहते थे। पहली बार में, वो बहुत बुरी तरह फेल हुए। उनमें से एक ने हार मान ली, जबकि दूसरा किसी भी हालत में सक्सेसफुल होना चाहता था। इस लड़के ने एक ऐसा USP बनाया, जिसकी वजह से उसका शहर, देश और दुनिया सब बदल गया।
उसका बिज़नस था, “फ्रेश, हॉट पिज़्ज़ा सिर्फ़ 30 मिनट में डिलीवर किया जाएगा”। ये एक सेंटेंस ऐसे दो फ़ायदे दिखाता है, जो उसके अलावा और कोई भी ऑफर नहीं कर रहा था। वो था कि “आपका पिज़्ज़ा आपके पास गर्मागर्म और टाइम पर पहुँचेगा”।
आज अगर आप किसी से पूछें कि जब वो पिज़्ज़ा का नाम सुनते हैं तो उनके माइंड में सबसे पहला वर्ड क्या आता है तो वो आपसे कहेंगे, “डॉमिनोज़”।
टॉम मोनघन डॉमिनोज़ के मालिक हैं, जो दुनिया का सबसे मशहूर पिज़्ज़ा बिज़नस है। एक स्ट्रोंग USP बनाने से, आज टॉम दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार हैं। उन्होंने 53 मिलियन डॉलर्स में, डेट्रॉइट टाइगर्स की बेसबॉल टीम को भी खरीदा है। वो क्लासिक कार ख़रीदने के भी शौक़ीन हैं और चैरिटी भी करते हैं।
अपना USP चुनना और उसे सही वक़्त और सही जगह पर मार्केट करना, आपको ज़्यादा सक्सेसफुल होने में मदद करता है। आपको अपने वैल्यूज़ और स्टैंडर्ड्स को बनाए रखने की भी ज़रुरत है। अगर आपको पुश करने के लिए आपके पास एक स्ट्रोंग मक्सद नहीं होगा तो आप अपना फोकस खो देंगे।
जब आप लगातार सेम वैल्यूज़ को बनाए रखते हैं तो इससे एक स्ट्रोंग मार्केटिंग प्लान बनता है। आपकी प्राइमरी वैल्यूज़ में से एक वैल्यू आपके प्रोडक्ट की quality में दिखनी चाहिए।
एक स्ट्रोंग USP लिखने का दूसरा क्रिएटिव तरीका ये सोचना है कि आपके कस्टमर्स को क्या पसंद नहीं है। स्टीव फॉक्स प्लंबिंग कहते हैं: “मेरे प्लंबर से अगर खुशबु ना आए और अगर वो टाइम पर नहीं पहुंचे, तो पूरा खर्चा मेरा।”
इस कंपनी ने अपने कस्टमर्स को ये वादा किया कि एक प्लंबर अपॉइंटमेंट के हिसाब से उनके घर आएगा, अपना काम अच्छे से करेगा और जब वो निकलेगा तो आपका घर बिल्कुल साफ़ और खुशबूदार होगा।
अपने बिज़नस के हर आईडिया को ट्राई करके आप अपने मार्केटिंग मैसेज को पहचान सकते हैं। एक पेपर लीजिए और हर आईडिया, उसके फ़ायदे, फीचर और फैक्ट को अलग-अलग शीट पर लिखिए। इन चीज़ों को अपने ऑडियंस की ज़रुरत के हिसाब से, priority दीजिए।
इस एक्सरसाइज़ को करने से आपको अपना सबसे स्ट्रोंग मार्केटिंग मैसेज बनाने में मदद मिलेगी। ऐसा USP चुनिए, जो आपके वैल्यूज़, फ़ायदों और competitive फीचर्स को दिखाए।
Presenting Your Message
अपना USP जानने के बाद, दूसरा स्टेप है अपने ब्रैंड के लिए सही presentation चुनना। चाहे आपके मार्केट कोई भी हो, आप अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज़ को कैसे present करते हैं, ये बहुत मायने रखता है।
स्ट्यू लियोनार्ड के कई मशहूर सुपरमार्केट हैं। वो अपने कस्टमर्स को फ्रेश फिश बेचना चाहते थे, इसलिए वो हर सुबह फ्रेश फिश खरीदकर उन्हें साफ़ करते थे और अच्छे से पैक करते थे। वो इस प्रोडक्ट को “फ्रेश फिश” नाम से मार्केट करते थे।
स्ट्यू ने बिल्कुल सही मैसेज चुना था और उनका USP भी बहुत स्ट्रोंग था। उस वक़्त बहुत कम कंपनियां थीं जो फ्रेश फिश बेचती थीं। इसलिए, स्ट्यू के USP ने उन्हें सबसे अलग बना दिया था।
स्ट्यू ने उन अमीर कस्टमर्स को टारगेट किया जो फ्रेश फिश को बनाने की वैल्यू को समझते हैं। इन लोगों को फ्रेश फिश खरीदकर घर में खाना बनाना बहुत पसंद था। लेकिन, स्ट्यू अभी भी एक पॉइंट मिस कर रहे थे: एक अच्छी presentation।
एक दिन, स्ट्यू के एक कस्टमर ने बड़ा ही दिलचस्प कमेंट दिया। कस्टमर ने स्ट्यू से कहा कि काश वह ताज़ी मछली खरीद सके जैसे आप पोर्ट यानी बंदरगाह पर देखते हैं - बर्फ के ढेर पर पड़ी असली ताज़ी मछली।
तब स्ट्यू ने अपने presentation को बदल दिया। उन्होंने फिश को हिस्सों में बाँटना शुरू दिया। आधी मछली को साफ़ करने के बाद अच्छे से पैक करके बेचा जाता था और बाकी कि आधी मछली को बिल्कुल रॉ और गंदा बर्फ़ पर रख दिया जाता था। इससे स्ट्यू की सेल्स डबल से भी ज़्यादा होने लगी थी।
ज़्यादा सेल्स करने के लिए ये ज़रूरी है कि आप अपने मैसेज को कैसे शेयर करते हैं। Presentation में तीन ज़रूरी चीज़ होती हैं -
पहला, आपको organised होना होगा। कस्टमर्स सिर्फ प्रोडक्ट्स ही नहीं खरीदते। वो एक फैसला लेने के लिए पांच stage को फॉलो करते हैं -
सबसे पहला, कस्टमर्स को अपनी एक प्रॉब्लम या ज़रुरत का एहसास होता है। दूसरा, इसके लिए वो एक प्रोडक्ट या solution चुनते हैं। तीसरे स्टेज पर, वो एक सोर्स यानी ज़रिया ढूँढ़ते हैं। चौथे स्टेज पर, वो सही प्राइस चेक करते हैं। पांचवे स्टेज पर, वो फाइनली उसे खरीदते हैं।
कुछ बेचने के लिए, आपको अपने कस्टमर्स को इन पांच स्टेज से लेकर जाना होगा।
Presentation का दूसरा फैक्टर है, इंट्रेस्ट पैदा करना। भले ही आप सबसे ऑर्डिनरी प्रोडक्ट बेच रहे हों, आपको इसे ऐसा बनाना होगा कि लोग इसे एन्जॉय करें। लोगों को सीक्रेट, ड्रामा, बिफोर/आफ्टर की picture, सक्सेस स्टोरीज़, चौंकाने वाले फैक्ट्स और फिज़िकल डेमो, बहुत लुभाते हैं।
Presentation का तीसरा फैक्टर है, लोगों को खरीदने के लिए मानना। भले ही आप एक स्ट्रोंग मैसेज और एक exciting presentation बना लें, लेकिन अगर आप एक्शन लेने के लिए नहीं मना पाए तो आपको कोई रिज़ल्ट नहीं मिलेगा। ये बिल्कुल वैसा ही होगा कि आपने एक शैम्पू का ad तो बना लिया, लेकिन आप फ्री सैंपल या डिस्काउंट नहीं दे रहे हैं।
ऐसा बिल्कुल मत मानिए कि आपके कस्टमर्स को पता है कि उन्हें क्या करना चाहिए। याद रखिए कि आपको उन्हें हर स्टेप पर खुद ले जाना होगा। कुछ भी किस्मत पर मत छोड़िए। आखिर आपका पैसा जो दाँव पर लगा है।
आप अपने मैसेज को अलग-अलग मीडिया के ज़रिए present कर सकते हैं। अपने ऑप्शंस को लिमिट मत कीजिए या कुछ नया ट्राई करने से मत डरिए। एक ऐसा तरीका है जो आपको ज़रूर इस्तेमाल करना चाहिए, वो है डायरेक्ट मेल भेजना। सेल्स लेटर भेजना, कुछ बेचने का एक भरोसेमंद तरीका है। ये सभी तरह के प्रोडक्ट, ऑडियंस और मार्केट में काम करता है।
जब आप कोई मीडिया ट्राई करते हैं, तो अच्छी presentation के तीन तरीकों को फॉलो करके सक्सेसफुल हो सकते हैं। अगर कोई तरीका काम ना करे तो आप उसे इस्तेमाल करना बंद कर सकते हैं या अपने presentation को बदल भी सकते हैं।
Picking The Right Targets
चाहे आपके पास दुनिया की बेस्ट gun ही क्यों ना हो लेकिन अगर आप गलत टारगेट पर निशाना लगाएँगे तो कभी नहीं जीत पाएँगे। सक्सेसफुल मार्केटिंग का अगला स्टेप है कि आप ऐसा क्राउड ढूंढे जो आपका प्रोडक्ट या सर्विस लेने के लिए तैयार हो।
हर प्रोडक्ट या सर्विस का टारगेट सिर्फ एक ही क्राउड होना चाहिए। अगर आप सभी लोगों को टारगेट करने की कोशिश करेंगे तो हो सकता है कि आप हिट हो जाएँ लेकिन आप बुरी तरह फ़ेल भी हो सकते हैं। जो बिज़नसेस, सभी तरह के लोगों को बेचने का टारगेट रखते हैं उनमें से जो किस्मत वाले होते हैं और इससे बच जाते हैं वो आगे जाकर अपने स्कोप को छोटा कर लते हैं और सक्सेसफुल हो जाते हैं। बदकिस्मत लोग ऐसे ही पैसा बर्बाद करते रहते हैं और गलत मार्केट के लिए ad बनाते रहते हैं।
टार्गेटेड मार्केटिंग एक ऐसी चीज़ है, जो कई बिज़नसेस के लिए सक्सेस पाने का एक अच्छा रास्ता रहा है। अब लैरी मैकएंटायर के क्रिस्चियन सिंगल्स नेटवर्क का ही केस ले लीजिए। ये कंपनी आदमियों को, अलग-अलग जगह की औरतों के साथ डेट और शादी करने में मदद करती है।
अपने बिज़नस का ad देने के लिए लैरी ने USA टुडे जैसी मैगज़ीन का इस्तेमाल किया। जब इस बुक के ऑथर डैन एस. केनेडी, लैरी से मिले तो उन्होंने उनसे उनके टार्गेटेड क्लाइंट के बारे में पूछा। लैरी ने जवाब दिया कि ये कंपनी सभी के लिए है, जिसमें मिनिस्टर्स, डॉक्टर्स और सेल्समैन, सभी आते हैं।
डैन ने लैरी को अपने बिज़नस डेटा को एनालाइज़ करने के लिए ज़ोर दिया ताकि वो एक ख़ास मार्केट को ढूँढ सकें। अपने रिकॉर्ड को चेक करने के बाद, लैरी को पता चला कि उनके 50 परसेंट क्लाइंट, तलाकशुदा ट्रक ड्राइवर थे।
अब लैरी ने जनरल मैगज़ीन में ad देने के बजाए ट्रक ड्राइवर्स की मैगज़ीन को अपना टारगेट बना लिया था। इससे उनका प्रॉफिट तेज़ी से बढ़ने लगा।
टार्गेटेड मार्केटिंग कैंपेन बनाने के लिए आप तीन तरीके अपना सकते हैं: जियोग्राफिक टार्गेटिंग, डेमोग्राफिक टार्गेटिंग और एसोसिएशन।
जियोग्राफिक टार्गेटिंग में आप एक खास एरिया या एक ज़िप कोड में कुछ बेचने का टारगेट रखते हैं। किसी भी एरिया को चुनने से पहले, आपको ये चेक करना होगा कि जो लोग वहां रहते हैं क्या उन्हें आपके प्रोडक्ट में दिलचस्पी होगी या नहीं। आप उस एरिया में घूमकर ये देख सकते हैं कि वहाँ लोग कैसे रहते हैं और कैसे बिहेव करते हैं।
अपने बिज़नस के लिए एक जियोग्राफिक मार्केट ढूँढने के बाद उस पर राज करने के लिए कड़ी मेहनत कीजिए। एक आम seller मत बने रहिए। सबसे स्ट्रोंग USP का इस्तेमाल करके अलग बनने की कोशिश कीजिए।
डेमोग्राफिक टार्गेटिंग, लोगों को ग्रुप्स में बाँट देता है। हर ग्रुप को नाम देने के लिए, आप स्टेटिस्टिक्स, ह्यूमन बिहेवियर और साइकोलॉजी का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप किसी उम्र के ग्रुप जैसे आसान टारगेट के लिए काम कर सकते हैं या फिर तीस और चालीस साल की औरतों को टारगेट करके, इससे ज़्यादा स्पेसिफिक भी बन सकते हैं।
आप एक जनरल डेमोग्राफिक को टारगेट करके इसकी शुरुआत कर सकते हैं और इसके बाद अपने कस्टमर्स में एक जैसी चीज़ों की पहचान कर सकते हैं। अपने डेमोग्राफिक ग्रुप को चुनने के बाद, उन कस्टमर्स को अपनी ओर खींचने के लिए आप अपना मार्केटिंग प्लान बना सकते हैं।
एसोसिएशन से टारगेट करने का मतलब है, एक जैसे इंट्रेस्ट, हॉबीज़ या सोशल ग्रुप को चुनना।
टार्गेटेड मार्केटिंग प्लान बनाने से, आपको जनरल advertisement पर पैसा बर्बाद करने से बचने में मदद मिलेगी। इसके बजाय आप कुछ कस्टमर्स को टारगेट करके ज़्यादा पैसा कमा सकते हैं।
Proving Your Case
आज हम ऐसे दौर में जी रहे हैं जहाँ हमें हर चीज़ पर डाउट होने लगा है। इसका कारण भी वाजिब है क्योंकि किसी प्रोडक्ट पर यकीन करवाने के लिए कई धोखेबाज़ों ने हमसे झूठ बोला है। अगर आप एक स्पेसिफिक कस्टमर बेस को पहचानकर, उसे टारगेट कर भी लेते हैं, फिर भी ऐसा हो सकता है कि आप अपने प्रोडक्ट्स या सर्विसेज़ ना बेच पाएं। लेकिन ऐसा क्यों? इसकी वजह है, आपकी क्रेडिबिलिटी की कमी होना यानी आप पूरी तरह से भरोसा करने के लायक नहीं हैं।
कुछ बिज़नसेस, ज़्यादा डिस्काउंट और फ्री प्रोडक्ट्स देकर अपनी सेल्स बढ़ाने की कोशिश करते हैं। कभी-कभी, इन डील्स से आपको कुछ ख़ास नहीं मिलता है। अब लोग ये बात समझ चुके हैं कि ऐसी किसी चीज़ पर विश्वास नहीं करना चाहिए जो दिखने में हद से ज़्यादा अच्छा लग रहा हो।
भले ही आप गारंटी भी दे रहे हों तो भी आपके कस्टमर्स आपको पैसा देने से हिचकिचा सकते हैं। इसका जवाब टेस्टीमोनियल्स में हैं, लेकिन हर किसी का नहीं क्योंकि आपके क्लाइंट्स ये सोच सकते हैं कि अपने प्रोडक्ट्स के बारे में अच्छा बोलने के लिए आपने लोगों को पैसा दिया है।
तो, अपनी क्रेडिबिलिटी को आप कैसे साबित करेंगे?
आप अपने प्रोडक्ट के बारे में क्या कहते हैं, इससे आपके क्लाइंट को कोई फर्क नहीं पड़ता है। लेकिन, जब satisfied कस्टमर्स, आपके प्रोडक्ट के बेनेफिट्स के बारे में बताते हैं तो आपके पास ऐसे टेस्टीमोनियल्स होते हैं, जिस पर लोग विश्वास कर सकते हैं।
आप जितना चाहें, उतने टेस्टीमोनियल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये इस समरी का सबसे इम्पोर्टेन्ट लेसन है: टेस्टीमोनियल सक्सेस की गारंटी देता है।
टेस्टीमोनियल, आपके बिज़नस के वैल्यूज़ और बेनेफिट्स का वर्बल और visual प्रूफ होता है। इसमें आप बिफोर यानी पहले के और आफ्टर यानी बाद के रिज़ल्ट को दिखाते हैं। “बिफोर” में एक कस्टमर अपनी एक प्रॉब्लम के बारे में बताता है। “आफ्टर” भी वही कस्टमर बताता है कि आपका प्रोडक्ट यूज़ करने से उसकी प्रॉब्लम कैसे सॉल्व हुई और कैसे उसकी जिंदगी ज़्यादा आसान और ख़ुशहाल हो गई है।
आपके बिज़नस के हर प्रॉब्लम, बेनिफिट, फीचर, वैल्यू और फैक्ट की दो लिस्ट होनी चाहिए। एक लिस्ट में क्लाइंट की प्रॉब्लम, उसके doubts, डर और सवाल आते हैं। दूसरी लिस्ट में solution, ऑफर और जिंदगी को बदल देने वाले एक्सपीरियंस आते हैं।
टेस्टीमोनियल्स आमतौर पर छोटे होते हैं, जैसे तीन-वर्ड के ad और टीवी कमर्शियल्स। टेस्टीमोनियल्स फुल आर्टिकल्स की तरह लंबे भी हो सकते हैं। ये बड़े टेस्टीमोनियल्स, केस स्टडीज़ और क्लाइंट की सक्सेस स्टोरीज़ को शेयर करते हैं और आपके बिज़नस के फ़ायदों के बारे में बताते हैं।
लोगों के टेस्टीमोनियल में अलग-अलग gender, उम्र, race और बैकग्राउंड हो सकते हैं। हर टेस्टीमोनियल में, आपके प्रोडक्ट के बेनिफिट के बारे में बात होनी चाहिए।
बिज़नस टेस्टीमोनियल्स में छोटे, मीडियम और बड़ी कंपनियां आती हैं । इन टेस्टीमोनियल्स को, एक जनरल और स्पेसिफिक crowd को टारगेट करना चाहिए।
आपको अपने बिज़नस के स्केल को भी ध्यान में रखना होगा। अगर आप सिर्फ अपने देश के कस्टमर्स को टारगेट करते हैं तो उसी देश के सेलेब्रिटीज़ को इस्तेमाल कीजिए। अगर आप अपने प्रोडक्ट्स को पूरी दुनिया में बेचना चाहते हैं तो इंटरनेशनल स्टार्स के टेस्टीमोनियल भी इसमें जोड़ दीजिए।
सबसे ईमानदार और सक्सेसफुल कार सेल्समैन, सैंडर्सन फोर्ड के बिल ग्लेज़नर हैं। वो एक कार एजेंसी के मालिक हैं। आप वहां जाकर कुछ कारों का टेस्ट ड्राइव कर सकते हैं और फिर केबिन से भरी एक बिल्डिंग में जाते हैं। वहाँ की दीवारों और छत को छोड़कर कुछ भी अलग या कमाल का नहीं था, लेकिन वो एक ऐसी बिल्डिंग थी जो टेस्टीमोनियल्स से भरी हुई थी।
बिल जब भी कोई कार की सक्सेसफुल डील करते तो उसकी पिक्चर वहाँ पोस्ट कर देते थे। वहाँ की दीवारों पर आपको उन कस्टमर्स की तसवीरें देखने को मिलेंगी जो अपना मनपसंद कार ख़रीदने के बाद उसके पास ख़ुशी से pose कर रहे थे। वो दीवारें, इस कार कंपनी की क्रेडिबिलिटी को साबित करतीं हैं। यहाँ आप अपनी कार चुनते हैं और बिना negotiate किए पैसा दे देते हैं।
टेस्टीमोनियल्स कभी भी ज़्यादा नहीं होते, इसलिए आपके पास ये जितने भी हों उतने इस्तेमाल कीजिए। क्रेडिबिलिटी, अपने competitors के खिलाफ, आपका ऐसा हथियार है जिसकी सबसे ज़्यादा वैल्यू होती है। इसे समझदारी से इस्तेमाल कीजिए और मार्केट पर छा जाइए.
Putting Your Best Foot Forward
क्या कस्टमर्स, वेंडर्स, इंवेस्टर्स और कम्युनिटी के मेंबर्स, आपके ऑफिस में आते हैं? अगर आपके ऑफिस में कोई नहीं आता है तो आप सेफ हैं। लेकिन अगर वो आते हैं, तो जब तक आप इस चैप्टर में सीखे हुए लेसंस को अप्लाई नहीं करेंगे, आप मुश्किल में ही रहेंगे।
आपको अपने कस्टमर्स के लिए अपने बिज़नस का सही इमेज बनाना सीखना होगा। आपके बिज़नस से जुड़ी हर चीज़ का मैसेज सेम होना चाहिए। आपको अपने विज़िटर्स के पांच सेंसेस को इम्प्रेस करना होगा।
इन दो इम्पोर्टेन्ट सवालों का जवाब देकर आप इसकी शुरुआत कर सकते हैं: “आप अपने बिज़नस की कैसी इमेज दिखाना चाहते हैं?” इस इमेज को दस शब्दों में लिखिए। क्या आपके ऑफिस की हर चीज़ इस इमेज को दिखाती है?
अपने बिज़नस को एक पज़ल की तरह सोचिए। आपके ऑफिस में मौजूद हर चीज़ इस पज़ल का एक piece है। जब आप इन सभी टुकड़ों को एक साथ जोड़ेंगे तो आपको एक क्लियर मैसेज मिलेगा। ये मैसेज , आपका सक्सेसफुल बिज़नस इमेज है।
एक बार, डैन मर्दों के एक clothing स्टोर में गए। उन्होंने नोटिस किया कि वो स्टोर बहुत disorganised था। वहाँ जींस जैसे casual कपड़े, क्लासिक स्लैक्स के पास रखे हुए थे, स्पोर्ट्स के शर्ट टाई के पास रखे थे और शूज़ को सिर्फ खिड़कियों और पीछे डिस्प्ले किया गया था। वहाँ कि दीवारें तक खाली थीं। वहाँ ऐसा कुछ भी नहीं था जो inspiring हो और सब कुछ बड़ा confusing था।
उस स्टोर को अपना ज़्यादा अच्छा और presentable इमेज बनानी चाहिए। स्टोर के मालिक को स्पोर्ट्स के कपड़ों को एक जगह और casual कपड़ों को दूसरी जगह रखना चाहिए। उन्हें ड्रेसिंग रूम में फैशन के इमेज या टेस्टीमोनियल्स लगाने चाहिए।
अपने स्टोर की एक सक्सेसफुल इमेज बनाने के लिए, आप इन पांच स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं -
सबसे पहले, एक क्लियर और स्ट्रोंग इमेज present कीजिए।
दूसरा, अपने प्रोडक्ट्स को लॉजिकल ऑर्डर में organise कीजिए।
तीसरा, कस्टमर्स को खींचने के लिए क्रिएटिव डिस्प्ले लगाइए।
चौथा, डिस्प्ल, वीडियो या लाइव डेमो की मदद से लोगों अपना स्टोर दिखाइए।
पांचवां, अपनी expertise को हर तरीके से प्रमोट कीजिए।
भले ही आपका अपना कोई स्टोर ना हो तब भी आप अपने एनवायरनमेंट को बेहतर बनाने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं। आप एक ब्रैंड नेम बनाकर अपनी पहचान बना सकते हैं, जिसे इस्तेमाल करने के लिए लोग आपको पैसे देने के लिए तैयार हों।
जब आपका बिज़नस एक स्ट्रोंग इमेज दिखाता है तो आप कुछ ख़ास क्वालिटीज़ के लिए जाने जाते हैं और लोग अपना सेल्स बढ़ाने के लिए या अपने कस्टमर्स के बीच पॉपुलर होने के लिए, आपके ब्रैंड नेम का इस्तेमाल करने के लिए आपको पैसे भी देने के लिए तैयार रहते हैं।
हार्किंस थिएटर्स, इसका एक example है। मूवी लवर्स, किसी और थिएटर में जाने के बजाए, हार्किंस में जाना ही क्यों पसंद करते हैं? वो इसलिए क्योंकि वो एक ऐसी इमेज दिखाते हैं जो लोगों को बहुत पसंद है।
हार्किंस थिएटर हमेशा साफ़-सुथरा रहता है, वहाँ बेस्ट सीट लगी हुई है और वो बहुत ही tasty snacks ऑफर करते हैं। लोग अक्सर हार्किंस थिएटर द्वारा newspaper में दिए गए ad को चेक करते हैं। वो सिर्फ हार्किन में लगने वाली मूवीज़ देखते हैं और कहीं और नहीं जाते हैं।
इस बात को समझिए कि आपके कस्टमर्स एक प्रोडक्ट नहीं बल्कि एक एक्सपीरियंस ढूँढ रहे हैं। तो, आपकी बिज़नस स्टोरी क्या है? अपने कस्टमर्स को एक सफ़र पर ले जाइए और वो आपको हमेशा याद रखेंगे।
Getting Free Advertising
Advertising के फील्ड में अक्सर कहा जाता है कि किसी भी तरह की पब्लिसिटी अच्छी होती है। लेकिन ये गलत है क्योंकि ख़राब पब्लिसिटी की वजह से कई कंपनियों का दिवाला निकल गया है। तो, कुछ भी हो जाए, आपको अपनी reputation को बचाकर रखना होगा।
कुछ साल पहले, अमेरिका वेस्ट एयरलाइन्स ने एक आर्टिकल पब्लिश किया था। उनके न्यूज़लैटर में, एक डॉक्टर ने कायरोप्रैक्टर यानी हड्डियों के डॉक्टर की बेज्ज़ती करने की बात कही थी। उन्होंने उन्हें सनकी कहा और उनके काम को छोटा भी बताया।
इस आर्टिकल का ज़बरदस्त नेगेटिव इफ़ेक्ट हुआ। एक न्यूज़पेपर, कायरोप्रैक्टिक जर्नल, जिसके दस हज़ार से ज़्यादा रीडर्स थे, उन्होंने अमेरिका वेस्ट एयरलाइन्स के ख़िलाफ़ बोलने के लिए एक पूरा का पूरा कॉलम बना दिया। हज़ारों डॉक्टर्स ने इस एयरलाइन पर अपनी बुकिंग को कैंसल भी कर दिया।
कई कंपनियों ने तो इस हद तक जाकर विरोध किया कि कायरोप्रैक्टर्स और ऐसे काम करने वाले सभी लोगों को वेस्ट एयरलाइन से कभी ट्रेवल नहीं करना चाहिए।
किस्मत से, न्यूज़ में इस घटना के बारे में रिपोर्ट नहीं किया था। खराब पब्लिसिटी की वजह से वेस्ट एयरलाइन्स को बहुत नुक्सान झेलना पड़ा। उस आर्टिकल को पब्लिश करने से उन्हें कुछ भी हासिल नहीं हुआ था।
कंपनियों को कुछ भी पब्लिश करने से पहले हमेशा उस चीज़ को अच्छे से चेक करना चाहिए क्योंकि इससे उनकी reputation की धज्जियाँ भी उड़ सकती हैं।
आप सिंपल और असरदार तरीकों को फॉलो करके, फ्री advertising का फ़ायदा उठा सकते हैं -
सबसे पहले, आपको कुछ चैरिटी करनी चाहिए। जब बिज़नस करने वाले लोग, नॉन-प्रॉफिट organisation के किसी मुहीम में योगदान देते हैं तो उन्हें बहुत अच्छा लगता है। ये काम बड़ा आसान है और आपकी reputation को तुरंत अच्छा कर सकता है।
जैसे, रॉब स्मिथ, हर गर्मियों में, पूरे US में सौ फुटबॉल कैम्प बनाते हैं। रॉब NFL के स्टार रह चुके हैं, जो एक स्पोर्ट्स कंपनी चलाते हैं। इस चैरिटी के काम से उनकी कंपनी, नौजवानों, पेरेंट्स और फुटबॉल लवर्स में काफी पॉपुलर हो गई है।
आप डिस्काउंट या फ्री डील्स दे सकते हैं और अपनी कमाई का कुछ हिस्सा चैरिटी में दे सकते हैं। आप फंडरेज़र्स भी organize कर सकते हैं यानी एक तरह से चंदा इकट्ठा करना।
लेकिन धोखेबाज़ लोगों से सावधान रहिएगा। कुछ कंपनियां, आपके पैसे को चैरिटी में देने का वादा करती हैं, लेकिन उसमें से आधे से ज़्यादा ख़ुद रख लेती हैं। ऐसी कंपनी चुनिए, जो पॉपुलर, पावरफुल और भरोसेमंद हो।
अपने फील्ड के राजा बनकर भी आप फ़ेमस हो सकते हैं। अपने फील्ड में एक्सपर्ट बनिए और सब आपके बारे में बात करेंगे। पोल और सर्वे कीजिए और नए स्टेटिस्टिक्स ढूँढिए। मीडिया को ऐसी नई और exciting बातों के बारे में बात करना बहुत भाता है।
जैसे, एक रेस्टोरेंट ओनर को ऐसा सर्वे करना चाहिए जिसमें वो अपने कस्टमर्स की खाने की आदतों के बारे में पूछ सकता है। फूलों या bouquet बनाने का बिज़नस करने वाले मर्दों से पूछ सकते हैं कि उन्हें गुलाब ख़रीदना क्यों पसंद है। ऐसे सर्वे, सबको attract करते हैं।
फ्री advertising का दूसरा तरीका है, फ्यूचर का अंदाज़ा लगाना। एक बैंक, सिर्फ इसलिए मशहूर हुआ था क्योंकि वो हर जनवरी में एक इकनोमिक फोरकास्ट यानी भविष्यवाणी करता था। मीडिया को ऐसे प्रेडिक्शन में बेहद दिलचस्पी होती है।
अपने लोकल रेडियो स्टेशन को contact कीजिए और उनके अगले शो में आने के लिए रिक्वेस्ट कीजिए। ज़्यादातर, वो मान जाते हैं क्योंकि वो सिर्फ मशहूर लोगों को ही नहीं बुलाते। वो उन सभी को बुलाते हैं, जिनके पास कोई कूल प्रोडक्ट, सर्विस या आईडिया होता है।
अगर आप एक अच्छे राइटर हैं तो आप बुक लिख सकते हैं। इससे आपको टॉक शोज़ में पक्का बुलाया जाएगा और हो सकता है शायद टीवी शोज़ में भी बुलाया जाए। अगर आप बुक लिखना नहीं जानते हैं तो आप एक घोस्टराइटर को भी हायर कर सकते हैं। सही कीमत देने से फ्रीलांसर्स आपकी मदद करने के लिए तैयार रहते हैं।
ऊपर दिए गए तरीकों को ट्राई करने से पहले, एक प्रेस किट तैयार कीजिए। ये बताता है कि आप कौन हैं और आप किस तरह का बिज़नस करते हैं।
प्रेस किट में आपका resume, आपके बिज़नस की हिस्ट्री, आपके प्रोडक्ट्स या सर्विसेज़ की तस्वीरें, काम करते हुए आपकी तस्वीरें, आपके बारे में लिखे गए आर्टिकल्स और आप जिन सब्जेक्ट्स में एक्सपर्ट हैं उसकी लिस्ट शामिल होना चाहिए।
जब आप टीवी या रेडियो शो में अपना प्रेस किट ऑफर करते हैं तो जब उन्हें आपके फील्ड से जुड़े एक एक्सपर्ट की ज़रुरत होगी, तो वो आपको कॉल करेंगे। कॉन्टेक्ट्स की ऐसी एक लिस्ट बनाइए, जिन्हें आप अपन प्रेस किट भेजना चाहते हैं, फिर अपने आईडिया के बारे में बताइए और उनके जवाब का इंतज़ार कीजिए।
ऊपर दिए गए तरीके आपके बिज़नस के लिए नई opportunities लेकर आएँगे। आपको advertise करने के लिए पैसे देने की ज़रुरत नहीं है। आप स्मार्ट तरीके से बिना एक पैसा खर्च किए भी ज़्यादा कस्टमर्स तक पहुँच सकते हैं।
Becoming Hot
पहले ऐसा हुआ करता था कि अगर आप एक स्ट्रोंग ब्रैंड बनाते थे तो आपको लॉयल कस्टमर्स मिल जाते थे। लेकिन आज, एक पावरफुल ब्रैंड, ज़बरदस्त प्रोडक्ट्स और एक बड़ा कस्टमर बेस होना भी काफी नहीं है। हो सकता है कि कभी आपका प्रोडक्ट हॉट केक की तरह बिके और कभी वो शेल्फ़ पर ही पड़ा रह जाए।
1975 में अप्रैल फूल के दिन, गैरी डाह्ल अपने फेवरेट बार में बियर पी रहे थे। वो अपने दोस्त से pet (पालतू जानवर) रखने की बात कर रहे थे। उन्होंने उनसे पूछा कि क्या उनके पास कोई pet है, तो उन्होंने कहा “हाँ”। गैरी ने अपने बेस्ट pet के बारे में बताया। उनका pet वफ़ादार था और उसकी देखभाल करने में ख़ास ख़र्चा भी नहीं होता था।
सभी इस बात को सुनकर सोच रहे थे कि वो कैसा सा pet होगा। गैरी ने कहा: मेरा pet रॉक। ये सुनकर सभी हंसने लगे। कुछ दिनों बाद, वही ग्रुप इकट्ठा हुआ और एक pet रॉक रखने के फ़ायदे के बारे में बात करने लगा।
जो एक मज़ाक से शुरू हुआ था, वो एक बड़ा बिज़नस आईडिया बनता जा रहा था। गैरी ने अपने दोस्तों की बात ध्यान से सुनी. वो घर गए और एक pet रॉक रखने के लिए एक कैटेलॉग बनाया। एक साल बाद, गैरी मिलियनेयर बन गए थे। लेकिन कैसे? असल में, उन्हें एक fad का आविष्कार किया था।
Fad एक ऐसी चीज़ होती है जो कुछ वक़्त के लिए interesting और पॉपुलर होती है। जैसे, आप कोई हॉट प्रोडक्ट बना सकते हैं और मशहूर भी हो सकते हैं, लेकिन आपका फेम ज़्यादा दिन तक नहीं रहेगा। यानी सस्टेनेबल इनकम का ज़रिया बनाने के लिए, आपको ऐसे दिलचस्प प्रोडक्ट्स बनाते रहना होगा।
केन हकुटा, शोर्ट प्रोडक्ट लाइफ साईकल का कॉन्सेप्ट लेकर आए। केन ने कई गूफी प्रोडक्ट्स बनाए और “डॉ fad” बनकर बहुत पैसा कमाया। वो मानते हैं कि सभी marketers को बच्चों के लिए चीज़ें बनानी चाहिए। अपने कस्टमर्स को ऐसा बच्चा मानिए जो किसी चीज़ पर ज़्यादा दिन तक टिकता नहीं है। इसलिए, आपको नए और ज़्यादा interesting प्रोडक्ट्स बनाते रहना होगा।
इंटरेस्टिंग प्रोडक्ट्स बनाने में सक्सेस पाने के लिए, आपको उन्हें नया और फनी बनाना होगा। जब भी आप किसी से मिलते हैं तो आप हमेशा ये जानने की कोशिश करते हैं कि उनकी जिंदगी में क्या नया हो रहा है। आपके कस्टमर्स भी यही चाहते हैं। उन्हें भी बदलाव पसंद है, और आपको उनके इंट्रेस्ट को बनाए रखना होगा।
जब आप नए आईडियाज़ में इंवेस्ट करते रहते हैं तो आपके कस्टमर्स दूसरों से आपके बारे में बातें भी करते रहेंगे। ये लोग, आगे चलकर आपके नए कस्टमर्स भी बन सकते हैं।
Trend में रहने के लिए, आपको कुछ ट्रिक्स को फॉलो करना होगा -
सबसे पहले, अपने बिज़नस को एक पहचान देने के लिए अपने शहर में किसी फ़ेमस इंसान को लेकर आइए। अपने एरिया के “बेस्ट” लिस्ट में जगह बनाने के लिए मेहनत कीजिए। आपका मक्सद ये होना चाहिए कि आपको रेडियो और टीवी शोज़ में बुलाया जाए। जब मीडिया आपके बारे में बातें करेगी तो सभी आपके बारे में जानना चाहेंगे।
दूसरा, नए प्रोडक्ट्स बनाते रहिए। मैगज़ीन और न्यूज़पेपर पढ़कर और ट्रेड शोज़ देखकर, आप नए आईडियाज़ ढूँढ सकते हैं।
तीसरा, अपने कस्टमर्स को नई और बेहतर सर्विसेज़ देते रहिए। ख़ुद को इम्प्रूव करने की कोशिश कीजिए और कभी सीखना बंद मत कीजिए।
चौथा, जब आप अपने बिज़नस से जुड़ा, कोई नया trend या इवेंट दिखते हैं, तो उसका हिस्सा बन जाइए। अपने मार्केट को समझिए और अच्छे मौकों का स्मार्टली फ़ायदा उठाइए।
पांचवा, अपना कैलेंडर उठाइए और अलग-अलग season और हॉलीडेज़ के बारे में सोचिए। आप सीज़नल प्रोडक्ट्स या प्रमोशनल कंटेंट भी ऑफर कर सकते हैं।
छठा, आप ऐसे प्रोडक्ट्स बना सकते हैं, जिनके साथ मूवीज़ या एंटरटेनमेंट इवेंट्स जुड़े हों। जैसे, एक italian रेस्टोरेंट ने सन्डे को ‘एक सोप्रनोस इवेंट’ बना दिया था। इसमें वो अपने कस्टमर्स को डिनर और म्यूज़िक के साथ बड़े स्क्रीन पर सोप्रनोस का टीवी शो दिखाते थे।
याद रखिए कि एक बार पॉपुलर होने के बाद आप हमेशा के लिए पॉपुलर नहीं रहेंगे। इसलिए, इसे हल्के में मत लीजिए और अपने अगले बड़े आईडिया को develop करने में लग जाइए।
“Poor Boy” Marketing Strategies
अगर आप किसी को पैसा देंगे तो कोई भी बिज़नस शुरू कर सकता है। ज़्यादातर बिज़नसेस, ऐसे कस्टमर्स के लिए advertising करने पर ध्यान देते हैं, जो शायद उनके प्रोडक्ट में कभी दिलचस्पी नहीं लेंगे। वो पैसा कमाने से पहले, बहुत सारा पैसा खर्च कर देते हैं। ये बहुत बड़ी गलती है।
इसके बजाय, आपको पैसा कमाने के लिए सस्ते तरीके ढूँढने चाहिए। Advertising या प्रोडक्ट बनाने में ज़्यादा इंवेस्ट किए बिना बेचने की कोशिश कीजिए।
सबसे पहले तो, सारे इनबाउंड कॉल्स का जवाब दीजिए। एक बार, डैन एक शू स्टोर में थे और स्टोर का फ़ोन बजे जा रहा था। 6 बार बजने के बाद क्लर्क ने फ़ोन उठाया। उसने फ़ोन करने वाले से कुछ पूछे बिना ही उस पर चिल्लाते हुए कहा कि मुझे परेशान मत करो मैं बिजी हूँ।
वो कॉलर शायद एक कस्टमर भी हो सकता था जिसे कोई हेल्प चाहिए होगी या उसने किसी प्रोडक्ट के बारे में कुछ पूछने के लिए फ़ोन किया होगा या होम डिलीवरी के लिए ऑर्डर देना चाहता होगा। ये कॉल रुकावट नहीं है बल्कि मुफ़्त में सेल्स बढ़ाने के मौके हैं।
जब आप किसी कस्टमर के कॉल का जवाब देते हैं तो आपको उनका नाम, एड्रेस और फ़ोन नंबर लेना चाहिए। ये लोग आपके फ्यूचर कस्टमर्स बन सकते हैं। पहले, आप घरों में कॉल करके अपने प्रोडक्ट के बारे में बताते थे। आजकल, अंजान लोगों को सीधा कॉल करके कुछ बेचना, इलीगल हो चुका है। इसके बजाय, आप पोस्टकार्ड भेज सकते हैं, डायरेक्ट मेल कर सकते हैं या एक वेबसाइट ad पर अपना नंबर पोस्ट कर सकते हैं।
अगर आप एक स्टोर के मालिक हैं तो आप कस्टमर्स को attract करने के लिए अपनी खिड़की का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप उन पर interesting तस्वीरें, स्टेचू, ऑब्जेक्ट, ad या फिर कुछ ऐसा लगा सकते हैं, जो आपके कस्टमर को स्टोर में खींच लाए।
Fueling Word-of-Mouth Advertising
एक कस्टमर और referred कस्टमर के बीच फर्क होता है। कस्टमर वो होता है जो अभी भी सोच रहा है कि आपके साथ बिज़नस करना चाहिए या नहीं। लेकिन एक referred कस्टमर श्योर होता है कि वो सिर्फ आप से ही कुछ खरीदना चाहता है। उसे आपके ब्रैंड के बारे में पहले से किसी ने बताया है और वो बिना negotiate किए आपको पूरा प्राइस देने के लिए तैयार है।
इसलिए, वर्ड-ऑफ़-माउथ आपकी सबसे मज़बूत स्ट्रेटेजी है। “हाउ टू सेल एनीथिंग टू ऐनीबडी” के ऑथर जो जिरार्ड ने 52 का रूल बनाया है। उन्होंने पाया कि शादियों और funeral में आमतौर पर 52 लोगों को बुलाया जाता है। इसलिए, हर इंसान के पास कम से कम 52 ऐसे कस्टमर्स हो सकते हैं जिन्हें वो आपका बिज़नस रेफ़र कर सकता है।
ज़्यादातर बिज़नसेस को एक ही कस्टमर से दो या तीन रेफरल मिल जाते हैं। लगभग 50 रेफरल बेकार हो जाते हैं। लेकिन क्यों? ऐसा इसलिए क्योंकि आंत्रप्रेंयूर्स रेफरल्स ढूँढने के लिए एक एक्टिव प्लान नहीं बनाते हैं।
वर्ड-ऑफ़-माउथ advertising को बढ़ाने के लिए, EAR फ़ॉर्मूला को फॉलो कीजिए।
इसमें E का मतलब है Earn यानी कमाना। दूसरों से रिस्पेक्ट कमाने के लिए, आप जो भी करते है उसमें आपको अच्छा होना होगा। अपना बेस्ट दीजिए और आपके कस्टमर्स, satisfied और इंसपायर्ड होने के साथ-साथ, आपके बिज़नस से मिलने अपने अच्छे एक्सपीरियंस को दूसरों के साथ शेयर करने के लिए तैयार रहेंगे।
एक डेंटिस्ट ने एक साल में अपनी इनकम को दस गुना कर लिया था। उन्होंने एक क्रिएटिव थिंकिंग सेमिनार अटेंड किया था और ऐसी 300 चीज़ों की एक लिस्ट बनाई जिन्हें बदलकर वो अपने पेशेंट के एक्सपीरियंस को बेहतर बना सकते थे।
उस डेंटिस्ट ने अपने पेशेंट्स को एक डेंटल होम केयर रिपोर्ट कार्ड ऑफर की। अगर बच्चों को सारे A मिलते, तो वो उन्हें फ्री गिफ्ट भी देते थे। जब पेशेंट्स घर चले जाते तो वो रात को या फिर अगले दिन उनका हाल-चाल पूछने के लिए फ़ोन करते थे।
अगला, A का मतलब है Ask यानी पूछना। अपने कस्टमर्स से रेफरल्स के लिए पूछिए। ऐसा करने में शर्माइए मत या इस मौके का फ़ायदा उठाने में झिझक महसूस मत कीजिए। उन्हें साफ़-साफ़ कहिए कि आप चाहते हैं कि वो अपने दोस्तों को आपके बिज़नस के बारे में बताएँ।
अपनी expectations दिखाकर, आप उनसे रेफरल्स के बारे में पूछ सकते हैं। जैसे, डॉक्टर ऐसे पोस्टर टांग सकते हैं जिससे पेशेंट्स को अपने बारे में अच्छी बातें कहने का मोटिवेशन मिले।
आप रेफरल प्रमोशंस का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। आप हर कस्टमर को एक कार्ड, कूपन, डिस्काउंट या फिर एक फ्री गिफ्ट दे सकते हैं। उन्हें एक्स्ट्रा प्रमोशनल कंटेंट दीजिए ताकि वो अपने दोस्तों या अपनी फैमिली मेंबर्स के साथ इसे शेयर कर सकें।
इसका एक और तरीका है रेफरल इवेंट्स करना। जैसे, आप अपने सभी क्लाइंट्स को एक बर्थडे पार्टी में बुला सकते हैं। उनका अच्छा मनोरंजन कीजिए, स्वादिष्ट खाना खिलाइए और ड्रिंक्स सर्व कीजिए। वो और ज़्यादा लोगों को भी साथ लेकर आएँगे। ये आपके नए क्लाइंट्स बन सकते हैं।
आखिर में, R का मतलब है Recognize और Reward मतलब पहचानो और इनाम दो। अगर आप चाहते हैं कि आपके कस्टमर्स आपके लिए नए रेफरल्स लाएं तो आपके बिज़नस के बारे में लोगों को बताने के लिए उन्हें रिवॉर्ड दें।
जब भी आपको एक रेफरल मिले तो उस कस्टमर को फ़ोन कीजिए और उन्हें शुक्रिया कहिए या फिर उन्हें एक फ्री गिफ्ट भेजिए। इससे वो आपके पास और लोग भेजने के लिए मोटीवेट होंगे।
कस्टमर को रेफरल्स के लिए रिवॉर्ड देने के बाद, वो एक चैंपियन बन सकते हैं। चैंपियन वो होता है जो आपके और आपके बिज़नस के बारे में बात करना बंद ही नहीं करता। ज़रा सोचिए कि अगर आपके पास ऐसे 100 चैंपियंस हों तो? उनकी फ्री advertising की वजह से आपको कितने नए कस्टमर्स मिलेंगे?
Conclusion
एक ब्रैंड बनाने, फ्री advertising के ज़रिए फ़ायदा उठाने और लॉयल कस्टमर्स पाने के लिए ‘द अल्टिमेट मार्केटिंग प्लान’ बेस्ट गाइड है।
इस समरी में आपने, सक्सेसफुल मार्केटिंग के कई इम्पोर्टेन्ट प्रिंसिपल सीखे -
सबसे पहले, आपने सीखा कि अपना मार्केटिंग मैसेज बनाने के लिए पहले आपको अपने USP को पहचानना होगा। आपका यूनीक सेलिंग पॉइंट, आपके प्रोडक्ट या सर्विस का वो फीचर या फ़ायदा होता है जो आपके प्रोडक्ट को हिट बना सकता है। अपने प्रोडक्ट को एनालाइज़ करके, अपने कस्टमर्स की पसंद-नापसंद को स्टडी करके और अपने कोर वैल्यूज़ को पहचानकर, आप इसका पता लगा सकते हैं।
दूसरा, आपने सीखा कि आपके प्रोडक्ट या सर्विस के लिए अच्छा presentation बनाने में 3 फैक्टर्स की ज़रुरत होती है: organised रहना, interesting रहना और एक्शन लेने के लिए लोगों को मानना।
तीसरा, आपने सीखा कि सही मार्केट चुनने से आपके पैसे, समय और एफर्ट की बचत होती है। आप अपने कस्टमर्स को ज्योग्राफिकल लोकेशन, डेमोग्राफिक ग्रुप या कम्युनिटी के हिसाब से चुन सकते हैं।
चौथा, आपने सीखा कि क्रेडिबिलिटी हासिल करने के लिए आपको टेस्टीमोनियल्स पर ध्यान देना होगा। अपने satisfied कस्टमर्स को टेस्टीमोनियल्स देने के लिए कहिए और अपने ad, न्यूज़लेटर और design के लिए इनका इस्तेमाल कीजिए।
पांचवा, आपने समझा कि आपका बिज़नस एक पज़ल की तरह होता है और एक क्लियर इमेज बनाने के लिए आपको उससे जुड़े हुए अलग-अलग पीस को जोड़ना होगा। ये इमेज आपका ब्रैंड है। अपने कस्टमर्स को अपने बिज़नस के बारे में बताने के लिए, इन सभी तरीकों का इस्तेमाल कीजिए।
छठा, आपने सीखा कि नॉन-प्रॉफिट ग्रुप्स को जॉइन करके, रेडियो या टीवी शोज़ में जाकर, अपने फील्ड में एक्सपर्ट बनकर या फिर एक बुक लिखकर, आपको फ्री advertising से होने वाला फ़ायदा मिल सकता है।
सातवाँ, आपने समझा कि सिर्फ मेहनत करना ही काफी नहीं है। अपने कस्टमर्स को और अपने पास बार-बार बुलाने के लिए आपको नए और interesting आइडियाज़, डेवलप करते रहना होगा।
आठवाँ, आपने सीखा कि advertising सस्ते तरीके से भी की जा सकती है। अगर आप स्मार्ट हैं तो आप अपने प्रोडक्ट्स को प्रमोट करने के लिए अपनी डिस्प्ले विंडो का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, किसी कस्टमर के कॉल को कभी नज़रअंदाज़ ना करें। शायद ये वो कॉल हो सकता है जो आपको अमीर बना दे।
आखिर में, आपने EAR के बारे में जाना जिसका मतलब है कस्टमर्स कमाएँ, रेफरल के लिए पूछें और जो आपके बिज़नस के बारे में किसी को बताता है तो उसे रिवॉर्ड दें।
आपका अल्टिमेट मार्केटिंग टूल है, चैंपियंस बनाना। ये कस्टमर्स, आपको और आपके प्रोडक्ट्स को इतना पसंद करते हैं कि वो आपके बारे में दूसरों को बताते रहते हैं।
कई चैंपियंस का भरोसा जीतना, मार्केटिंग करने का ऐसा हथियार है जिससे आप पैसा, नई लीड्स और अच्छी reputation कमा सकते हैं।